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पंजाब में विवादों में रहे बाबा प्यारा सिंह भनियारवाला का दिल का दौरा पड़ने से निधन

बाबा प्यारा सिंह भवसागर समुंदर अमृतवाणी ग्रंथ नामक किताब लिखने के बाद विवादों में घिर गए थे। उन्हें वर्ष 2001 में नेशनल सिक्योरिटी एक्ट के तहत नामजद करके जेल भी भेजा गया था।

By Pankaj DwivediEdited By: Published: Mon, 30 Dec 2019 11:49 AM (IST)Updated: Tue, 31 Dec 2019 08:17 AM (IST)
पंजाब में विवादों में रहे बाबा प्यारा सिंह भनियारवाला का दिल का दौरा पड़ने से निधन
पंजाब में विवादों में रहे बाबा प्यारा सिंह भनियारवाला का दिल का दौरा पड़ने से निधन

रूपनगर, जेएनएन। पंजाब में पिछले कई वर्षों से विवादों में रहे बाबा प्यारा सिंह भनियारा वाला (61) का सोमवार सुबह निधन हो गया। बताया जा रहा है कि उन्होंने छाती में दर्द के बाद अंतिम सांस ली। बाबा प्यारा सिंह भवसागर समुंदर अमृतवाणी ग्रंथ नामक किताब लिखने के बाद विवादों में घिर गए थे। 2001 में भनियारावाला को श्री अकाल तख्त साहिब पर पेश होने के हुक्म जारी किया गया था। इस दौरान बाबा के नए ग्रंथ को लेकर पंजाब भर में सिखों में रोष पैदा हो गया था। अक्टूबर 2001 में बाबा को नेशनल सिक्योरिटी एक्ट के तहत नामजद करके जेल भी भेज दिया गया था। भनियारा वाला की किताब पर पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने पाबंदी भी लगाई थी।

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रूपनगर में बाबा प्यारा सिंह भनियारा वाला के निधन के बाद रोती हुई संगत।

बाबा प्यारा सिंह को तड़के लगभग चार बजे छाती में दर्द होने की शिकायत के बाद रूपनगर के सांघा

अस्पताल लाया गया था। डॉक्टरों ने गंभीर हालत देखते हुए उन्हें पीजीआई या मोहाली ले जाने की सलाह दी। इसके बाद बाबा प्यारा सिंह को मोहाली के मैक्स अस्पताल ले जाया जा रहा था लेकिन खरड़ के पास ही

उन्होंने दम तोड़ दिया।

वर्ष 1980 में संभाला था डेरे के कामकाज

बाबा प्यारा सिंह का जन्म 23 अगस्त, 1957 को हुआ था। वर्ष 1980 में पिता तुलसी राम के निधन के बाद उन्होंने डेरे का कार्यभार संभाला था। वर्ष 2001 में पगड़ी पर कलगी सजा घोड़े की सवारी करने और भवसागर नाम का ग्रंथ प्रकाशित करवाने के कारण शुरू हुए विवाद के बाद उन्हें जेल तक जाना पड़ा था। उन पर श्री गुरु ग्रंथ साहिब को अग्नि भेंट करने का आरोप भी लगा। अदालत में चले केसों से दोष मुक्त होने के बाद से बाबा प्यारा सिंह गऊ व पशु पक्षियों की सेवा के साथ-साथ जरूरतमंदों की सहायता करने में जुट चुके थे। वर्ष 2003 से लेकर अब तक बाबा ने गांव धमाना में 11 मंदिरों का निर्माण करवाया है। इसके अलावा इतिहासगढ़ साहिब का अलग से निर्माण करवाया है जिसमें पिछले 18 वर्षों से अखंड ज्योति जल रही है। बाबा हर माह की 26 तारीख को डेरे में सत्संग किया करते थे। संगत हर साल 23 अगस्त को बाबा का जन्मदिन मनाती थी।

अंतिम संस्कार मंगलवार सुबह 11 बजे

बाबा प्यारा सिंह की पार्थिव देह को संगत के अंतिम दर्शनों के लिए डेरे में रखा गया है। उनका अंतिम संस्कार मंगलवार को सुबह 11 बजे किया जाएगा। डेरे में बढ़ती संगत को देखते हुए सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए गए हैं।

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