कृषि सुधार कानूनों को रद करे केंद्र सरकार : जस्सड़ा
किसानों ने महाराजा रणजीत बाग में एकत्र होकर केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर किसान दमन दिवस मनाया। इससे पहले महाराजा रणजीत सिंह बाग से लेकर डीसी दफ्तर तक रोष मार्च निकाल कृषि सुधार कानूनों को रद करने की मांग की।
जागरण संवाददाता, रूपगनगर: किसानों ने महाराजा रणजीत बाग में एकत्र होकर केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर किसान दमन दिवस मनाया। इससे पहले महाराजा रणजीत सिंह बाग से लेकर डीसी दफ्तर तक रोष मार्च निकाल कृषि सुधार कानूनों को रद करने की मांग की। किसान नेता गुरनाम सिंह जस्सड़ा ने फसलों पर एमएसपी की कानूनी गारंटी देने व 26 जनवरी को दिल्ली पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए किसानों को रिहा करने की भी मांग की। किसानों ने मांगों के संबंध में डिप्टी कमिशनर के किसी बैठक में शामिल होने के कारण अपना मांगपत्र तहसीलदार को सौंपा। इस मौके पर कुलवंत सिंह सैनी, सतनाम सिंह माजरी जट्टां, कमल सैनी एडवोकेट, दलजीत सिंह गिल, गुरदेव सिंह बागी, कुलवंत सिंह थली, बीएस सैनी, सुखवीर सिंह सुक्खा, जगमनदीप सिंह पढ़ी, परविदर सिंह अलीपुर, प्रगट सिंह रोलूमाजरा, कुलदीप सिंह घनौली, जरनैल सिंह सुरतापुर व जगतार सिह भी मौजूद थे। इनके अलावा हरदेव सिंह खेड़ी, जरनैल सिंह घनौला, भाग सिंह मदान, मोहन सिंह, एसडीओ जगदीश लाल, बलवंत सिंह गिला, अशोक कुमार, पवन कुमार, मुख्तयार सिंह, सुखवीर सिंह खोखर व दीदार सिंह फूल ने भी खेती सुधार कानूनों को रद करने की मांग की। ठेका मुलाजिम जत्थेबंदियों ने धरने की तैयारियों पर किया मंथन जागरण संवाददाता, रूपनगर: खेती सुधार कानूनों के विरोध में ठेका मुलाजिम संघर्ष मोर्चा पंजाब के 12 मार्च को पटियाला में दिए जा रहे राज्य स्तरीय धरने की तैयारी के लिए ठेका मुलाजिम जत्थेबंदियों ने बैठक की।
इस दौरान मोर्चा के नेताओं बलिहार सिंह, मंगत राम, सिकंदर सिंह, जसबीर जिदबड़ी, कपिल मैहंदली, परमिदर सिंह, महिदर सिंह व कुलविदर सिंह ने केंद्र और राज्य सरकार की तरफ से खेती और जरूरी सेवाओं का निजीकरण करने के विरोध में 12 मार्च को पटियाला में राज्य स्तरीय धरना दिया जाएगा। इसको सफल बनाने के लिए यहां अलग- अलग जत्थेबंदियों के ठेका मुलाजिमों को परिवारों सहित पटियाला पहुंचने के लिए लामबंद किया गया। उन्होंने मांग की कि सरकारी विभागों और खेती कारोबार का निजीकरण बंद किया जाए। आहलुवालिया कमेटी की सभी सिफारिशें रद की जाएं। ठेका कर्मचारियों की जबरन छंटनी बंद कर निकाले कर्मचारी बहाल किए जाएं। इसके अलावा ठेका मुलाजिमों का मासिक वेतन व ईपीएफ का विवरण भी जारी किया जाए। इस मौके पर दर्शन सिंह, सुखदेव सिंह, कुलवंत सिंह व वरिदर सिंह भी उपस्थित थे।