आगजनी रोकने की तकनीकें बताई
नंगल इलाके में मनाए गए अग्निशमन सप्ताह के समापन पर शनिवार को नगर कौंसिल नंगल के दमकल विभाग ने शिवालिक सीसे स्कूल में पहुंच कर छात्रों को आग बुझाने के तौर-तरीकों तथा अपडेट इंतजामों से अवगत कराया।
जागरण संवाददाता, नंगल
इलाके में मनाए गए अग्निशमन सप्ताह के समापन पर शनिवार को नगर कौंसिल नंगल के दमकल विभाग ने शिवालिक सीसे स्कूल में पहुंच कर छात्रों को आग बुझाने के तौर-तरीकों तथा अपडेट इंतजामों से अवगत कराया। चीफ फायर अधिकारी अमरप्रीत सिंह ने मंच पर आग बुझाने का डेमो दिखाते हुए रसोई गैस के एक सिलेंडर से आग जला कर उसके बवंडर को बुझा कर दिखाया। उन्होंने बताया कि आग लगने के समय अफरा-तफरी मचाने की बजाय दिमाग से काम लेकर ऐसे तरीके अपनाए जाने चाहिए, जिससे नुकसान को रोकने के साथ-साथ कम किया जा सके। उन्होंने बताया कि आग बुझाने के लिए पानी, रेत से भरी बाल्टियां, पानी की फुहार तथा कार्बन डाइऑक्साइड पैदा करने वाले अग्निशमन यंत्रों का प्रयोग किया जाता है। बिजली की तारों से शॉट सर्किट से लगने वाली आग पर काबू पाने के लिए सबसे पहले मेन स्विच ऑफ किया जाता है इसके बाद सीटीसी यानि कार्बन टेट्रा क्लोराइड जैसे अग्निशमन यंत्र प्रयोग किए जाते हैं। केमिकल व ज्वलनशील गैसों से लगने वाली आग से निपटने व बचने के लिए सबसे पहले खिड़की व दरवाजों को खोलें। इसके साथ ही आग पर काफी मात्रा में रेत या मिट्टी डाली जानी चाहिए। रसोई गैस के सिलेंडर को आग से बचाने के लिए हमेशा रात के समय सिलेंडर की नोब बंद करके सोना चाहिए। हर छह माह बाद गैस पाइप बदलते रहना चाहिए। कार्यक्रम में बताया गया कि आग एक ऐसा बड़ा खतरा है, जो देखते ही देखते तबाही मचा देता है। इसलिए यह जरूरी है कि सभी को आग बुझाने के तौर-तरीकों की जानकारी दी जाए। इस मौके पर दमकल विभाग के कर्मचारी तथा शिवालिक स्कूल के अध्यापक व अन्य स्टाफ सदस्य भी मौजूद थे।