दूसरों का भला करने मात्र से प्राप्त होती प्रभु की कृपा
जागरण संवाददाता, नंगल लोक कल्याण के लिए गांव माणकपुर में आयोजित धार्मिक कार्यक्रम में प्राणी मा
जागरण संवाददाता, नंगल
लोक कल्याण के लिए गांव माणकपुर में आयोजित धार्मिक कार्यक्रम में प्राणी मात्र का आध्यात्मिक मार्गदर्शन करते हुए बाबा बाल जी ने कहा कि दूसरों का भला करने वाले व सभी को सही मार्ग पर चलने की प्रेरणा देने वाले प्राणी पर ही प्रभु अपनी कृपा दृष्टि करते हैं। उन्होंने कहा कि प्रभु को केवल समर्पण की भावना, प्रेम, सच्ची लगन तथा दुखियों की मदद करके ही पाया जा सकता है। जरूरतमंदों की सहायता के लिए सभी को सदैव तैयार रहना चाहिए। नई पीढ़ी को धर्म संस्कारों के साथ जोड़ना बहुत जरूरी हो गया है। इसके लिए धार्मिक कार्यक्रमों के आयोजन अधिक से अधिक करने होंगे। उन्होंने श्री कृष्ण का भजन प्रस्तुत करके समूचे वातावरण को भक्तिरस से सराबोर किया तथा कहा कि जिस घर में प्रेम व समर्पण की भावना का वातावरण है, भगवान वहीं वास करते हैं तथा घमंडी, अहंकारी लोग प्रभु की कृपा दृष्टि को कभी भी प्राप्त नहीं कर सकते।
पूज्य श्री ने कहा कि मनुष्य को समय निकाल कर प्रभु का अधिक से अधिक सिमरन करते रहना चाहिए, तभी वे खुद का कल्याण करने के साथ-साथ समाज में अच्छा वातावरण पैदा कर सकता है। सभी को प्रभु के सुमिरन के लिए कुछ न कुछ समय अवश्य निकालना चाहिए। कलयुग में मात्र नाम सुमिरन से ही प्राणी भव सागर से पार हो सकता है। इस अवसर पर बाबा बाल जी के शिष्य इंद्र मोहन कपिला ने बताया कि भौतिकवादी संसार में मानवता के अध्यात्मिक मार्गदर्शन के लिए संत बाबा बाल जी के ऐसे कार्यक्रम जारी रहेंगे। तदोपरांत पंडाल में उपस्थित हजारों भक्तजनों ने लगाए गए अटूट लंगर प्रसाद ग्रहण किया।