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10 लाख से बना कैफेटेरीया खंडहर में तबदील

नंगल शहर में पर्यटन की संभावनाओं का दोहन करने के मकसद से करीब 7 करोड़ की लागत से बने सतलुज पार्क में बनाया गया कैफेटेरीया आज तक नहीं चल सका है। वर्ष 2016 में ये इमारत तैयार की गई थी। लाखों की लागत वाले खरीदे गए महंगे वोट पार्क में ही किसी कोने में पड़े धूल चाटते जर्जर हो चुके हैं।

By JagranEdited By: Published: Sun, 15 Jul 2018 10:04 PM (IST)Updated: Sun, 15 Jul 2018 10:04 PM (IST)
10 लाख से बना कैफेटेरीया खंडहर में तबदील
10 लाख से बना कैफेटेरीया खंडहर में तबदील

सुभाष शर्मा, नंगल

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शहर में पर्यटन की संभावनाओं का दोहन करने के मकसद से करीब 7 करोड़ की लागत से बने सतलुज पार्क में बनाया गया कैफेटेरीया आज तक नहीं चल सका है। वर्ष 2016 में ये इमारत तैयार की गई थी। लाखों की लागत वाले खरीदे गए महंगे वोट पार्क में ही किसी कोने में पड़े धूल चाटते जर्जर हो चुके हैं। इसके बाद अब बारी नजर आ रही है कैफेटेरीया की। कैफेटेरीया बनाने का मकसद क्या था। इस बारे तो शायद कोई जानता नहीं है, लेकिन यह स्थल बन कर तैयार हुए दो साल से अधिक का समय बीत चुका है। अब तक यह चालू नहीं हो सका है। पूर्व कैबिनेट मंत्री मदन मोहन मित्तल ने वार्ड नंबर 19 में 10 लाख की लागत से बने कैफेटेरीया का उद्घाटन वर्ष 2016 के 3 दिसंबर को किया था। दावा किया गया था कि यहां कैफेटेरीया में पार्क अंदर आने वाले लोगों को बढि़या खाने-पीने का सामान मिला करेगा, लेकिन बंद पड़े कैफेटेरीया में पानी का गिलास तक भी किसी को नसीब नहीं हुआ है। लग रहा है कि जल्द ही प्रशासन की अनदेखी से यह स्थल खंडहर कैफेटेरीया को खोलने की तरफ फिलहाल कोई ठोस प्लान तो दूर बल्कि कौंसिल के नए आए अधिकारियों को इस प्रोजेक्ट की जानकारी भी नहीं है। जल्द शुरू होने की संभावना

कैफेटेरीया को शुरू करने की दिशा में काम शुरू किया गया है। पिछले दिनों इस जगह का दौरा करके पता लगाया जा रहा है कि किस तरह से कैफेटेरीया को चालू किया जाए। उम्मीद की जा सकती है कि जल्द स्थानीय निकाय विभाग की ओर से कैफेटेरीया चलाने के प्लान को स्वीकृति मिलते ही यह प्रोजेक्ट शुरू हो जाएगा।

मनजिंदर सिंह,

कार्यकारी अधिकारी, नगर कौंसिल, नंगल।

फोटो 15 एनजीएल 08 में है।

फंड की फिजूलखर्ची की

मैंने बाकायदा लिख कर आवेदन किया था कि सतलुज पार्क में कैफेटेरीया जैसा स्थान बनाने की बजाय एक वेरका बूथ खोल दिया जाए, लेकिन इस ओर ध्यान नहीं दिया गया। वैसे भी वार्ड वासियों व मेरे द्वारा कैफेटेरीया बनाने का कोई सुझाव व आग्रह कौंसिल से नहीं किया गया है। इसे बनाकर फंडों की फिजूलखर्ची की गई है। कैफेटेरीया को कैसे चलाना है व पार्क को कैसे आकर्षण का केंद्र बनाना है, इस बारे नगर कौंसिल न तो गंभीर है न ही कौंसिल के पास कोई प्लानिंग है। अपने हितों के लिए ही बिना जरूरत वाले प्रोजेक्ट तैयार करके उन पर पैसा खर्च किया जा रहा है।

शिवानी ठाकुर,

पार्षद, वार्ड नंबर 19, नंगल।

फोटो 15 एनजीएल 09 में है।

सुभाष शर्मा, जागरण संवाददाता, नंगल।

15 जुलाई, 2018


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