अवैध खनन मामले में सवाड़ा खड्ड के ठेकेदार पर एक साल बाद एफआइआर
रूपनगर, नूरपुबेदी नूरपुरबेदी इलाके में अवैध खनन के मामले में आखिरकार पुलिस ने सवाड़ा खड्ड के ठेकेदार के खिलाफ एफआइआर दर्ज कर ली है।
जागरण टीम, रूपनगर, नूरपुबेदी
नूरपुरबेदी इलाके में अवैध खनन के मामले में आखिरकार पुलिस ने सवाड़ा खड्ड के ठेकेदार के खिलाफ एफआइआर दर्ज कर ली है। बता दें कि एफआइआर डिप्टी कमिश्नर रूपनगर की तरफ से करीब 1 साल पहले करवाई गई इंक्वायरी की रिपोर्ट के आधार पर अब नूरपुरबेदी पुलिस स्टेशन में दर्ज की गई है। सवाड़ा खड्ड के ठेकेदार मनप्रीत ¨सह पुत्र सुरजीत ¨सह मकान नंबर-686, सेक्टर 9 चंडीगढ़ को मामले में नामजद किया गया है। रूपनगर के आरटीआइ एक्टिविस्ट एडवोकेट दिनेश चड्ढा ने डिप्टी कमिश्नर रूपनगर को सवाडा, हरसा बेला और बइहारा खड्डों में बड़े स्तर पर अवैध खनन करवाए जाने की शिकायत पिछले साल नवंबर माह में दी थी, जिस पर तत्कालीन डिप्टी कमिश्नर गुरनीत तेज ने अलग-अलग टीमें बनाकर तत्कालीन एडीसी लखबीर ¨सह राजपूत की अगुवाई में अफसरों को संबंधित खड्डों में इंक्वायरी के लिए भेजा था। अफसरों ने अपनी इंक्वायरी रिपोर्ट में बताया था कि तीन खड्डों में अवैध खनन बड़े स्तर पर हुआ है। खनन विभाग के नियमों को ताक पर रखकर इन खड्डों में धड़ल्ले से अवैध खनन हुआ है। 40-40 फीट तक गहरे गड्ढे कर दिए गए हैं और और खनन विभाग की तरफ से लगाए गए निशानदेही के पिल्लर तक मौके से गायब पाए गए। खड्डों में लगाए गए कांटे भी काम नहीं करते थे। अफसरों की रिपोर्ट के बाद तत्कालीन डिप्टी कमिश्नर ने खनन विभाग चंडीगढ़ को पत्र भेजकर बेईहारा खड्ड की मंजूरी को कैंसिल करने के लिए लिखा था। जिसके बाद पंजाब प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड मोहाली ने इस खड्ड की वायु और जल की कंसेंट टू ऑपरेट रद कर दी थी। इसके अलावा सवाड़ा और हरसा बेला में हुए अवैध खनन के बारे में डिप्टी कमिश्नर ने खनन विभाग चंडीगढ़ के डायरेक्टर को 9 मार्च 2018 और 29 मार्च 2018 के माध्यम से संबंधित ठेकेदार के खिलाफ कार्रवाई के लिए लिखा था। पुलिस विभाग ने इस संबंध में डायरेक्टर खनन विभाग चंडीगढ़ को रिपोर्ट भेजने के लिए कहा था। 7 दिसंबर 2018 को कार्यकारी इंजीनियर कम जिला खनन अधिकारी मोहाली ने पत्र नंबर 1579-80 के माध्यम से भेजी। जिसमें कहा गया है कि खड्ड सवाड़ा के ठेकेदार और संबंधित जमीन के मालिकों के खिलाफ माइन एंड मिनरल एक्ट (डवलपमेंट एंड रेगुलेशन) एक्ट 1957 की धारा 21 (1) के तहत एफआइआर दर्ज की जाए। हरसा बेला के ठेकेदार पर सितंबर में दर्ज हुई थी एफआइआर बता दें कि हरसा बेला खड्ड में हुए अवैध खनन के मामले में एक ठेकेदार पर पहले एफआइआर नंबर 149, 21 सितंबर 2018 को माइन एंड मिरनल एक्ट 1957 की धारा 21 (1) के तहत दर्ज किया जा चुका है।
चोरी के आरोपों की धारा भी शामिल होनी चाहिए: एडवोकेट चड्ढा
दैनिक जागरण से बातचीत में एडवोकेट दिनेश चड्ढा ने कहा कि अवैध खनन को लेकर प्रशासन और पुलिस विभाग ट्रैक्टर ट्राली में रेत ले जाने वाले पर तो तुरंत चोरी का केस दर्ज कर देता है। जबकि ये लोग आम होते हैं। खनन के मगरमच्छरों के खिलाफ पुलिस कार्रवाई में देरी करती है। जबकि मगमच्छरों ने खनन करके रूपनगर इलाके को बड़े स्तर पर भौगोलिक नुकसान पहुंचाया है। जो इन ठेकेदारों की अगुवाई में अवैध खनन नियमों के विपरीत हुआ है और रेत बजरी चोरी हुए हैं, उसके आरोपों तले तो चोरी की धारा भी एफआइआर में दर्ज होनी चाहिए थी, जोकि नहीं की गई। चड्ढा ने कहा कि जब तत्कालीन डीसी के पत्रों के जवाब में कोई कार्रवाई नहीं हुई तो वो नए आए डीसी डॉ.सुमित जारंगल को उन्होंने शिकायत पत्र देकर कार्रवाई की मांग की थी।