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दो बार मिला गंदगी मुक्त शहर का अवॉर्ड, फिर भी लगे हैं कूड़े के ढेर

रूपनगर भारत सरकार के स्वच्छ एवं स्वस्थ भारत अभियान को पूरी तरह से सफल बनाने के लिए जिला रूपनगर को दो बार गंदगी मुक्त जिले का सर्टिफिकेट प्रदान किया जा चुका है लेकिन जिले के अंदर किस क्षेत्र को गंदगी मुक्त करार देते हुए सर्टिफिकेट जारी किए गए हैं यह समझ से बाहर है क्योंकि केवल नंगल शहर को छोड़ शेष पूरा जिला आज भी गंदगी का घर बना देखा जा सकता है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 24 Mar 2019 09:42 PM (IST)Updated: Sun, 24 Mar 2019 09:42 PM (IST)
दो बार मिला गंदगी मुक्त शहर का अवॉर्ड, फिर भी लगे हैं कूड़े के ढेर
दो बार मिला गंदगी मुक्त शहर का अवॉर्ड, फिर भी लगे हैं कूड़े के ढेर

अरुण कुमार पुरी, रूपनगर

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भारत सरकार के स्वच्छ एवं स्वस्थ भारत अभियान को पूरी तरह से सफल बनाने के लिए जिला रूपनगर को दो बार गंदगी मुक्त जिले का सर्टिफिकेट प्रदान किया जा चुका है, लेकिन जिले के अंदर किस क्षेत्र को गंदगी मुक्त करार देते हुए सर्टिफिकेट जारी किए गए हैं , यह समझ से बाहर है क्योंकि केवल नंगल शहर को छोड़ शेष पूरा जिला आज भी गंदगी का घर बना देखा जा सकता है। ऐसे में सफाई का सर्वे करने वालों व सर्टिफिकेट जारी करने वालों की विश्वसनीयता पर प्रश्न चिन्ह लगना स्वभाविक है। उल्लेखनीय है कि रूपनगर को दिसंबर 2018 के दौरान पंजाब म्यूनिसिपल इंफ्रास्ट्रक्चर डवेलपमेंट कंपनी चंडीगढ़ (पीएमआईडीसी) की सिफारिश पर गंदगी मुक्त होने का दर्जा देते हुए सर्टिफिकेट जारी किया गया था, जबकि अब फरवरी 2019 में दोबारा इस जिले को गंदगी मुक्त होने का दर्जा देते हुए सर्टिफिकेट प्रदान किया गया है जबकि सच्चाई इससे कोसों दूर है, क्योंकि जिले का हर शहर, गांव व कस्बा गंदगी के ढ़ेरों का दंश झेल रहा है। अगर कहीं थोड़ी बहुत सफाई है, तो वो केवल नंगल शहर में देखी जा सकती है।

इस बारे नगर कौंसिल के अध्यक्ष परमजीत सिंह माक्कड़ कहते हैं कि सफाई सेवक तो अपनी ड्यूटी को सही अंजाम दे रहे हैं लेकिन शहर वासी सहयोग नहीं देते। उन्होंने कहा कि लोग डस्टबिन में गंदगी गिराने की बजाय सड़कों के किनारे ढेरी कर जाते हैं। यहां यह लिखना जरूरी है कि गंदगी फैलाने वालों के लिए नगर कौंसिल के पास जब जुर्माना करने या मामला दर्ज करवाने का अधिकार है तो गंदगी फैलाने वालों पर जुर्माना क्यों नहीं किया जाता। वैसे इस बारे कौंसिल अध्यक्ष का कहना है कि पहली बार पकड़े जाने पर 500 रुपया, दूसरी बार पकड़े जाने पर एक हजार रुपया, तीसरी बार पकड़े जाने पर दो हजार रुपये जुर्माना वसूला जाएगा जबकि चौथी बार गंदगी फैलाते पकड़े जाने पर मामला दर्ज करवाया जाएगा। हैरानी इस बात की है कि नगर कौंसिल ने अभी तक केवल एक व्यक्ति से ही 500 रुपये जुर्माना वसूला है।

गंदगी मुक्ति का सपना पूरा करने के लिए नगर कौंसिल के नेतृत्व को सख्ती दिखानी होगी। नियम बनाना है तो उसे सख्ती से लागू नहीं किया जाएगा, तो उसका कोई फायदा नहीं। हमें चंडीगढ़ व हिमाचल से सबक लेना चाहिए जहां वो लोग भी नियमों का पालन करते हैं जो पंजाब अंदर प्रवेश करने के बाद सरेआम नियमों की खिल्ली उड़ाना अपनी शान समझते हैं। नियम हर किसी के लिए सख्ती से लागू किया जाना जरूरी है। हरमिदर पाल सिंह वालिया, भाजपा पार्षद शिअद-भाजपा नेतृत्व वाली नगर कौंसिल पूरी तरह से फेल हो चुकी है। इसमें कोई दोराय नहीं कि नंगल शहर को छोड़ शेष पूरा जिला विशेषकर रूपनगर गंदगी का घर बना हुआ है। ऐसे में दो बार गंदगी मुक्त होने का सर्टिफिकेट मिलना कई सवाल पैदा करता है। सत्ताधारी पक्ष के लोगों को वोट की राजनीति छोड़ लोगों के हितों बारे सोचना चाहिए व नियमों को सख्ती से लागू किया जाना चाहिए।

पोमी सोनी, कांग्रेसी पार्षद


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