भाखड़ा बांध की गोबिंद सागर झील में मछली का शिकार 2 माह के लिए बंद
सुभाष शर्मा, भाखड़ा बांध (नंगल) भाखड़ा बांध की विशाल गोबिंद सागर झील में मछली आख
सुभाष शर्मा, भाखड़ा बांध (नंगल)
भाखड़ा बांध की विशाल गोबिंद सागर झील में मछली आखेट पर पाबंदी लग गई है। करीब 60 किलोमीटर तक फैली गोबिंद सागर झील में दो माह तक अब मछली नहीं पकड़ी जा सकेगी। इसलिए भाखड़ा की मछली खाने के शौकीन लोगों को फिलहाल दो माह तक प्रतीक्षा करनी पड़ेगी। मछली का प्रजनन जून व जुलाई माह में होता है। इसलिए मछली आखेट पर पाबंदी लगाकर मछली के शिकार पर भी नजर रखी जाती है ताकि कोई भी मछली न पकड़ पाए। हिमाचल प्रदेश मत्स्य विभाग प्रति वर्ष झील से मछली पकड़कर अनुमानित 6 करोड़ का कारोबार करता है। समुद्र जैसी दिखने वाली गोबिंद सागर झील में मछली के शिकार पर पाबंदी के मकसद को सुनिश्चित बनाने के लिए जागरूकता शिविर भी लगाए जाते हैं। मत्स्य विभाग झील में 'ए' ग्रेड तथा अन्य प्रकार की सुपर ब्रांड मछलियों की संख्या को बरकरार रखने के मकसद से मछलियों के पुंग भी डालता है। एक अगस्त से बाजारों में मिलेगी भाखड़ा की मछली
बिलासपुर स्थित मत्स्य विभाग के सहायक डायरेक्टर शाम लाल शर्मा ने कहा कि मछली पकड़ने पर लगाई गई पाबंदी के चलते कड़ी नजर रखी जा रही है। एक अगस्त को भाखड़ा बांध की मछली बाजार में पहुंचेगी। पाबंदी के दौरान झील के तटों पर मत्स्य आखेट न करने को लेकर नजर रखी जाएगी। इस बार झील में मछली का शिकार कम हुआ है। इसलिए मछुआरों को 3-3 हजार रुपये राहत के लिए आर्थिक सहायता दी जाएगी। झील में कम होती जा रही मछलियों की संख्या को बढ़ाने के लिए इस बार 70 एमएम के बड़े बीज यानि मछली के पुंग डाले जाएंगे।
असम तक सप्लाई होती है भाखड़ा की मछली
भाखड़ा की मछली पंजाब के विभिन्न शहरों के अलावा चंडीगढ़, दिल्ली, असम सहित देश के कई अन्य प्रांतों में सप्लाई होती है। झील में सिल्वरकार्प, कतला, गोल्डन फिश, ग्रास कार्प, राहु आदि किस्मों की मछलियां पाई जाती हैं। गोल्डन फिश यानि महाशीर तथा कतला मछली अब झील में काफी कम रह गई है। सिल्वरकार्प में काफी इजाफा हुआ है।