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नहीं मिल रही सवारियां, डीजल का खर्च भी नहीं निकाल रही बसें

बेशक पंजाब सरकार ने आम लोगों की सुविधा के लिए पब्लिक ट्रांसपोर्ट को चालू किया है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 06 Jun 2020 10:48 PM (IST)Updated: Sun, 07 Jun 2020 06:15 AM (IST)
नहीं मिल रही सवारियां, डीजल का खर्च भी नहीं निकाल रही बसें
नहीं मिल रही सवारियां, डीजल का खर्च भी नहीं निकाल रही बसें

जागरण संवाददाता, रूपनगर : बेशक पंजाब सरकार ने आम लोगों की सुविधा के लिए पब्लिक ट्रांसपोर्ट को चालू किया है। बावजूद इसके बहुत कम लोग बसों में सफर के लिए निकल रहे हैं। पंजाब सरकार की ट्रांसपोर्ट विभाग के लिए जारी गाइडलाइन के मुताबिक एक बस में क्षमता से आधी सवारियां बैठाने की आज्ञा दी गई है। विपरीत इसके बसों में औसतन 15 सवारियां ही बैठती हैं। सुबह के समय अगर दस सवारियां बैठती हैं तो दोपहर के चक्कर में 14 और शाम के चक्कर में 17 तक सवारियां बैठती हैं।

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सवारियां कम मिलने के कारण रोजवेज की बसें डीजल खर्च भी नहीं निकल रहा है। एक बस के ड्राईवर के मुताबिक रूपनगर से चंडीगढ के लिए चक्कर (आने जाने) का दो हजार रुपये का डीजल खर्च आ जाता है। अगर बस के चक्कर में आने जाने में 30 सवरियां होती हैं तो उनके किराये से साठ रुपये के हिसाब से 1800 रुपये ही बनते हैं। इसी तरह नवांशहर के एक चक्कर में 2100 रुपये का डीजल लगता है। सवारियां औसतन 30 ही होती है।

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रुपनगर से चलाए तीन रूट रूपनगर रोडवेज ने अभी तक तीन रुट रूपनगर-चंडीगढ़, रूपनगर नवांशहर और रूपनगर जालंधर ही चलाए हैं। जिन पर रोजाना आठ से नौ बसें चल रही हैं। इसमें इजाफे की उम्मीद है। ये इजाफा कब होता है ये स्पष्ट नहीं है।

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प्रमुख कस्बों में बस रुके तो लोगों को होगी सुविधा

भाजपा के जिला प्रेस सचिव एडवोकेट रमित केहर ने कहा कि समस्या ये है कि बस एक स्टेशन से तय दूसरे स्टेशन पर जाकर ही रुकती है। रास्ते के प्रमुख कस्बों में न तो सवारी उतारी जाती है न ही बिठाई जाती है। जबकि ऐसा होने से रोडवेज का रेवेन्यू बढ़ सकता है। रूपनगर से चंडीगढ़ जाते वक्त कुराली और खरड़ में बस अगर रुकेगी तो सवारियों को भी इसका फायदा होगा। बस मौके पर ही उनका थर्मो स्केन और हाथ सैनिटाइज करवाए जा सकते हैं। इसका सुविधा तकरीबन हरेक बस में है।

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लोगों की सुविधा को दे रहे हैं अहमियत: जीएम राजपाल

रूपनगर रोडवेज डिपो के जीएम गुरसेवक सिंह राजपाल के मुताबिक अभी तीन रूट ही चल रहे हैं। नए रूट की मंजूरी आने पर चलाए जाएंगे। विभाग की हिदायतों के मुताबिक बसें चलाई जा रही हैं। जिससे कि लोगों को एक दूसरे शहर में जाने में कोई दिक्कत न आए।


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