Move to Jagran APP

कौंसिल कर्मियों का उड़ाया मजाक, प्रस्ताव पर स्पीकर के हस्ताक्षर नही

पिछले दिनों नगर कौंसिल की हुई बैठक में हड़ताल कर रहे कर्मचारियों व सफाई सेवकों को गुमराह कर उनका मजाक उड़ाया गया है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 14 Jun 2021 10:49 PM (IST)Updated: Mon, 14 Jun 2021 10:49 PM (IST)
कौंसिल कर्मियों का उड़ाया मजाक, प्रस्ताव पर स्पीकर के हस्ताक्षर नही
कौंसिल कर्मियों का उड़ाया मजाक, प्रस्ताव पर स्पीकर के हस्ताक्षर नही

जागरण संवाददाता, नंगल: पिछले दिनों नगर कौंसिल की हुई बैठक में हड़ताल कर रहे कर्मचारियों व सफाई सेवकों को गुमराह कर उनका मजाक उड़ाया गया है। उन्हें समर्थन देने के लिए पंजाब विधानसभा के स्पीकर राणा केपी सिंह ने न केवल बैठक में उपस्थित होकर बल्कि हड़ताली कर्मचारियों के साथ नीचे दरी पर बैठकर समर्थन का भरोसा दिलाया है, लेकिन इसके विपरीत जो प्रस्ताव हड़ताल कर रहे कर्मचारियों के पक्ष में कौंसिल के सदन में पारित किया बताया गया है, उस बैठक की आई प्रोसीडिग में स्पीकर राणा केपी सिंह की कहीं भी मौजूदगी नहीं दिखाई गई है, जो सरासर कर्मचारियों का अपमान है। यह आरोप भारतीय जनता पार्टी नंगल मंडल के प्रधान राजेश चौधरी ने प्रेसवार्ता में लगाए हैं। उन्होंने कहा कि हैरानी की बात है कि आखिरकार स्पीकर ने बैठक में अपनी उपस्थित व पारित प्रस्ताव पर हस्ताक्षर करने की जरूरत क्यों नहीं समझी। उन्होंने यह भी कहा जैसे पंजाब सरकार ने किसानों के हक में विधानसभा में विशेष सत्र बुलाकर कानून पारित किया है। यदि सही मायने में स्पीकर व पंजाब सरकार हड़ताल कर रहे कर्मचारियों के पक्ष में हैं, तो उनके लिए विशेष सत्र बुलाकर विधानसभा में अब तक कानून व कोई प्रस्ताव पारित क्यों नहीं किया गया है। यह सरासर कर्मचारियों के साथ धोखा है। भाजपा इस छल कपट की निदा करती है। राजेश चौधरी ने कहा कि गत 24 मई की मीटिग में उन्होंने यह मांग की थी कि पिछले साल कौंसिल का कार्यकाल खत्म होने के बाद एसडीएम कम प्रशासक के एक साल के कार्यकाल में कौंसिल की ओर से करवाए गए करीब 55 करोड़ के विकास कार्यों का लेखा-जोखा व अन्य जरूरी जानकारी मांग उठाने के बावजूद सार्वजनिक नहीं की है। इससे पहले शहर के इतिहास में नगर कौंसिल के किसी भी प्रधान के कार्यकाल में एक वर्ष के अंदर 55 करोड़ की धनराशि विकास कार्यों पर खर्च नहीं की गई है। यह बहुत बडा घोटाला है। इस समय अवधि के दौरान शहर में नेशनल हाईवे के साथ नियमों के विरुद्ध दो करोड़ के पेवर ब्लाक लगाए गए हैं तथा शहर में 17 करोड़ की धनराशि लाइटों पर खर्च की गई है। यदि 10 दिन के अंदर उक्त कार्यकाल में करवाए कार्यों की जानकारी सार्वजनिक नहीं की गई, तो भाजपा धरना देकर संघर्ष करने के साथ-साथ केंद्र सरकार से सीबीआइ से जांच करवाने की मांग भी करेगी। जब वे कौंसिल के प्रधान थे, तो उनके कार्यकाल की भी मौजूदा कांग्रेस सरकार जांच करवा सकती है। इस दौरान उनके साथ भाजपा महासचिव एवं पार्षद रणजीत सिंह लक्की, पार्टी के प्रांतीय कार्यकारिणी सदस्य डा. ईश्वर चंद्र सरदाना, राजेंद्र राणा, महासचिव महेश कालिया व भाजयुमो के अमित बरारी आदि भी मौजूद थे।

loksabha election banner

स्पीेकर ने प्रस्ताव पर किए हैं हस्ताक्षर उधर नगर कौंसिल के ईओ मनजिदर सिंह ने आरोपों को निराधार बताते हुए कहा है कि जिस बैठक में स्पीकर एवं विधायक की मौजूदगी पर सवाल उठाए जा रहे हैं, उस बैठक की कार्रवाई में बाकायदा स्पीकर की हाजरी के हस्ताक्षर हुए हैं । पारित किए गए प्रस्ताव में भी स्पीकर राणा केपी सिंह ने बाकायदा सहमति जताते हुए हस्ताक्षर किए हैं। यह रिकार्ड में दर्ज है। भाजपा ने उलझाए कर्मचारी

फोटो 14 एनजीएल 33 में है। वहीं पंजाब विधानसभा के स्पीकर राणा केपी सिंह ने कहा है कि भाजपा ने अपने 10 साल के शासन में कर्मचारियों के मसलों का समाधान करने के बजाय मसले उलझाकर कर्मचारियों से धोखा किया है। मौजूदा कांग्रेस सरकार कर्मचारियों के मसलों को लेकर गंभीर है। सरकार इनका समाधान करने के लिए प्रयासरत है। जल्द इनका हल हो जाएगा।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.