Move to Jagran APP

छह साल बाद भ्रष्टाचार की शिकायत की जांच करने पहुंचा सीवीसी

नंगल नगर कौंसिल पर विगत में लगाए गए कथित भ्रष्टाचार के आरोपों पर एक बार फिर जाच शुरू हो गई है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 24 Sep 2019 10:37 PM (IST)Updated: Tue, 24 Sep 2019 10:37 PM (IST)
छह साल बाद भ्रष्टाचार की शिकायत की जांच करने पहुंचा सीवीसी
छह साल बाद भ्रष्टाचार की शिकायत की जांच करने पहुंचा सीवीसी

जागरण संवाददाता, नंगल: करीब 100 करोड़ का वार्षिक बजट रखने वाली नंगल नगर कौंसिल पर विगत में लगाए गए कथित भ्रष्टाचार के आरोपों पर एक बार फिर जाच शुरू हो गई है। स्थानीय निकाय विभाग की ओर से चीफ विजिलेंस कमिशन को सौंपी गई जाच के लिए नियुक्त किए गए जांच अधिकारी गुर प्रताप सिंह (म्यूनिसिपल इंजीनियर) ने नगर कौंसिल मुख्यालय में पहुंचकर शिकायतकर्ता पार्षद एडवोकेट परमजीत सिंह पम्मा के बयान दर्ज किए। बता दें कि 26 दिसंबर 2013 को यह शिकायत स्थानीय निकाय विभाग को भेजकर जाच की माग की थी कि कि मार्च 2010 से 26 मार्च 2013 तक नगर कौंसिल की ओर से सतलुज पार्क में बनाए गए 1.25 करोड़ के स्वीमिंग पूल, 25 करोड़ रुपए से लगाए पेवर ब्लॉक, बनावटी झील, महंगी कीमत पर खरीदे गए बैंच, ग्रीन बैल्ट के नाम पर खर्ची गई भरकम राशि के साथ-साथ मापदंडों के विरूद्ध करवाए गए कार्यो की जांच करवाई जाए। अब करीब छह साल बाद इस मामले की जाच शुरू हुई है। राज्य में काग्रेस की सरकार बनते ही उस समय के स्थानीय निकाय मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने नंगल आकर स्वीमिंग पूल का खुद दौरा किया था। उन्होंने इस पूरे मामले में हैरानी जताते हुए भरोसा दिलाया था कि जल्द जाच करवाकर भ्रष्टाचार को बेनकाब किया जाएगा। वर्ष 2017 की 29 अप्रैल को नंगल आए स्थानीय निकाय मंत्री के आदेशों के बाद भी आज तक भी कोई कार्रवाई स्वीमिंग पूल बनाने में बरती गई अनियमितता के संबंध में कोई कार्रवाई नहीं हुई थीे। पब्लिक है सब जानती है उस दौरान दौरे पर आए सिद्धू ने कहा था कि 'भई यहां तो घटिया सामग्री प्रयोग की गई है। 'यह कैसा स्वीमिंग पूल है, जो पानी को सड़ा रहा है।' अपने मजाकिए अंदाज में उन्होंने कहा था कि तीन करोड़ से बना नंगल का स्वीमिंग पूल तो मात्र तीन महीने ही चला,जबकि उन्होंने इससे आधे पैसे में अपना ऐसा बढि़या स्वीमिंग पूल बनाया है, जो सर्दियों में पानी गर्म कर देता है व सारा साल चलता है। नंगल वालों को इस पुल का नाम प्यासा स्वीमिंग पूल रख देना चाहिए। भई चिंता न करो हमें बताने की कुछ जरूरत नहीं। 'ये पब्लिक है सब जानती है'। नंगल के लोग जानते हैं कि पारदर्शिता को ताक पर रख कर किए कार्यो के तहत किस तरह से विगत में पेवर ब्लॉक लगाने जैसे कार्यो पर जनता का करोड़ों रुपया पानी की तरह बहाया गया है।' जांच से हो सकता है भ्रष्टाचार उजागर भ्रष्टाचार की जाच उठाने वाले एडवोकेट परमजीत सिंह पम्मा ने कहा है कि उन्होंने ही 26 दिसंबर 2013 को कौंसिल में व्याप्त कथित करोड़ों के भ्रष्टाचार की शिकायत करके जाच की माग उठाई थी, लेकिन अब काफी देर हो चुकी है। भ्रष्टाचार के प्रमाण मिलना मुश्किल भरा तो है, लेकिन फिर भी उन्हें काफी खुशी है कि मौजूदा सरकार ने भ्रष्टाचार के विरुद्ध प्रयास तेज करके स्थानीय निकाय विभाग को जाच के आदेश दिए हैं। निश्चित रूप से यदि निष्पक्ष जाच होती है तो बड़े पैमाने पर फैला भ्रष्टाचार उजागर हो सकता है।

loksabha election banner

Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.