Move to Jagran APP

मलाह को तिलक लगा लोगों ने किया दान

हिंदू संस्कृति के विशेष पर्व माने जाते मकर संक्रांति पर सोमवार को नंगल इलाके में जगह-जगह कार्यक्रम आयोजित किए गए। कड़ाह प्रसाद व जरूरतमंदों में सहायता सामग्री का वितरण कर लोगों ने प्रभु से सुख समृद्धि की कामना की। भक्तों की संक्रांति पर आस्था इस तरह से नजर आ रही थी कि एक नहीं सैकड़ों लोगों ने सतलुज के ठंडे बर्फानी पानी में स्नान करके ही सूर्य देव को अ‌र्घ्य दिया। प्रात: से ही विभोर साहिब गांव के निकट तथा नंगल डैम झील के किश्ती घाट पर पूजा अर्चना के लिए पहुंचे भक्तों के सैलाब को देख यहां गंगा घाट जैसा नजारा दिख रहा था।

By JagranEdited By: Published: Mon, 14 Jan 2019 05:56 PM (IST)Updated: Mon, 14 Jan 2019 05:56 PM (IST)
मलाह को तिलक लगा लोगों ने किया दान
मलाह को तिलक लगा लोगों ने किया दान

सुभाष शर्मा, नंगल

loksabha election banner

हिंदू संस्कृति के विशेष पर्व माने जाते मकर संक्रांति पर सोमवार को नंगल इलाके में जगह-जगह कार्यक्रम आयोजित किए गए। कड़ाह प्रसाद व जरूरतमंदों में सहायता सामग्री का वितरण कर लोगों ने प्रभु से सुख समृद्धि की कामना की। भक्तों की संक्रांति पर आस्था इस तरह से नजर आ रही थी कि एक नहीं सैकड़ों लोगों ने सतलुज के ठंडे बर्फानी पानी में स्नान करके ही सूर्य देव को अ‌र्घ्य दिया। प्रात: से ही विभोर साहिब गांव के निकट तथा नंगल डैम झील के किश्ती घाट पर पूजा अर्चना के लिए पहुंचे भक्तों के सैलाब को देख यहां गंगा घाट जैसा नजारा दिख रहा था। भक्तिमय वातावरण तथा श्रद्धा व उल्लास से संपन्न हुए मकर संक्रांति पर्व पर इलाके में कड़ाके की ठंड के बावजूद प्रात: से ही विभोर साहिब के निकट सतलुज झील के घाट पर तथा दरिया के किनारे विभिन्न स्थानों पर लोगों ने पूजा अर्चना व दान करके दरिया में स्नान किया। देवी देवताओं का प्रात:काल माने जाते इस पर्व पर दान पुण्य के विशेष महत्व के मद्देनजर भारी संख्या में लोगों ने पुरानी परंपराओं के अनुसार विभोर साहिब के घाट तथा नंगल में बैसाखी ग्राउंड के साथ झील किनारे किश्तियों में बैठे मलाहों को तिलक लगाने के लिए भक्तों का सैलाब उमड़ा रहा। वरूण देवता की पूजा अर्चना करते हुए सुख समृद्धि की कामना की। प्रात: काल से ही भक्ति विभोर व आस्था में लीन भक्तजनों ने स्नान करके सूर्य देव को अ‌र्घ्य दिया। घाट पर भारी संख्या में भक्तजन विशेष कर बुजुर्ग महिलाओं ने ठंड के बावजूद जमीन पर बैठ कर पूजा अर्चना करके दान पुण्य किया। मछलियों को आटा डालने व अन्य प्रकार के दान करने में जुटे भक्तजनों की ओर से की गई पूजा अर्चना व आस्था का वातावरण देखते ही बन रहा था।

शुभ माना जाता है मकर संक्रांति के दिन सतलुज में स्नान

शिवालिक पहाड़ियों की गोद में मानसरोवर से पहुंचने वाले सतलुज दरिया के तटवर्ती गांव हंडोला में स्थित प्राचीन ब्रह्माहुति मंदिर में स्नान करना शुभ माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि यहां गहरे पानी के बीच ढाई सीढि़यां सोने की प्राचीन समय से ही मौजूद हैं। सृष्टि के रचयिता भगवान ब्रह्मा जी ने यहां लंबे समय तक घोर तपस्या की थी। द्वापर युग में पांडवों ने अपने वनवास के अज्ञात काल समय यहां आकर धार्मिक कार्यक्रम का अनुष्ठान किया। जैसे ही पांडवों ने यहां इस स्थल को हरिद्वार जैसा महान तीर्थ बनाने के लिए पूजा अर्चना शुरू की तभी प्रात: ढाई-तीन बजे के करीब पानी की आटा चक्कियों के चलने की आवाज सुनाई दी जिसे सुनते ही पांडव पूजा अनुष्ठान का कार्य बीच में ही छोड़ कर चल दिए जिससे यहां पांच पोड़ियां की बजाए ढाई पोड़ियां ही बन पाई। इन पोड़ियों के कारण इस मंदिर को आज मिन्नी हरिद्वार के नाम से जाना जाता है। इसी कारण से यहां इलाके में मकर संक्रांति व बैसाखी पर लोग सतलुज में स्नान करने को महाकुंभ में स्नान करने के समान ही समझते हैं। आज भी पुरानी परंपरा के अनुसार यहां महाकुंभ में किसी कारण स्नान न कर पाने वाले लोग यहां सतलुज में ही स्नान करके खुद को धन्य महसूस करते हैं।

दान व स्नान के लिए उमड़ा लोगों को सैलाब

बिभोर साहिब स्थित सतलुज झील के घाट पर स्नान दान के विशेष महत्व को जानने वाले लोग ठंड के बावजूद दूर-दराज से जुगाड़ जुटा कर यहां प्रात: ही पहुंच गए थे। अंबाला से आए राकेश कुमार व पानीपत से पूजा अर्चना के लिए परिजनों सहित नंगल पहुंचे दिनेश कुमार, राजेश कुमार व सूरज शर्मा ने बताया कि वे प्रति वर्ष यहां घाट पर स्नान करके ही नव वर्ष के योजनाबद्ध कार्यो के सफल होने की कामना करने आते हैं। चंडीगढ़ के अशोक कुमार ने भी इस बार सतलुज के घाट पर पहुंच कर अपने पूर्वजों को याद करके लोक कल्याण की कामना करते हुए स्नान के बाद दान-पुण्य किया।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.