सेमिनार के माध्यम से लोगों को डायरिया से बचाव के दिए टिप्स
रूपनगर के साथ लगते गांव बजीदपुर में सिविल सर्जन डॉ. ह¨रदर कौर के दिशा निर्देशों पर विशेष सेमिनार आयोजित करते हुए गांववासियों को डायरिया से बचाव के बारे में जागरूक किया गया।
संवाद सहयोगी, रूपनगर : रूपनगर के साथ लगते गांव बजीदपुर में सिविल सर्जन डॉ. ह¨रदर कौर के दिशा निर्देशों पर विशेष सेमिनार आयोजित करते हुए गांववासियों को डायरिया से बचाव के बारे में जागरूक किया गया। इस सेमिनार की अध्यक्षता करते हुए एसएमओ डॉ. अशोक कुमार चमकौर साहिब ने लोगों को चेताया कि डायरिया को हल्के में लेना मरीज के लिए जानलेवा साबित हो सकता है। उन्होंने कहा कि डायरिया यानि दस्त लगते ही नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में जाकर उपचार शुरू करवाना जरूरी है। उन्होंने डायरिया के कारण, लक्षण तथा बचाव के लिए बरती जाने वाली सावधानियों के बारे में विस्तृत रूप से समझाया। इस मौके पर डॉ. द¨वदरबीर ने कहा कि भोजन करने से पहले हर किसी को विशेषकर बच्चों को हाथ साबुन व साफ पानी का प्रयोग करते हुए अच्छी तरह से धोने चाहिए ताकि हाथों पर लगे किटाणू भोजन के माध्यम से पेट में न जा सकें। इसके अलावा ज्यादा पक चुके या गले हुए फलों व सब्जियों का प्रयोग भी नहीं करना चाहिए जबकि दाल सब्जी को बनाने से पहले अच्छी तरह से धोना चाहिए। इस मौके भु¨पदर ¨सह सहित नागर ¨सह, लखवीर ¨सह, प्रदीप ¨सह, सुख¨वदर कौर, अमरीक ¨सह, सर्बजीत कौर, रिमनजीत कौर, कमलजीत कौर, तरणवीर कौर तथा वीना आदि ने भी लोगों को जागरूक किया व ओआरएस घोल बनाने की विधि भी समझाई।
स्वास्थ्य विभाग की हिदायतों का पालन करके लोग बीमारियों से दूर रह सकते हैं : सैनी
इस मौके पर लोगों को जागरूक करते हुए स्वास्थ्य अधिकारी हर¨वदर ¨सह सैनी ने कहा कि अगर लोग स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी हिदायतों पर अमल करें तो विभिन्न प्रकार की बीमारियों से मुक्त रहा जा सकता है। उन्होंने यह भी बताया कि दस्त लगने की सूरत में ओआरएस घोल मरीज को देना जरूरी है जिसे बनाने के लिए ओआरएस का एक पैकेट एक लीटर पानी में घोलते हुए उसे 24 घंटे के भीतर इस्तेमाल कर लेना चाहिए। उन्होंने यह भी बताया कि ओआरएस का घोल मरीज को उसके दस्त ठीक होने तक पिलाते रहना चाहिए ताकि शरीर में पानी की कमी न हो सके।