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़12 की जगह दो टीचर, पेरेंट्स ने जड़ा ताला, बच्चों ने भी सरकार को कोसा

कीरतपुर साहिब सरकारी स्कूलों में स्टाफ को लेकर भारी कमी है। अभिभावक भी इस समस्या को लेकर परेशान हो गए हैं। जिले में सरकारी स्कूलों में स्टाफ की कमी के विरोध में अभिभावक परेशान होकर अंत में प्रशासन व सरकार का ध्यान इस समस्या की तरफ करने के लिए तालाबंदी करने से भी गुरेज नहीं कर रहे। अब सरकारी प्राइमरी स्कूल चंदपुर बेला के स्कूल में तालाबंदी हुई है। दो दिन में ये जिले में दूसरा स्कूल है, जहां अभिभावकों ने तालाबंदी की है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 16 Nov 2018 09:53 PM (IST)Updated: Fri, 16 Nov 2018 09:53 PM (IST)
़12 की जगह दो टीचर, पेरेंट्स ने जड़ा ताला, बच्चों ने भी सरकार को कोसा
़12 की जगह दो टीचर, पेरेंट्स ने जड़ा ताला, बच्चों ने भी सरकार को कोसा

संवाद सूत्र, कीरतपुर साहिब

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सरकारी स्कूलों में स्टाफ को लेकर भारी कमी है। अभिभावक भी इस समस्या को लेकर परेशान हो गए हैं। जिले में सरकारी स्कूलों में स्टाफ की कमी के विरोध में अभिभावक परेशान होकर अंत में प्रशासन व सरकार का ध्यान इस समस्या की तरफ करने के लिए तालाबंदी करने से भी गुरेज नहीं कर रहे। अब सरकारी प्राइमरी स्कूल चंदपुर बेला के स्कूल में तालाबंदी हुई है। दो दिन में ये जिले में दूसरा स्कूल है, जहां अभिभावकों ने तालाबंदी की है। इससे पहले सरकारी आदर्श स्कूल आनंदपुर साहिब में अभिभावकों ने तंग आकर तालाबंदी की थी।

शुक्रवार को आंनदपुर साहिब ब्लॉक के अंतर्गत पड़ते गांव लोदीपुर के सरकारी आदर्श स्कूल में अध्यापकों की कमी के चलते स्कूल के छात्रों व अभिभावकों द्वारा स्कूल को ताला लगाने के मामले के बाद कीरतपुर साहिब के निकटवर्ती गांव चंदपुर बेला के सरकारी मिडल स्कूल में भी स्थिति तनावपूर्ण हो गई। इसका कारण भी गांववासियों ने स्कूल के गेट पर ताला लगा दिया जाना है। यहां पर भी ताला लगाने की वजह है स्कूल में अध्यापकों की कमी, जिसके चलते बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। गुस्साए गांववासियों ने गेट पर ताला लगाते हुए कहा कि ताला तभी खोलेंगे जब स्कूल में अध्यापक पूरे किए जाएंगे।

इस स्कूल में कुल 12 पद हैं। जिनमें से मात्र मुख्य अध्यापक सहित दो अध्यापक ही मौजूद हैं जबकि शेष दस पद खाली होने के कारण बच्चों की पढ़ाई का नुकसान हो रहा है। स्कूल में पंजाबी, ¨हदी, गणित, सामाजिक शिक्षा, विज्ञान, अंग्रेजी, ड्राइंग सहित अन्य विषयों के अध्यापकों के पद खाली हैं। रमसा अध्यापक ने भी करवाया तबादला इस स्कूल में अध्यापक न होने का कारण सरकार की नई पॉलिसी के तहत रमसा अध्यापक अपने निकटवर्ती क्षेत्र के स्कूलों में तबादला करवा कर चले गए हैं। स्कूल में केवल दो ही अधयापक है। जिनमें एक मुख्य अध्यापक है तथा एक कंप्यूटर विषय पढ़ाने वाला एक अध्यापक है। जिसके सहारे स्कूल की पांच कक्षाओं के लगभग 100 बच्चे शिक्षा हासिल कर रहे हैं। मजबूरन प्राइवेट स्कूलों की ओर ताकना पड़ेगा: गांववासी इस मौके सरपंच प्रदीप कुमार, जोगा ¨सह, गुरनाम ¨सह, गुरबचन ¨सह, सतनाम ¨सह, दल¨वदर ¨सह, बल¨वदर ¨सह, बालक राम, जस¨वदर ¨सह, पर¨वदर कौर, सीमा देवी, मनदीप कौर, गुरजीत कौर आदि सहित बड़ी संख्या में गांववासियों ने रोष जताया। उन्होंने कहा कि सरकार सरकारी स्कूलों में बच्चों को पढ़ाने के लिए लोगों को जागरूक कर रही है तथा स्तरीय शिक्षा के दावे कर रही है लेकिन सरकारी स्कूलों में अगर पर्याप्त अध्यापक ही नहीं होंगे तो कैसे स्तरीय शिक्षा बच्चे हासिल कर पाएंगे। ऐसे हालात में लोगों को मजबूरन अपने बच्चों को सरकारी स्कूलों से हटाकर प्राइवेट स्कूलों में लगाना होगा। उससे न सिर्फ उन पर आर्थिक बोझ बढ़ेगा बल्कि सरकार को सरकारी स्कूलों पर ढांचागत कार्यों पर खर्चा कर रही है वो जाया जाएगा।


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