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25 साल में छह बार चुनी पंचायत, पति-पत्नी ही बने सरपंच

नूरपुरबेदी (रूपनगर) : गांव ढाहां को 25 साल पहले पंचायत का दर्जा मिला। उसके बाद से आज तक एक ही परिवार के हाथ में पंचायत की कमान रही है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 28 Dec 2018 10:05 PM (IST)Updated: Fri, 28 Dec 2018 10:05 PM (IST)
25 साल में छह बार चुनी पंचायत, पति-पत्नी ही बने सरपंच
25 साल में छह बार चुनी पंचायत, पति-पत्नी ही बने सरपंच

हरपाल ढींडसा, नूरपुरबेदी (रूपनगर) : गांव ढाहां को 25 साल पहले पंचायत का दर्जा मिला। उसके बाद से आज तक एक ही परिवार के हाथ में पंचायत की कमान रही है। तीन बार दर्शन सिंह ढाहां सरपंच रह चुके हैं जबकि इस बार तीसरी बार उनकी पत्नी परमजीत कौर सरपंच बनी हैं। सर्वसम्मति हो या मतदान गांववासियों ने इसी परिवार पर भरोसा जताया है। ऐसा भी नहीं है कि गांव विकास के मामले में दूसरे गांवों से पीछे हो। गौरतलब है कि गांव ढाहां की पंचायत 1993 में तख्तगढ़ की पंचायत से अलग होकर अस्तित्व में आई थी। करीब 700 की जनसंख्या वाले इस गांव में जाट परिवारों की संख्या अधिक है। पंचायत में 400 से अधिक मतदाता हैं। छह बार चुनी पंचायत, दो बार सर्वसम्मति, चार बार चुनाव

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1993 में दर्शन सिंह ढांहा को सर्वसम्मति से लोगों ने पंचायत की कमान सौंपी थी। वर्ष 1998 के चुनाव में दर्शन की पत्नी परमजीत कौर सरपंच चुनी गई। 2003 में फिर दर्शन सिंह सरपंच बने जबकि 2008 में फिर से परमजीत कौर पर गांववासियों ने विश्वास जताया। 2013 के पंचायत चुनाव में गांववासियों ने तीसरी बार दर्शन सिंह ढाहां को अपना सरपंच चुना। 2018 के इस बार के पंचायत चुनाव में अब सर्वसम्मति से परमजीत कौर को तीसरी बार सरपंच की कुर्सी पर बिठाया है। छह बार पंचायत चुनी गई है जिसमें दो बार सर्वसम्मति बनी है जबकि चार बार मतदान हुआ है।

गांव के विकास में नहीं छोड़ी कमी : दर्शन ¨सह ढाहां

पूर्व सरपंच दर्शन ¨सह ढाहां का कहना है कि जब वह पहली बार सरपंच बने थे तो गांव के लिए पक्की सड़क तक नहीं थी। आज गांव में सिंचाई के लिए तीन ट्यूबवेल, पीने के पानी के लिए वाटर व‌र्क्स, दूध उत्पादकों के लिए बीएमसी (ब्लॉक मिल्क कूलर) स्थापित करवाया। गांव की गलियों को पक्का करवाया गया है। लोगों ने उनके ऊपर जो विश्वास आज तक जताया है वे हमेशा उस पर खरा उतरने की कोशिश करते रहे हैं।

सुख-दुख में लोगों के साथ रहता है परिवार : गांववासी

गांव के न¨रदर ¨सह ¨नदी, रतन ¨सह, बलजीत ¨सह का कहना है कि अगर गांव में सरपंच पद के लिए सर्वसम्मति बनी तो भी दर्शन सिंह के नाम पर और मतदान हुआ तो भी लोगों ने उनके परिवार को ही जीत दिलाई है। दर्शन ¨सह हमेशा गांव के लोगों के सुख दुख में साथ खड़ा होता है। गांव के लोगों के दुख तकलीफ को दूर करने में अपनी पूरी कोशिश करता है। इसी कारण लोग उन पर पूरा विश्वास करते हैं।


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