डेंगू की रोकथाम में लिए रखें घर व आसपास सफाई
सिविल अस्पताल के जिला प्रशिक्षण शिविर में स्वास्थ्य विभाग के निर्देशों पर डेंगू की रोकथाम के लिए बैठक की गई।
संवाद सहयोगी, रूपनगर : सिविल अस्पताल के जिला प्रशिक्षण शिविर में स्वास्थ्य विभाग के निर्देशों पर डेंगू की रोकथाम के लिए बैठक की गई। जिसकी अध्यक्षता सिविल सर्जन डॉ. एचएन शर्मा ने की।
इस दौरान सिविल सर्जन ने स्पष्ट रूप से कहा कि डेंगू का इलाज संभव है, अगर डेंगू होने के बाद इलाज में देरी कया इलाज दौरान लापरवाही की जाए तो डेंगू घातक भी हो सकता है। तेज बुखार, सिर व मांसपेशियों के साथ साथ आंखों के भीतरी हिस्से में दर्द होना, मसूड़ों व नॉक से रक्तस्राव होना डेंगू के लक्षण हैं। उन्होंने यह भी बताया कि डेंगू का मच्छर साफ व खड़े पानी में पैदा होता है, जबकि यह मच्छर सुबह के समय या शाम को काटता है।
उन्होंने कहा कि डेंगू से बचने के लिए कहीं भी पानी खड़ा नहीं होने ेंद तथा जहां पानी खड़ा हो उसमें काले तेल का छिड़काव करें। उन्होंने पूरी बाजू के कपड़े पहनने के साथ-साथ सोते वक्त मच्छरदानी का प्रयोग करने आदि की जहां सलाह दी, वहीं बुखार होने की सूरत में केवल पैरासीटामोल की गोली लेने को कहा। उन्होंने यह भी कहा कि डेंगू के लक्षण मिलने पर बिना देरी नजदीक के अस्पताल में टेस्ट करवाएं, ताकि समय रहते इलाज संभव हो सके।
पिछले साल के मुकाबले इस बार काफी कम हुई मरीजों की संख्या
सिविल सर्जन से प्राप्त की गई जानकारी के अनुसार वर्ष 2018 के दौरान जिले में डेंगू के 448 केस आए थे, जबकि इस साल अक्टूबर तक मात्र 59 केस ही सामने आए हैं। उन्होंने कहा कि यह उपलब्धि स्वास्थ्य विभाग की मेहनत व लोगों के जागरूक होने से ही संभव हो सकी है।