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वीआइएल के चेयरमैन ने गटका व बजरी सप्लाई के नहीं लौटाए 47 लाख

वीआइएल लिमिटेड कंपनी के चेयरमैन पर थाना कीरतपुर साहिब में धोखाधड़ी करने का मामला दर्ज किया गया है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 08 Nov 2019 10:40 PM (IST)Updated: Sun, 10 Nov 2019 06:23 AM (IST)
वीआइएल के चेयरमैन ने गटका व बजरी सप्लाई के नहीं लौटाए 47 लाख
वीआइएल के चेयरमैन ने गटका व बजरी सप्लाई के नहीं लौटाए 47 लाख

संवाद सूत्र, कीरतपुर साहिब

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कीरतपुर साहिब से लेकर जगातखाना (हिमाचल प्रदेश) तक राष्ट्रीय मार्ग को फोरलेन बनाने का काम करने वाली वीआइएल लिमिटेड कंपनी के चेयरमैन कम मैनेजिग डायरेक्टर के खिलाफ थाना कीरतपुर साहिब में रेत, बजरी व गटका सप्लाई करने वाली कंपनी के साथ 47,16,836 रुपये की धोखाधड़ी करने का मामला दर्ज किया गया है। थाना कीरतपुर साहिब के एसएचओ सन्नी खन्ना ने बताया कि तरुण कोड़ा पुत्र राजन कोड़ा निवासी कीरतपुर साहिब ने जिला पुलिस प्रमुख रूपनगर स्वप्न शर्मा को वीआइएल लिमिटेड कंपनी के चेयरमैन कम मैनेजिग डायरेक्टर नौशाद अहमद के खिलाफ धोखाधड़ी करने की लिखित शिकायत देकर कानूनी कार्रवाई करने के लिए कहा था। इस शिकायत की जिला पुलिस प्रमुख की तरफ से सीआइए वन रूपनगर से पड़ताल करवाई गई, जिसकी रिपोर्ट आने के बाद उन्होंने मामला दर्ज करने के आदेश दिए हैं। शिकायतकर्ता तरुण कोड़ा ने बताया कि वह जय दुर्गा ट्रेडिग कंपनी गांव व डाकखाना मस्सेवाल तहसील आनंदपुर साहिब का मालिक है। उसकी कंपनी रेत, बजरी, गटका और ग्रेवर की स्पलाई का काम करती है। वर्ष 2012 में नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने कीरतपुर साहिब से नेरचौक हिमाचल प्रदेश तक की सड़क को फोरलेन बनाने का काम बीओटी योजना के आधार पर वीआइएल एंड एफएस ट्रांसपोर्टेशन नेटव‌र्क्स लिमिटेड को अलॉट किया था। इसके बाद उक्त कंपनी ने फोरलेन के काम को तीन भागों में बांट दिया था। जिसमें पहला भाग 0 से 21.550 किलोमीटर जोकि कीरतपुर साहिब से लेकर जगातखाना हिमाचल प्रदेश तक था, का ठेका वीआइएल लिमिटेड कंपनी जो कि बी-5/21 विशाल खंड, गोमती नगर लखनऊ (उत्तर प्रदेश) की है, को दे दिया। इस कंपनी का चेयरमैन कम मैनेजिग डायरेक्टर नौशाद अहमद है। उसने बताया कि काम मिलने के बाद इस कंपनी ने प्रोजेक्ट ऑफिस और कैंप ऑफिस गांव नार्ड (मस्सेवाल) थाना कीरतपुर साहिब में बनाया। उसके बाद कंपनी के चेयरमैन ने उनके साथ संपर्क किया कि जय दुर्गा ट्रेडिग कंपनी वीआइएल कंपनी को रेत, बजरी, और गटका सप्लाई करे। इसके साथ ही उक्त कंपनी के सबंधित कर्मचारियों ने सामान सप्लाई करने के वर्क ऑर्डर शिकायतकर्ता की फर्म के नाम काटकर दे दिए। उनके द्वारा उक्त आरोपित की वीआइएल कंपनी को लगभग चार करोड़ 72 लाख 69 हजार 896 रुपये का मटीरियल सप्लाई किया। इसमें से नौशाद अहमद की फर्म ने उसे चार करोड़ 25 लाख 53 हजार 60 रुपये की अदायगी चेक और आरटीजीएस से की। उसने बताया कि शेष राशि 47 लाख 16 हजार 836 रुपए की रकम की अदायगी जानबूझ कर हड़पने की नियत के साथ नहीं की जा रही है। जो मटीरियल नौशाद अहमद की फर्म को सप्लाई किया गया है, उसकी बैलेंस शीट और लाइबिलीटी शीट नौशाद अहमद की कंपनी की तरफ से मुझे दी गई है, जिससे यह साबित होता है कि आरोपित की कंपनी ने मेरे पैसे देने हैं। 420 का केस दर्ज, गिरफ्तारी के लिए कार्रवाई शुरू

इसके अलावा आरोपित ने उसकी फर्म पर टीडीएस ऑन साइट अप्रैल 2014 से अगस्त 2018 तक 64068 रुपये भी काट लिया था। उसे पता लगा है कि आरोपित ने टीडीएस की उससे काटी गई रकम को सरकार के खाते में जमा नहीं करवाया। उसने कहा कि नौशाद अहमद ने उसके साथ और सरकार के साथ धोखाधड़ी की है। वह नौशाद अहमद से कई बार मौखिक और

लिखित रूप में कह चुका है कि वह उसकी रहती अदायगी कर दे, लेकिन वह इस ओर कोई भी ध्यान नहीं दे रहा है। इस बारे एसएचओ सन्नी खन्ना ने बताया कि वीआइएल कंपनी के चेयरमैन कम मैनेजिग डायरेक्टर नौशाद अहमद के खिलाफ आइपीसी की धारा 420, 406, 506 के तहत मामला दर्ज करके गिरफ्तारी के लिए कार्रवाई शुरू कर दी है।


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