किसानों का सोना पानी- पानी
जिला में रूपनगर समेत आनंदपुर साहिब बेला चमकौर साहिब व आसपास क्षेत्र में बुधवार शाम 5.30 बजे के करीब आई तेज आंधी व बारिश के कारण क्षेत्र के सैकड़ों किसानों द्वारा काटी गई गेहूं की फसल खेतों में भीगने के कारण भारी नुकसान हुआ है।
जागरण टीम, रूपनगर, आनंदपुर साहिब, घनौली, चमकौर साहिब: जिला में रूपनगर समेत आनंदपुर साहिब, बेला, चमकौर साहिब व आसपास क्षेत्र में बुधवार शाम 5.30 बजे के करीब आई तेज आंधी व बारिश के कारण क्षेत्र के सैकड़ों किसानों द्वारा काटी गई गेहूं की फसल खेतों में भीगने के कारण भारी नुकसान हुआ है। मंडियों में गेहूं की फसल भीग गई, जबकि आंधी इतनी तेज थी कि गेहूं की बोरियों को ढकने का भी कोई फायदा नहीं हुआ।
रूपनगर मंडी में शेड के बाहर पड़ी गेहूं की बोरियां और खुले में पड़ी गेहूं बारिश के पानी में भीग गई। बोरियों के बीच पानी जमा हो गया। आंधी इतनी तेज थी कि तिरपालें उड़ गई और किसान चिता में डूब गए। रूपनगर मंडी में गेहूं की फसल लेकर पहुंचे किसान ललित कुमार डकाला, गुरनाम सिंह सरसा नंग और तरसेम सिंह डकाला ने कहा कि पहले आंधी व बारिश ने उनकी फसल का झाड़ कम कर दिया और अब फिर कुदरत उन पर अपना कहर बरपा रही है। मंडी में गेहूं भीग रही है। रूपनगर में 10 हजार से ज्यादा कट्टे खुले में पड़े थे और तिरपालों से ढके थे और फड़ पर पानी था। आनंदपुर साहिब क्षेत्र के किसानों बलदेव सिंह, बलविदर सिंह, फौजी मलकीयत सिंह, हरदीप सिंह बबली, गज्जण सिंह आदि ने बताया कि उन्होंने दो दिन पहले ही गेहूं की फसल की कटाई शुरू की थी और कटी हुई फसल की गांठें बांधी गई थी। बुधवार को भी खेतों में फसल की कटाई की गई थी, लेकिन शाम के समय आई तेज आंधी व बारिश के कारण उनका काफी नुकसान हो गया है। उन्होंने बताया के काटी गई फसल तेज आंधी के कारण उड़ गई और जितनी फसल की गांठें बांधकर रखी फसल बारिश के कारण भीग गई है। उन्होंने सरकार से मांग की है कि उनकी खराब हुई फसल का उचित मुआवजा दिया जाए। घनौली में ओलावृष्टि उधर, घनौली में करीब सात -आठ किलोमीटर घेरे में बसे गांवों में जमकर ओलावृष्टि हुई। गुन्नोमाजरा समेत डकाला, रावलमाजरा, चक्क ढेरां आदि गांवों में आंधी के साथ बारिश और ओलावृष्टि हुई। किसान जसविदर सिहं गुन्नोमाजरा समेत सीमा देवी डकाला, सरबजीत कौर रावलमाजरा और मुकेश कुमार चक्क ढेरा ने बताया कि जो फसल काट ली गई, उसे बचाना मुश्किल हो गया। जबकि पहले ही आंधी व बारिश से फसल खराब हो चुकी है और जो फसल खेतों में खड़ी है उस पर ओलावृष्टि से और नुकसान हो जाएगा।