कम स्टाफ के साथ भी प्रदर्शन जबरदस्त, स्टाफ पूरा हो तो बनाएंगे नया कीर्तिमान
कम स्टाफ की समस्या से जूझ रहा जिला खेतीबाड़ी विभाग लगातार बेहतर प्रदर्शन कर रहा है। ऐसा भी नहीं है कि विभाग कामकाज छोड़कर बैठा है।
अजय अग्निहोत्री, रूपनगर: कम स्टाफ की समस्या से जूझ रहा जिला खेतीबाड़ी विभाग लगातार बेहतर प्रदर्शन कर रहा है। ऐसा भी नहीं है कि विभाग कामकाज छोड़कर बैठा है। विभाग की दक्षता हाल ही में किसानों के लिए लागू केंद्रीय योजना प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना में विभाग की परफार्मेंस जबरदस्त रही और देश में जिला रूपनगर में सर्वोत्तम स्थान हासिल कर केंद्र सरकार से सम्मान हासिल किया। जिला खेतीबाड़ी विभाग रूपनगर के चीफ एग्रीकल्चर अधिकारी डा. अवतार सिंह ने दैनिक जागरण को बताया कि खेतीबाड़ी विभाग में बेशक जरूरत के हिसाब से स्टाफ कम है, लेकिन विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों ने जी जान से इस योजना को जिले में बेहतरीन ढंग से लागू करवाया। इसका परिणाम ये निकला कि जिला पीएम किसान सम्मान निधि योजना को लागू करने में देश में सर्वश्रेष्ठ रहा। उन्होंने कहा कि अभियान का किसानों को अधिक से अधिक लाभ पहुंचाने के लिए विभाग काम कर रहा है। डायरेक्टर धान की बिजाई से किसानों की लेबर खर्च कम होने से मशीनरी का खर्च भी बचता है। इसके अलावा बिजली की बचत होती है और जमीन के पानी का नुकसान भी कम होता है। उन्होंने कहा कि जिला खेतीबाड़ी विभाग के पास जिले में एक चार पहिया वाहन है। अगर सरकार ब्लाक स्तर पर वाहन की सुविधा दे, तो जिले में अधिकारियों के कामकाज में ज्यादा दक्षता और तेजी आएगी। इसके लिए सरकार को विशेष प्रयास करने चाहिए। इसका हल विशेष टीए देकर किया जा सकता है। इस साल 50 फीसद रकबे को स्वीइंग राइस योजना में करेंगे शामिल जिले में पिछले साल पांच हजार हेक्टेयर में सीधी बिजाई योजना को लागू किया गया। डा. अवतार ने कहा कि जब उन्होंने जिला खेतीबाड़ी अधिकारी का चार्ज संभाला, तो देखा कि जिले में मात्र 25 हेक्टेयर जमीन में धान की सीधी बिजाई हुई। इसके बाद प्रयास तेज कर पांच हजार हेक्टेयर रकबे को डायरेक्टर स्वीइंग राइस योजना में शामिल किया। इस साल 50 फीसद तक रकबे को लाया जाएगा। हर साल 40 हजार हेक्टेयर जमीन में धान की जिले में बिजाई होती है। उन्होंने कहा कि जिले में मक्की की खेती को भी प्रोत्साहित किया जा रहा है, लेकिन फसल का दाम कम मिलने के कारण विभाग मक्की का रकबा बढ़ा पाने में सफल नहीं हो रहे। मक्की की फसल का दाम एमएसपी के तहत लागू हो, तो धान का रकबा और कम किया जा सकता है। 55 हजार किसानों को मिला किसान सम्मान निधि योजना का फायदा पीएम किसान सम्मान निधि योजना के तहत 55 हजार किसानों को जिले में फायदा मिला है। इसके तहत आधार वेरीफिकेशन और किसानों को रुपये दिलाने में सर्वोत्तम काम किया है। किसानों को एक साल में तीन बार दो- दो हजार रुपये (कुल छह हजार) दिए गए हैं। डायरेक्ट स्वीइंग राइस मुहिम के तहत बेहतरीन काम इस साल भी किया जाएगा। पराली काटने के समय किसानों को जो फायदा दिलाया जा सकेगा, वह किया जाएगा। किसानों को मिनी किट, मूंग का बीज व जिप्सम 50 फीसद तक सब्सिडी पर आसानी से दिया जा रहा है।