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उगते सूर्य को अ‌र्घ्य देकर खोला व्रत

सतलुज दरिया के किनारे रविवार प्रात उगते सूर्य को अ‌र्घ्य देने के साथ छठ पूजा बड़ी श्रद्धापूर्वक मनाई गई।

By JagranEdited By: Published: Sun, 03 Nov 2019 10:46 PM (IST)Updated: Sun, 03 Nov 2019 10:46 PM (IST)
उगते सूर्य को अ‌र्घ्य देकर खोला व्रत
उगते सूर्य को अ‌र्घ्य देकर खोला व्रत

संवाद सहयोगी, रूपनगर

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सतलुज दरिया के किनारे रविवार प्रात: उगते सूर्य को अ‌र्घ्य देने के साथ छठ पूजा बड़ी श्रद्धापूर्वक मनाई गई। इस मौके सतलुज किनारे सुबह से ही मेले जैसा वातावरण बना रहा। आसपास लगी रंगविरंगी रोशनियों के बीच भजनों की आवाज पूरे क्षेत्र को सुबह होने तक भक्ति के रंग में रंगती रही।

इस अवसर पर पूर्वांचल भलाई सोसायटी की व्रतधारी महिलाओं ने भगवान भास्कर की सतलुज के ठंडे जल में काफी समय खड़े रहकर पूजा करने के बाद अ‌र्घ्य दिया। विद्वानों के अनुसार कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को मनाए जाने वाले इस पावन पर्व को छठ के नाम से जाना जाता है। इस पर्व पर भगवान सूर्य की उपासना व छठी मइया की पूजा का विधान है। चार दिन तक मनाए जाने वाले इस पर्व के दौरान शरीर और मन को पूरी तरह साधना पड़ता है। व्रतधारी महिलाएं 36 घंटे का निर्जल उपवास रखकर षष्ठी देवी तथा भगवान भास्कर की उपासना करती हैं। रविवार प्रात: सुबह की पूजा अर्चना के बाद व्रतधारी महिलाओं ने प्रसाद वितरण के साथ अपना व्रत खोला। पूजा के दौरान मीना सिंह, लक्ष्मी देवी, सुनीता देवी, जमुना देवी, कांती देवी, शांति देवी, नीलम देवी, ज्ञानमती देवी तथा पूर्वांचल सोसायटी के सदस्य ने शहरवासियों की सुख समृधि की कामना की।


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