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नंगल डैम पर बने रेल ट्रैक पर दौड़ रहीं पैसेंजर ट्रेनें

नंगल देश के संवेदनशील स्थलों की श्रेणी में आते नंगल डैम के ऊपर से गुजरते नार्दर्न रेलवे के ब्रॉडगेज ट्रैक से अब तक नंगल शहर में स्थित कारखानों का लाखों टन माल विगत दशकों के दौरान गुजर चुका है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 10 Dec 2018 11:15 PM (IST)Updated: Mon, 10 Dec 2018 11:15 PM (IST)
नंगल डैम पर बने रेल ट्रैक पर दौड़ रहीं पैसेंजर ट्रेनें
नंगल डैम पर बने रेल ट्रैक पर दौड़ रहीं पैसेंजर ट्रेनें

सुभाष शर्मा, नंगल

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देश के संवेदनशील स्थलों की श्रेणी में आते नंगल डैम के ऊपर से गुजरते नार्दर्न रेलवे के ब्रॉडगेज ट्रैक से अब तक नंगल शहर में स्थित कारखानों का लाखों टन माल विगत दशकों के दौरान गुजर चुका है। अब तो इस ट्रैक से यात्री गाड़ियां भी बेशुमार गुजरने लगी हैं। देश की आजादी के बाद भाखड़ा बांध के निर्माण के समय बनाए गए नंगल डैम के ऊपर से ट्रेन का ट्रैक इसलिए बनाया गया था, ताकि यहां खाद बनाने वाले कारखाने एनएफएल के कच्चे माल व बनने वाली खाद की मालगाड़ी से ढुलाई की जा सके। सूत्रों के मुताबिक उस समय भाखड़ा ब्यास प्रबंध बोर्ड ने 10 साल के लिए ट्रेन का ट्रैक प्रयोग करने की अनुमति प्रदान की थी, लेकिन अब डैम के ऊपर से गुजरते ट्रैक को मालगाड़ी के अलावा हिमाचल प्रदेश तक जाने वाली यात्री गाड़ियों के लिए भी प्रयोग में लाना शुरू किया जा चुका है।

नंगल में बनने शुरू हुए फोरलेन फ्लाइओवर की डिजाइनिंग भी इस प्रकार से की जा चुकी है कि भविष्य में नंगल डैम के ऊपर से ही रेलगाडि़यां गुजरेंगी जो सुरक्षा के लिए तो घातक है ही बल्कि इस बात का भी बड़ा खतरा है कि यदि नंगल डैम से गुजरते समय यात्री गाड़ी रुक जाए तो बड़ा हादसा हो सकता है, क्योंकि डैम के ऊपर बने ट्रैक के साथ कोई प्लेटफार्म या फिर नीचे उतरने के समय समतल प्लेटफार्म जैसे प्रबंध नहीं हैं। ऐसे में ट्रेन से उतरते ही यात्री सीधे करीब 35 फीट नीचे बह रहे ऊफान भरे पानी में गिरकर जान गंवा सकते हैं।

गत 21 अक्टूबर को नया नंगल में नंगल की तरफ आ रही ट्रेन का इंजन फेल हो गया था। राहत की बात है कि उस समय ट्रेन पीछे ही रुक गई थी, अन्यथा यदि डैम के ऊपर ट्रेन रुक जाती तो कई यात्रियों की जानें जा सकती थीं, क्योंकि ट्रेन रुकते ही अक्सर यात्री जागरूकता के अभाव में डिब्बों के बाहर कूदना शुरू कर देते हैं। ऐसे में इस बात का पूरा खतरा बना हुआ है कि डैम के ऊपर यदि ट्रेन रुकती है तो बड़ा हादसा हो सकता है। लाखों टन सामान गुजर चुका है डैम के रेलवे ट्रैक से

