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नौ सेक्टरों में बंटा श्री नयना देवी क्षेत्र, जिला मजिस्ट्रेट होंगे मेला अधिकारी

आनंदपुर साहिब श्रावण नवरात्र मेले को लेकर हिमाचल प्रशासन ने कमर कस ली है। इस संबंध में मंदिर न्यास श्री नयना देवी उपायुक्त विवेक भाटिया ने बैठक में आदेश दिए हैं कि शक्तिपीठ श्री नयनादेवी जी में आगामी 12 अगस्त से 20 अगस्त 2018 तक लगने वाले श्रावण अष्टमी मेलो के सफल आयोजन के लिए हरेक कर्मचारी व अधिकारी पूरी तनदेही से काम करे।

By JagranEdited By: Published: Thu, 12 Jul 2018 10:19 PM (IST)Updated: Thu, 12 Jul 2018 10:19 PM (IST)
नौ सेक्टरों में बंटा श्री नयना देवी क्षेत्र, जिला मजिस्ट्रेट होंगे मेला अधिकारी
नौ सेक्टरों में बंटा श्री नयना देवी क्षेत्र, जिला मजिस्ट्रेट होंगे मेला अधिकारी

संवाद सहयोगी, आनंदपुर साहिब

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श्रावण नवरात्र मेले को लेकर हिमाचल प्रशासन ने कमर कस ली है। इस संबंध में मंदिर न्यास श्री नयना देवी उपायुक्त विवेक भाटिया ने बैठक में आदेश दिए हैं कि शक्तिपीठ श्री नयनादेवी जी में आगामी 12 अगस्त से 20 अगस्त 2018 तक लगने वाले श्रावण अष्टमी मेलो के सफल आयोजन के लिए हरेक कर्मचारी व अधिकारी पूरी तनदेही से काम करे। लेकिन अहम बात ये है कि श्री नयना देवी मेले में पहुंचने वाली संगत का पहला पड़ाव आनंदपुर साहिब होता है। अभी तक यहां श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए कोई तैयारी आरंभ नहीं हुई है। न ही प्रशासन स्तर पर कोई बैठक हो पाई है। उन्होंने बताया कि मेले के दौरान अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट को मेला अधिकारी व उप-मंडलाधिकारी स्वारघाट को सहायक मेला अधिकारी तथा अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक को पुलिस मेला अधिकारी नियुक्त किया जाएगा। मेला श्री नयना देवी जी के पूरे क्षेत्र को नौ सेक्टरों में बांटा जाएगा तथा प्रत्येक सेक्टर में सेक्टर अधिकारी तैनात किए जाएंगे तथा लगभग 25 स्थानों पर रोड मैप लगाए जाएंगे। यह रोड मैप श्रद्धालुओं को जानकारी देंगे कि वे कहां पहुंच रहे हैं तथा किस-किस स्थान पर कौन सी सुविधाएं उपलब्ध हैं। इस मेले के दौरान कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुख्ता प्रबंध किए जाएंगे तथा नागरिक सुरक्षा व यातायात सुचारू व सुनिश्चित करने के लिए पुलिस, होमगार्ड जवानों के अलावा लगभग 150 सेवा दल के जवानों को सभी सेक्टरों में अपनी सेवाएं देने के लिए तैनात किया जाएगा। इसी प्रकार मेला स्थल के दो स्थानों पर गैस के बड़े-बड़े गुब्बारे लगाए जाएंगे तथा मेले के दौरान गुम होने वाले बच्चों को उस स्थान पर रखा जाएगा ताकि गुम होने वाले बच्चों के परिजन उन्हें वहां से सुरक्षित ले जा सकें। असुरक्षित भवनों में न ठहरें श्रद्धालु उन्होंने बताया मेले से पूर्व कार्यकारी अधिकारी नगर परिषद श्री नयना देवी जी के भवनों में जाकर निरीक्षण करेंगे ताकि श्रद्धालुओं को इन भवनों में ठहरने में किसी प्रकार की कोई भी परेशानी न हो। उन्होंने कहा कि श्री नयना देवी जी के प्रत्येक भवन का पूर्ण रूप से निरीक्षण किया जाए तथा यदि कोई भवन असुरक्षित है तो उसमें श्रद्धालुओं को न ठहराने के लिए निर्देश दिए जाएंगे। उन्होंने कहा कि निरीक्षण कमेटी वर्ष 2000 से पहले बने भवनों का गहराई से निरीक्षण करें। उन्होंने कहा कि श्रद्धालुओं को ठहराने के लिए सभी को निर्धारित निरीक्षण कमेटी से अनापत्ति प्रमाण पत्र लेना अनिवार्य है।

