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धार्मिक और सामाजिक कार्यों के लिए जाने जाते थे मोहन गिरी

सरथली के शिव मंदिर के संचालक अंतरराष्ट्रीय अखाड़ा के महासचिव महंत मोहन गिरी जी महाराज ने नूरपुरबेदी क्षेत्र के साथ साथ राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में किए गए गए सामाजिक और धार्मिक कार्यो के लिए उन्हें हमेशा याद किया जाता रहेगा।

By JagranEdited By: Published: Mon, 24 Feb 2020 10:55 PM (IST)Updated: Tue, 25 Feb 2020 06:15 AM (IST)
धार्मिक और सामाजिक कार्यों के लिए जाने जाते थे मोहन गिरी
धार्मिक और सामाजिक कार्यों के लिए जाने जाते थे मोहन गिरी

संवाद सहयोगी, नूरपुरबेदी : सरथली के शिव मंदिर के संचालक अंतरराष्ट्रीय अखाड़ा के महासचिव महंत मोहन गिरी जी महाराज ने नूरपुरबेदी क्षेत्र के साथ साथ राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में किए गए गए सामाजिक और धार्मिक कार्यो के लिए उन्हें हमेशा याद किया जाता रहेगा। उनके द्वारा किया हर सामाजिक व धार्मिक कार्य समाज को एक मिसाल बन प्रेरणा देता रहेगा।

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महंत मोहन गिरि जी वर्ष 1984 के दौरान शिव मंदिर सरथली में आए थे उस वक्त सरथली गांव में एक छोटा मंदिर हुआ करता था। उन्होंने धीरे धीरे पूजा, तपस्या व मेहनत करके भव्य मंदिर का निर्माण करना शुरू कर दिया और लोगों के मिलते सहयोग से शिव मंदिर सरथली जिला रूपनगर में मात्र एक ऐसा मंदिर बना जो सात मंजिला है व हर किसी को अपनी तरफ आकर्षित करता है। इसके साथ महंत मोहन गिरि जी ने धार्मिक के सामाजिक क्षेत्र में भी अपना योगदान डालना शुरू कर दिया। क्षेत्र में लोगों को आंखों की बीमारियों के चलते उन्हें आपरेशन करवाने के लिए दूर जाना पड़ता था। प्रति वर्ष यहां हजार के करीब लोगों की आंखों की जांच की जाती है। सैकड़ों बुजुर्गों के मुफ्त आपरेशन करके उन्हे मंदिर में रखा जाता है। महंत मोहन गिरि ने शिवरात्रि के पर्व पर पंजाब के प्रसिद्ध गायकों को बुलाते हुए मंदिर में भगवान शिव का गुणगान करवाना ही शुरू नहीं किया बल्कि हर साल शिवरात्रि से पहले गरीब लड़कियों के विवाह हिदू संस्कृति के अनुसार करवाने का क्रम भीू शुरू किया। महंत जी द्वारा अभी तक इस कड़ी में 1500 लड़कियों के विवाह करवाए जा चुके हैं। मोहन गिरी जी की संगत केवल पंजाब में ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में फैली हुई है। निधन से मात्र तीन दिन पहले महंत मोहन गिरी जी रूपनगर में आयोजित भोले बाबा की बारात में मुख्य रूप से शामिल हुए थे जबकि उन्होंने इस बार भी महाशिवरात्रि के मौके मंदिर में विधि विधान के साथ 15 गरीब लड़कियों के विवाह करवाए। महंत जी की आयु 58 वर्ष बताई जा रही है। आज महंत मोहन गिरी जी चाहे हमारे बीच नहीं रहे हैं लेकिन महंत जी अपने द्वारा किए सामाजिक और धार्मिक कार्यों के लिए हमेशा याद किए जाते रहेंगे।


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