उपलब्ध हुए आंकड़ों के अनुसार नेशनल फर्टिलाइजर लिमिटेड नया नंगल इकाई का वर्ष 2013 के दौरान कोयले के 62 रैक जिनमें 2 लाख 17 हजार टन कोयला दूर प्रांतों से एनएफएल में पहुंचा है। एनएफएल से ही पैदा किए गए यूरिया के 122 रैक में 2 लाख 20943 टन यूरिया बाहर प्रांतों की ओर तैयार करके भेजा जा चुका है। इसके अलावा पीएसीएल कंपनी नया नंगल में वर्ष 2013 के दौरान नमक के 44 रैक यानी एक लाख 40 हजार टन नमक उक्त कंपनी में कच्चे माल के रूप में पहुंच चुका है। इन आंकड़ों को देखकर यह अनुमान सहज ही लगाया जा सकता है कि अब तक नंगल डैम पानी के नियंत्रण व वितरण के अलावा अपने ऊपर से कितना बोझ ढोकर देश की प्रगति में योगदान दे चुका है। सुरक्षा के कड़े घेरे में इतने बड़े पैमाने पर ट्रैफिक व माल का बोझ ढो रहे नंगल डैम को आज तक इस बोझ से राहत दिलाने के लिए मात्र औपचारिकता के अलावा की गई कार्रवाई को शून्य ही कहा जा सकता है। यहां यह बताना अनिवार्य है कि नंगल डैम झील के दोनों तरफ बसे शहर के साथ-साथ हिमाचल व पंजाब को जोड़ने वाला राष्ट्रीय उच्च मार्ग एक्सटेंशन 503 नंगल डैम के ऊपर से ही गुजरता है। किसी भी समय आपातकाल में ऐसा कोई विकल्प मार्ग नंगल इलाके में नहीं है जहां से इतना बड़ा ट्रैफिक व कच्चा माल इधर से उधर ले जाया जा सके। यही वजह है कि यहां रोजाना रुक-रुक कर होने वाला ट्रैफिक जाम बरकरार है।

डैम के ऊपर रुकी जन शताब्दी से टला था हादसा

नंगल डैम के ऊपर से गुजरते उत्तर रेलवे के रेल ट्रैक पर गत 7 मई 2018 को रात्रि करीब 11 बजे एक मंदबुद्धि नौजवान के ट्रैक पर आ जाने से जन शताब्दी ट्रेन को डैम के ऊपर ही रोकना पड़ गया था। राहत की बात है कि ट्रेन ऊना से वापस खाली आ रही थी, अन्यथा यात्री नीचे उतरने के चक्कर में गहरे पानी में गिर सकते थे। उस समय बिभोर साहिब गांव के नौजवान गुरसिमरत सिंह पंछी, सज्जन सिंह, मनोज कुमार, विनय कुमार ने गहरे पानी के ऊपर से गुजरते रेलवे ट्रेक पर खड़ी जनशताब्दी ट्रेन तक पहुंच कर ट्रेक पर लेटे नौजवान को जोखिम उठा कर बाहर निकाला था। इस वजह से डैम पर करीब आधे घंटे तक जनशताब्दी ट्रेन रुकी रही।

ट्रैक हटाने के बारे में बीबीएमबी कह चुका है रेलवे को

भाखड़ा ब्यास प्रबंध बोर्ड ने नंगल डैम की संवेदनशीलता को देखते हुए नार्दर्न रेलवे को पत्र लिखा है कि रेलवे ट्रैक को नंगल डैम से हटा कर दूसरी जगह पर बनाया जाए। इस बारे में करीब दो साल पहले केंद्र सरकार को पत्र भेजा जा चुका है।

इंजी. एचएल कंबोज, डिप्टी चीफ इंजीनियर, भाखड़ा बांध। डैम से ट्रैक हटाने की फिलहाल कोई योजना नहीं

नंगल डैम रेलवे स्टेशन के स्टेशन अधीक्षक तरलोक चंद ने कहा कि नंगल डैम से गुजरते रेल ट्रैक को यहां से हटाने की फिलहाल कोई योजना है व न ही यह कोई आसान काम है। ट्रैक हटाने का कोई प्लान अभी तक नहीं बना है।


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