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सफर-ए-शहादत के तहत सहेड़ी में कीर्तन दरबार सजाया

संवाद सूत्र, मो¨रडा गुरु गोबिंद सिंह जी ने आनंदपुर साहिब के किला आनंदगढ़ साहिब छोड़ने

By Edited By: Published: Fri, 23 Dec 2016 06:12 PM (IST)Updated: Fri, 23 Dec 2016 06:12 PM (IST)
सफर-ए-शहादत के तहत सहेड़ी में कीर्तन दरबार सजाया

संवाद सूत्र, मो¨रडा

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गुरु गोबिंद सिंह जी ने आनंदपुर साहिब के किला आनंदगढ़ साहिब छोड़ने के बाद सरसा नदी पर परिवार को छोड़ने के उपरांत माता गुजरी जी, छोटे साहिबजादे बाबा जोरावर ¨सह एवं बाबा फतेह ¨सह जी को साथ लेकर सात पौष की रात को गांव चक्कढेरां में कुम्मा माश्की की झुग्गी आए एवं आठ पौष को गंगू ब्राह्माण के साथ उसके गांव खेड़ी (सहेड़ी) में आए थे। इस पवित्र दिन को ताजा करने के लिए गुरुद्वारा फतेहगढ़ साहिब के हेड ग्रंथी हरपाल ¨सह की ओर से सफर-ए-शहादत लहर के तहत गुरुद्वारा अट्टक साहिब में कीर्तन दरबार करवाया गया। इस मौके पर श्री गुरु ग्रंथ साहिब सेवा सोसायटी चंडीगढ़ का जत्था, भाई द¨वदर ¨सह दरबार साहिब, भाई र¨वदर ¨सह, भाई मेहताब ¨सह लुधियाना वाले, भाई नूरदीप ¨सह, भाई म¨नदर ¨सह श्री नगर वाले तथा भाई हरपाल ¨सह फतेहगढ़ साहिब वाले ने संगत को कीर्तन से निहाल किया। इस मौके पर कमेटी सदस्य अजमेर ¨सह खेड़ा, हरपाल ¨सह दतारपुर, सुरमुख ¨सह डेरा कारसेवा, परमपाल ¨सह, पर¨मदर ¨सह, चरणजीत ¨सह चन्ना, ज्ञानी ह¨रदर ¨सह, र¨वदर ¨सह राजू, जगनदीप ¨सह अनंद, अर¨वदर ¨सह, हरदीप ¨सह अनंद, कमलप्रीत ¨सह, राजू विरदी, अमनदीप ¨सह, पवनप्रीत ¨सह, अमरप्रीत ¨सह उपस्थित थे।


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