नदी में औद्योगिक प्रदूषण से 10 किलोमीटर क्षेत्र में मरी हजारों मछलियां
स्वां नदी के द्वारा हिमाचल की तरफ से पंजाब के सतलुज दरिया में आकर मिले औद्योगिक प्रदूषण ने हजारों मछलियों की जान ले ली।
नंगल [सुभाष शर्मा]। स्वां नदी के द्वारा हिमाचल की तरफ से पंजाब के सतलुज दरिया में आकर मिले औद्योगिक प्रदूषण ने हजारों मछलियों की जान ले ली। शुक्रवार सुबह स्वां नदी से सटे इलाके के लोगों ने जब दरिया के पास जाकर देखा तो मछलियां मरी पड़ी थीं। ऐसा पहली बार नहीं है जब हिमाचल के औद्योगिक प्रदूषण ने पंजाब में नुकसान पहुंचाया है।
नंगल उपमंडल के गांव नानग्रां के आगे एलग्रां इलाके से निकलते सतलुज दरिया के करीब 10 किलोमीटर क्षेत्र में हजारों मछलियां मरी देखी गई हैं। ग्रामीणों ने बताया कि कुछ लोग सुबह करीब 7 बजे दरिया के पास गए तो देखा कि हिमाचल की तरफ से आ रहे पानी के साथ मरी हुई मछलियां भी बह कर आ रही थीं।
इसका मुख्य कारण यही माना जा रहा है कि हिमाचल के औद्योगिक प्रदूषण ने ही मछलियों को नुकसान पहुंचाया है। मछलियों के मरने की खबर मिलते ही पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर कार्रवाई शुरू कर दी। अधिकारियों ने मरी हुई मछलियों को बाहर निकलवाया और पानी के सैंपल भरे।
स्वां नदी में गिरता है हिमाचल के उद्योगों का कचरा
हिमाचल प्रदेश के औद्योगिक क्षेत्र ग्वालथाई, टाहलीवाल व मैहतपुर स्थित उद्योगों का कचरा स्वां नदी में गिरता है। यह नदी हिमाचल से होते हुए पंजाब के नंगल स्थित सतलुज दरिया में मिलता है। पहले भी हिमाचल प्रदेश के औद्योगिक प्रदूषण के कारण मछलियां मरती रहती हैं।
हिमाचल की तरफ आए प्रदूषण से ही मरीं मछलियां : जतिन
पंजाब प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के एसडीओ जतिन जोशी ने बताया कि सेहजोवाल से लेकर आगे पंजाब के एलग्रां गांव तक कहीं भी पंजाब में कोई इंडस्ट्री नहीं चल रही है। अब तक यही जानकारी मिली है कि हिमाचल की तरफ से स्वां नदी के द्वारा तरल युक्त प्रदूषण आकर सतलुज में मिला है। हिमाचल सरकार को इसकी जानकारी देकर प्रभावी कार्रवाई की मांग की जाएगी। उन्होंने कहा कि पानी के सैंपल भरे गए हैं। रिपोर्ट आते ही कार्रवाई शुरू की जाएगी।
हिमाचल की तरफ से नहीं गया औद्योगिक प्रदूषण : धीमान
हिमाचल प्रदेश के जिला ऊना के प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के कार्यकारी अभियंता एसके धीमान का कहना है कि उनके राज्य की तरफ से पंजाब की ओर औद्योगिक प्रदूषण नहीं गया है। पंजाब में मछलियां मरने की खबर मिलने के बाद कई इलाकों का दौरा किया गया है। कहीं से भी ऐसा प्रमाण नहीं मिला है, जो यह साबित करता हो कि हिमाचल की स्वां नदी के द्वारा औद्योगिक प्रदूषण पंजाब में गया हो। उन्होंने कहा कि सभी उद्योगों की निगरानी की जाती है।
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