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कैदियों की समस्याओं सुन समाधान करने के आदेश

उनके साथ सीजेएम एवं सचिव जिला कानूनी सेवाएं अथॉरिटी हरसिमरनजीत सिंह व सीजेएम पूजा अंडोतरा भी विशेष रूप से हाजिर थे।

By JagranEdited By: Published: Sun, 01 Sep 2019 10:53 PM (IST)Updated: Sun, 01 Sep 2019 10:53 PM (IST)
कैदियों की समस्याओं सुन समाधान करने के आदेश
कैदियों की समस्याओं सुन समाधान करने के आदेश

संवाद सहयोगी, रूपनगर: जिला जेल में जिला एवं सेशन जज हरप्रीत कौर जीवन ने पूरे दल बल के साथ अचानक दौरा करते हुए जेल अंदर कैदियों व हवालातियों को उपलब्ध करवाई जाने वाली सुविधाओं व अन्य प्रबंधों का जायजा लिया। इस मौके उनके साथ सीजेएम एवं सचिव जिला कानूनी सेवाएं अथॉरिटी हरसिमरनजीत सिंह व सीजेएम पूजा अंडोतरा भी विशेष रूप से हाजिर थे।

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अपने निरीक्षण के दौरान उन्होंने जेल में बंद कैदियों व हवालातियों की समस्याओं को गंभीरता के साथ सुना और जेल अफसरों को समस्याओं का योग्य समाधान करने के मौके पर आदेश जारी किए। इस मौके उन्होंने जेल की बैरकों का निरीक्षण करने के साथ साथ जेल में बनी लीगल एड क्लीनिक का दौरा करते हुए कैदियों को उपलब्ध करवाई जाने वाली मुफ्त कानूनी सहायता वाले रिकॉर्ड की पड़ताल भी की। उन्होंने जेल के अस्पताल का भी निरीक्षण किया व वहां उपचार करवा रहे कैदियों व हवालातियों से अस्पताल में मिलने वाली स्वास्थ्य सुविधाओं के बारे जानकारी भी हासिल की जबकि जेल के डॉक्टर को जरूरी निर्देश भी दिए। इसके अलावा उन्होंने जेल की मैस में जाकर कैदियों को दिए जाने वाले खाने की गुणवत्ता की परख भी की। इस मौके सीजेएम एवं सचिव जिला कानूनी सेवाएं अथारिटी हरसिमरनजीत सिंह ने कैदियों व हवालातियों को अपील के अधिकार के बारे विस्तृत रूप से जानकारी दी। उन्होंने जिला कानूनी सेवाएं अथारिटी के द्वारा उपलब्ध करवाई जाने वाली मुफ्त कानूनी सहायता के बारे भी बताया व जेल अधिकारियों को हिदायत दी कि अगर कोई कानूनी सहायता की मांग करता है तो बिना देरी उनके दफ्तर को सूचना उपलब्ध करवाई जाए। उन्होंने कहा कि कानूनी सेवाओं से संबंधित अगर कोई किसी भी प्रकार की जानकारी लेना चाहता है, तो वो विभाग के टोल फ्री नंबर 1968 पर संपर्क करते हुए जानकारी हासिल कर सकता है। उन्होंने समझाया कि अगर विभिन्न मामलों का निपटारा लोक अदालतों के माध्यम से करवाया जाए तो पैसे व समय की बचत के साथ साथ स्थाई न्याय भी मिल जाता है क्योंकि लोक अदालत में होने वाले किसी भी फैसले पर दोबारा अपील संभव नहीं होती जबकि लोक अदालत में होने वाले फैसले से दोनों पक्षों में आपसी सौहार्द भी कायम रहता है। कोई भी कैदी अमीर या गरीब मुफ्त कानूनी सहायता प्राप्त कर सकता है। इस मौके जेल सुपरिटेंडेंट अमरीक सिंह के अलावा डिप्टी सुपरिटेंडेंट जेल मोहन लाल व जेल का स्टाफ हाजिर था।


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