आगे धरना रोष मार्च निकलता गया, पीछे दुकानें खुलती गई
रूपनगर में नागरिकता संशोधन अधिनियम 2019 (सीएए) के विरोध में मुस्लिम समुदाय सहित पीएसयू व शिअद अमृतसर की संयुक्त रूप से की गई बंद की कॉल शनिवार को जिले में पूरी तरह से फ्लॉप रही।
संवाद सहयोगी, रूपनगर: रूपनगर में नागरिकता संशोधन अधिनियम 2019 (सीएए) के विरोध में मुस्लिम समुदाय सहित पीएसयू व शिअद अमृतसर की संयुक्त रूप से की गई बंद की कॉल शनिवार को जिले में पूरी तरह से फ्लॉप रही। हालांकि इस कॉल से आम लोगों में डर बना हुआ था। इसको लेकर पुलिस ने पुख्ता प्रबंध भी किए गए थे, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ। बंद की कॉल को पूरी तरह से दरकिनार करते हुए सुबह से लेकर शाम तक सड़कों पर जहां यातायात सुचारू रहा। शहर के सारे बाजार पहले की तरह खुले रहे। यहां तक कि मुस्लिम समुदाय की ज्यादातर दुकानें व फड़ियां खुली रही। इससे पहले सुबह जब दावत-ए-इस्लामी यूथ विग व शिअद अमृतसर ने संयुक्त रूप से बाजार के अंदर रोष मार्च निकाला, तो किसी झगड़े के डर से दुकानदारों ने मात्र दस मिनट के लिए दुकानों के शटर डाउन कर दिए। इसके बाद जैसे- जैसे रोष प्रदर्शन करने वाले आगे बढ़ते गए , दुकानें भी खुलती चली गई , जो पूरा दिन खुली ही रहीं। रोष प्रदर्शन में पीएसयू का कोई सदस्य शामिल नहीं हुआ, लेकिन रोष मार्च में पीएसयू का बैनर जरूर शामिल किया गया था।
इस मौके दावत-ए-इस्लामी यूथ विग के जिलाध्यक्ष कादिर अहमद व शिअद अमृतसर के जिलाध्यक्ष फौजा सिंह धनौरी ने कहा कि नागरिकता संशोधन अधिनियम 2019 सहित एनआरसी व एनपीआर भारत के हर अल्पसंख्यक के खिलाफ है। उन्होंने कहा कि नागरिकता होने की पुष्टि के लिए सरकार जन्म प्रमाण व जमीनी रिकॉर्ड को आधार बना रही है। मोदी सरकार एनआरसी से मुस्लिम समुदाय के खिलाफ नफरत का माहौल बनाते हुए हिदू व मुसलमानों में दरार पैदा करने की साजिश रच रही है। उन्होंने केंद्र सरकार का पुतला फूंकते हुए मांग की कि देश के हित में नागरिकता संशोधन अधिनियम 2019 सहित एनआरसी व एनपीआर को रद्द किया जाए। इस दौरान फौजा सिंह धनौरी, मौलवी अजहर हुसैन जामा मस्जिद रूपनगर, मौलवी शाकिर अहमद इमाम मस्जिद कोटला निहंग, अब्दुल रशीद नूरी, भोला खान, कुलदीप सिंह बागोवाल, राहुल खान, भुपिदर सिंह, बलबीर सिंह, इरशाद अली, सरताज, आबिद, सब्बीर, सौदागर सिंह, उस्मान, इस्ताक अली, खलील भाई व सलीम हुसैन, अहमद हुसैन, यूनुस खान व रहीम हुसैन आदि भी हाजिर थे।