गणपति विसर्जन पर दो गुटों में झगड़ा
रूपनगर गणपति विसर्जन करने के लिए रूपनगर सतलुज दरिया पर रूपनगर जिले के अलावा नवांशहर, मोहाली जिले से भी श्रद्धालु पहुंचते हैं। सतलुज दरिया पर मोहाली तथा खरड़ से पहुंचे श्रद्धालुओं में हल्का धक्का लगने के कारण आपस में झगड़ पड़े।
जागरण संवाददाता, रूपनगर
गणपति विसर्जन करने के लिए रूपनगर सतलुज दरिया पर रूपनगर जिले के अलावा नवांशहर, मोहाली जिले से भी श्रद्धालु पहुंचते हैं। सतलुज दरिया पर मोहाली तथा खरड़ से पहुंचे श्रद्धालुओं में हल्का धक्का लगने के कारण आपस में झगड़ पड़े। झगड़ा इतना बढ़ गया कि पास लगे इंटों के ढेर से एक दूसरे पर श्रद्धालु इंटों की बरसात करने लगे। इस झगड़े में तीन श्रद्धालु घायल हो गए। जिन्हें वह अस्पताल में दाखिल करवाने के बजाय अपने साथ अपने कस्बा खानपुर (मोहाली) ले गए। इस संबंधी खरड़ के गांव खानपुर से गणपति विसर्जन करने पहुंचे श्रद्धालुओं के जत्थे में से मुकेश कुमार ने बताया कि वह खरड़ खानपुर से गणपति की मूर्ति विसर्जन करने लिए पहुंचे थे। जब वह मूर्ति विसर्जन कर रहे थे उसी समय मोहाली से आए लोग भी मूर्ति विसर्जन कर रहे थे। वहां घाट पर भीड़ होने के कारण मोहाली के किसी व्यक्ति को हलका सा धक्का लग गया। जिससे भड़के मोहाली के लोगों ने वहां पर पड़ी ईंटों से उन पर हमला कर दिया। उन्होंने इधर-उधर भाग कर अपने आप को बचाया। इस हमले में उनके तीन लोगों गणेश, रोहित कुमार, बब्बलू को सिर में इंट लगने के कारण गहरी चोट लगी है। उनको मोटरसाइकिल से खानपुर ले गए। उसने बताया कि मोहाली से आए लोग (पीबी65 एल7978) म¨हदरा गाड़ी तथा कैंटर (पीसीएल4719) में सवार हो कर भाग गए।
एएसआइ अंग्रेज ¨सह ने बताया कि वह मंगलवार रात करीब आठ बजे हुए दो मोटर साइकिलों की अपसी टक्कर में क्षतिग्रस्त हुए मोटरसाइकिलों को कब्जे में लेने के लिए वहां पर पहुंचे थे। उन्होंने वहां पर शोर सुना जब वह वहां पर पहुंचे तो मूर्ति विसर्जन करने पहुंचे लोग आपस में झगड़ रहे थे। जिसके बाद उन्होंने उनको वहां से भगाया। वेरका बूथ तक पहुंची ईंटें सतलुज दरियां के किनारे स्थित वेरका बूथ पर बैठे ग्राहक विश्वामित्र ने बताया कि मूर्ति विसर्जन करने पहुंचे लोग आपस में इतनी इंटे बरसा रहे थे कि इंटे वेरका बूथ के अंदर तक पहुंच रही थी। वेरका बूथ के कर्मचारी ने भाग कर मेन गेट बंद किया। अगर वह झगड़ते झगड़ते वेरका बूथ के अंदर पहुंच जाते तो अंदर बैठे ग्राहकों को चोटें लग सकती थी।