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सतलुज के पानी में समाई दस हजार एकड़ में लगी फसल

छह गांवों की 10 हजार एकड़ फसल सतलुज दरिया के पानी में समाई हुई है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 21 Aug 2019 10:40 PM (IST)Updated: Wed, 21 Aug 2019 10:40 PM (IST)
सतलुज के पानी में समाई दस हजार एकड़ में लगी फसल
सतलुज के पानी में समाई दस हजार एकड़ में लगी फसल

जागरण संवाददाता, रूपनगर

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18 अगस्त से रूपनगर-नूरपुरबेदी मार्ग पर बसे बटराला गांव समेत छह गांवों की 10 हजार एकड़ फसल सतलुज दरिया के पानी में समाई हुई है। किसानों में हाहाकार है कि अगर पानी जल्द से जल्द खेतों से निकला, तो उनकी फसल का एक दाना भी नहीं बचेगा। उधर, किसान प्रशासन पर आरोप लगा रहे हैं कि उनकी समस्या को कोई गंभीरता से नहीं ले रहा। वो बार बार अफसरों के पास जा रहे हैं लेकिन उनकी सुनवाई नहीं हो रही। बुधवार को दैनिक जागरण टीम किसानों की समस्या को समझते हुए मौके पर पहुंची तो हर तरफ पानी ही पानी दिखाई दिया। किसानों ने अपने ट्रैक्टर पर बिठाकर मौके दिखाने का प्रयास किया, लेकिन वो पक्की सड़क पर चंद मीटर जाकर ही हाथ खड़े कर गए क्योंकि उनके ट्रैक्टर के टायर पानी में डूब गए और उन्हें ये चिता हो गई कि कहीं ट्रैक्टर का इंजन बंद न हो जाए और वो वहीं फंस न जाएं। किसानों ने चेतावनी दी कि अगर प्रशासन ने उनकी फसलों का नुकसान होने दिया, तो गांववासी विरोध प्रदर्शन और जाम लगाने से गुरेज नहीं करेंगे।

बटारला गांव के निवासी गुरदीप सिंह, दहीरपुर के किसान प्रकाश सिंह, कुलविदर सिंह, बलविदर सिंह ने कहा कि किसानों की सार लेने में प्रशासन बिलकुल भी गंभीर नहीं हैं। वो कई बार संबंधित विभाग के अफसरों को जाकर निवेदन कर चुके हैं कि उनके खेतों में सतुलज दरिया का पानी भरा हुआ है और रूपनगर में हेडव‌र्क्स के बाकी बचे गेटों को खोलकर पानी का स्तर कम किया जाए, ताकि उनकी मेहनत से पाली फसल बचाई जा सके। लेकिन अफसर हाथ खड़ा कर रहे हैं।

यहां हुआ सबसे ज्यादा नुकसान माधोपुर के दविदर सिंह, कमलजीत सिंह और अबियाना कलां के कमल सिंह पूर्व सरपंच ने बताया बटारला समेत दहीरपुर, माधोपुर, अबियाना कलां, अबियाना खुर्द, अबियाना नंगल की जमीन सतलुज दरिया के पानी में समा गई है। इन छह गांवों की करीब 10 हजार एकड़ फसल पानी की मार में है। 80 फीसद फसल धान और 20 फीसद फसल मक्की की है। किसानों की अगर फसल बर्बाद हो गई तो उनका सब कुछ बर्बाद हो जाएगा। घरों में अनाज नहीं होगा और गरीब और छोटे किसान की तो कमर टूट जाएगी।


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