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कॉलेज फीस के नाम पर ठगे 15 हजार

मोरिडा सरकार द्वारा देश के भीतर एससी-एसटी वर्ग के साथ संबंधित लड़कियों की शिक्षा के लिए हालांकि फीस माफ की गई हैं लेकिन इसके बावजूद कुछ एजूकेशन सेंटरों द्वारा कॉलेज के नाम पर गरीब परिवारों को ठगा जा रहा है। इसकी ताजा मिसाल मोरिडा के निकटवर्ती गांव काईनौर के एक गरीब परिवार की लड़की की है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 09 Mar 2019 08:48 PM (IST)Updated: Sat, 09 Mar 2019 08:48 PM (IST)
कॉलेज फीस के नाम पर ठगे 15 हजार
कॉलेज फीस के नाम पर ठगे 15 हजार

संवाद सूत्र, मोरिडा

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सरकार द्वारा देश के भीतर एससी-एसटी वर्ग के साथ संबंधित लड़कियों की शिक्षा के लिए हालांकि फीस माफ की गई हैं लेकिन इसके बावजूद कुछ एजूकेशन सेंटरों द्वारा कॉलेज के नाम पर गरीब परिवारों को ठगा जा रहा है। इसकी ताजा मिसाल मोरिडा के निकटवर्ती गांव काईनौर के एक गरीब परिवार की लड़की की है। पीड़ित लड़की के दादा पूर्व सरंपच काका सिंह काईनौर ने बताया कि वह एससी-एसटी वर्ग के साथ संबंधित है । उनकी पौत्री नरिदर कौ पुत्री अंग्रेज सिंह ने 10+2 तक शिक्षा हासिल करने के उपरांत पंजाब एजूकेशन सेंटर मोरिंडा में बेसिक कंप्यूटर कोर्स कर रही थी। इस दौरान सेंटर के मालिक संदीप सिंह ने उसकी पौत्री से कहा कि वह आगे क्या पढ़ना चाहती है। जिस पर उनकी पौत्री ने कहा कि वह वकील बनने के लिए बीए एलएलबी का कोर्स करना चाहती है, तो उन्होंने कहा कि वे उसकी लिकन कॉलेज ऑफ लॉ सरहिद जिला फतेहगढ़ साहिब में दाखला करवा देते हैं। जिसकी फीस कुल 30 हजार लगेगी। जिसके बाद उन्होंने यह राशि दो किश्तों में देना मान लिया व पहली किश्त 15,000 हजार रुपये देने पर सहमति जताई। जिसके बाद एजूकेशन सेंटर के मालिक संदीप सिंह ने अपने कर्मचारी को घर भेजा व 15,000 रुपये सहित सारे प्रमाण पत्र, फोटो व अन्य दस्तावेज मंगवा लिए। नरिदर कौर ने बताया कि जब कुछ दिनों के बाद वह कॉलेज में गई तो कॉलेज के प्रबंधकों के कहने पर उसने 2250 रुपये जमा करवा दिये व रसीद ले ली। जब नरिदर कौर ने 15,000 रुपए दाखिला फीस जमा करवाने के संबंध में पूछा तो उन्होंने बताया कि उनके पास कोई राशि जमा नहीं करवाई गई है व उनकी तो एससी-एसटी वर्ग में से दाखिले के लिए बुकिग की गई है।

काका सिंह नेबताया कि सेंटर के मालिक को जब रुपए वापस करने के लिए कहा तो उसने साफ इंकार कर दिया। इस संबंध में उन्होंने जनवरी में शिकायत निवारण कमेटी पंजाब को लिखित रूप से शिकायत दी। जिसकी जांच तहसीलदार मोरिडा के पास आई थी लेकिन दूसरा पक्ष पेश नहीं हुआ। मेरे पास रसीद नहीं है: सेंटर मालिक सेंटर के मालिक संदीप सिंह ने कहा कि उन्होंने 11 हजार रुपये फीस भरी थी, लेकिन उन्हें 5,000 हजार कमीशन मिल गया है, लेकिन 11 हजार रुपए की कोई भी रसीद उनके पास नहीं है। बयान किए दर्ज इस पत्र की जांच कर रहे तहसीलदार रामकृष्ण ने कहा कि सेंटर के मालिक को दो बार फोन पर हाजिर होने के लिए संपर्क किया जा चुका है लेकिन वह हाजिर नहीं हुआ। जबकि लड़की व उसके पारिवारिक सदस्यों के बयान दर्ज कर लिए गए हैं।


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