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सहायक धंधे अपनाकर आधुनिक साधनों से खेती कर रहा है किसान इकबाल सिंह

खेतीबाड़ी और किसान भलाई विभाग द्वारा किसानों को आधुनिक मशीनरी द्वारा जमीन की उपजाऊ शक्ति बढ़ाने व प्रदूषण घटाने के लिए समय समय पर कैंप लगाकर जागरूक किया जा रहा है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 23 Oct 2020 01:28 AM (IST)Updated: Fri, 23 Oct 2020 01:28 AM (IST)
सहायक धंधे अपनाकर आधुनिक साधनों से खेती कर रहा है किसान इकबाल सिंह
सहायक धंधे अपनाकर आधुनिक साधनों से खेती कर रहा है किसान इकबाल सिंह

संवाद सहयोगी, आनंदपुर साहिब : खेतीबाड़ी और किसान भलाई विभाग द्वारा किसानों को आधुनिक मशीनरी द्वारा जमीन की उपजाऊ शक्ति बढ़ाने व प्रदूषण घटाने के लिए समय समय पर कैंप लगाकर जागरूक किया जा रहा है। कोरोना काल के दौरान जब ऐसे आयोजन नहीं हो पा रहे, तो विभाग ने माहिरों की सलाह से विभिन्न तकनीकें अपनाकर किसानों को जागरूक करना शुरू दिया। इसके चलते किसानों ने फसलों के अवशेषों को आग लगाने की जगह खेतों में मिलाकर जमीन की उपजाऊ शक्ति बढ़ाई। क्षेत्र के किसान धान में रकबा घटाकर मक्की और अन्य फलों की काश्त की तरफ भी रूझान दिखा रहे हैं। किसानों के लिए सबसे लाभदायक सब्सिडी पर आधुनिक मशीनरी खरीदने की योजना है। इस पर किसानों ने स्वसहायता ग्रुप बनाकर मशीनरी खरीदी और 80 फीसद तक सब्सिडी प्राप्त की।

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मुख्य खेतीबाड़ी अफसर डा. अवतार सिंह ने बताया कि किसान इकबाल सिंह गांव लग मजारी ब्लाक आनंदपुर साहिब खेती से अच्छी उपज के साथ साथ वातावरण की संभाल के लिए भी सुचेत है। यह किसान दस एकड़ की खेती करता है। किसान द्वारा तीन एकड़ में धान की खेती की जाती है। चार एकड़ में मक्की की खेती, पांच कनाल में गन्नी की खेती, 1.5 एकड़ में मछली फार्म बनाया हुआ है। किसान द्वारा धान, गेहूं से हटकर सहायक धंधे के तौर पर मछली फार्म भी खोला हुआ है। किसान द्वारा एसएमएस कंबाइन से काटकर पराली इकट्ठी की जाती है और अवशेष को आग नहीं लगाई जाती।

पूर्व सरंपच इकबाल सिंह ने कहा कि इस बार गेहूं की बिजाई सुपर सीडर से की जाएगी। सारे किसानों को गेहूं व धान के फसल चक्कर से हटकर सहायक धंधे अपनाने चाहिए। हरेक किसान को अपने प्रयोग के लिए सब्जियां और दालें घर में ही लगानी चाहिए। इससे कीटनाशक दवाइयों से मुक्त सब्जियां प्राप्त होंगी। उन्होंने बताया कि वह खेतों में सब्जियां लगाता है और उनकी आर्गेनिक ढंग से पैदावार करता है। किसान ने बताया कि इस तरह फसल के झाड़ पर कोई असर नहीं होता। इकबाल सिंह ने बताया कि मछली पालने का सहायक धंधा अपनी आर्थिकता को मजबूत करने के लिए अपनाया है।


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