पुलिस सहायता केंद्र दिन रात करेंगे काम

उन्होंने बताया कि श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए मेले के दौरान टोबा, घवांडल, ¨सहद्वार तथा बस अडडा में पुलिस सहायता केंद्र स्थापित किए जाएंगे जोकि दिन-रात चौबीस घंटे कार्य करेंगे। मेले के दौरान किसी भी प्रकार की भगदड़ या अप्रिय घटना को रोकने के लिए पुख्ता प्रबंध किए जाएंगे तथा बस स्टॉप से माता के दरबार तक पैदल रास्तों में कम से कम 5 या 6 बैरियर सौ से 150 मीटर पर स्थापित किए जाएंगे ताकि श्रद्धालुओं की भीड़ को रोका जा सके तथा भगदड़ की संभावना से भी बचा जा सके। वाट्सएप नंबर होगा जारी श्रद्धालुओं को मेले के दौरान किसी भी विषय पर अपनी समस्या को रखने के लिए मेला कमेटी द्वारा वाट्सएप नंबर जारी किया जाएगा। इस नंबर पर श्रद्धालु अपनी समस्या की शिकायत कर सकेंगे। जबकि मेले की वास्तविक स्थिति के लिए अधिकारियों तथा कर्मचारियों का वाट्सएप ग्रुप बनाया जाएगा। सफाई व्यवस्था रहेगी चाकचौबंद मेले के दौरान सफाई व्यवस्था बनाए रखने के लिए व्यापक व विशेष प्रबंध किए जाएंगे तथा मौजूदा सफाई कर्मियों के अलावा 110 से भी अधिक अस्थाई सफाई कर्मी सेक्टर वाइस तैनात किए जाएंगे। कूड़े-कचरे को एकत्र करने के लिए कलेक्शन सेंटर भी बनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि मेले के दौरान विभिन्न निर्धारित स्थलों पर अस्थाई शौचालयों की व्यवस्था की जाएगी ताकि इधर-उधर गंदगी न फैले। क्विक रेस्क्यू टीम का होगा गठन मेले में नोडल अधिकारी के अलावा सेक्टर वाइस सुपरवाइजर भी नियुक्त किए जाएंगे। उन्होंने बताया कि आपात स्थिति से निपटने के लिए क्विक रेस्क्यू टीम गठित की जाएगी, जोकि स्वास्थ्य टीम के साथ तालमेल बिठाकर मेले के दौरान 24 घंटे मुस्तैद रहेगी। उन्होंने कहा कि मेले के दौरान प्रत्येक सेक्टर में एक-एक स्ट्रैचर व कर्मी तैनात किए जाएंगे। बैठक में निर्णय लिया गया कि श्रद्धालुओं के अपने समूह से पिछड़ने या अलग हुए श्रद्धालुओं की अनाउंसमेंट व सहयोग के लिए 6 सूचना केंद्र जिसमें टोबा, घवांडल, नया बस अडडा, ¨सहद्वार, नगर परिषद तथा गूफा में सूचना केंद्र स्थापित कर अनाउसमेंट सिस्टम लगाया जाएगा।


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