नंगल कौंसिल में ईओ भूपेंद्र सिंह ने संभाला कार्यभार
वार्षिक 90 करोड़ के बजट वाली नंगल नगर कौंसिल के लिए पंजाब सरकार के स्थानीय निकाय विभाग के आदेशों से कार्यकारी अधिकारी नियुक्त किए गए भूपेंद्र सिंह ने बुधवार को अपना कार्यभार संभाल लिया है।
जागरण संवाददाता, नंगल: वार्षिक 90 करोड़ के बजट वाली नंगल नगर कौंसिल के लिए पंजाब सरकार के स्थानीय निकाय विभाग के आदेशों से कार्यकारी अधिकारी नियुक्त किए गए भूपेंद्र सिंह ने बुधवार को अपना कार्यभार संभाल लिया है। इस मौके पर नगर कौंसिल के कर्मचारियों तथा कौंसिल प्रधान सहित पार्षदों ने उन्हें पदभार संभालने पर बधाई देते हुए पूर्ण सहयोग का भरोसा दिलाया। नगर कौंसिल के प्रधान संजय साहनी के अलावा म्यूनिसिपल इंजीनियर युद्धवीर सिंह, एएमई भूपेंद्र सिंह, सुपरिटेंडेंट खुशविदर सिंह, लेखाधिकारी विजय कुमार के अलावा एटीपी परमजीत सिंह, शिवालिक फार्मेसी कालेज के प्रिसिपल डा. डीएन प्रसाद, पार्षद दीपक नंदा, जेई राकेश जोशी, दलजीत सिंह, रोहित कुमार, राकेश शर्मा, सुमन शर्मा, सेनेटरी इंस्पेक्टर बलविदर सिंह, फायर अधिकारी अमरप्रीत सिंह, म्यूनिसिपल इंप्लाइज यूनियन के प्रधान कौशल कुमार, मुनीश कुमार, राकेश पुरी आदि ने ईओ को पदभार संभालने पर बधाई दी। 10 साल पहले 17 मई 2012 को भी भूपेंद्र सिंह ने नंगल नगर कौंसिल के ईओ का पदभार संभालने के बाद अपनी सेवाएं प्रदान की हैं। ऐसे में उनके लंबे अनुभव के परिणामस्वरूप यह उम्मीद की जा रही है कि अब नंगल शहर में लोगों को सुविधाजनक वातावरण मिलेगा। ईओ की नियुक्ति को एक चुनौती भी कहा जा सकता है क्योंकि एक नहीं अनगिनत ऐसे मसले बरकरार हैं जिनके समाधान के लिए शहर में लंबे समय से लोग पुरजोर मांग उठाते आ रहे हैं। उम्मीद जताई जा रही है कि शहर में सड़क मार्गों, स्ट्रीट लाइट, स्वच्छता का वातावरण, पर्याप्त स्वच्छ पेयजल आपूर्ति तथा नंगल नगर कौंसिल में शामिल किए गए रामपुर सानीं, मैदा माजरा, कथेड़ा, कंचेड़ा, जवाहर मार्केट आदि इलाकों में लंबित पड़े जरूरी कार्य भी पूरे हो सकेंगे। यह भी उम्मीद की जा रही है कि एनएफएल, नार्दर्न रेलवे तथा भाखड़ा ब्यास प्रबंध बोर्ड से संबंधित विकास कार्यों के तैयार प्रोजेक्टों को शुरू करवाने के लिए ईओ भूपेंद्र सिंह पंजाब सरकार के वादों के अनुसार निष्पक्षता से संतोषजनक सेवाएं प्रदान करेंगे। बता दें कि उक्ति संस्थानों के साथ जरूरी समझे जा रहे कोआर्डिनेशन के अभाव कारण कई मसले लंबित पड़े हैं जिनकी वजह से स्वच्छता का वातावरण प्रभावित होने के साथ ही व्यापक जनहित से संबंधित कई कार्य पूरे नहीं हो पा रहे हैं। करोड़ों के काम छोड़ कर जा चुके ठेकेदारों की वजह से परेशान लोगों को भी नए ईओ से बड़ी राहत मिलने की उम्मी्द है।