आज 43 साल का हो जाएगा भाखड़ा ब्यास प्रबंध बोर्ड
नंगल लंबे अंतराल के बाद देश को मिली आजादी के पश्चात भाखड़ा ब्यास प्रबंध बोर्ड ने ही उत्तरी राज्यों की प्रगति में अहम योगदान दिया है।
सुभाष शर्मा, नंगल
लंबे अंतराल के बाद देश को मिली आजादी के पश्चात भाखड़ा ब्यास प्रबंध बोर्ड ने ही उत्तरी राज्यों की प्रगति में अहम योगदान दिया है। इसी वजह से भाखड़ा बांध को आधुनिक भारत का मंदिर की संज्ञा दी गई है। बोर्ड की भाखड़ा नंगल परियोजना, ब्यास बांध तथा ब्यास सतलुज लिंक परियोजना के माध्यम से ही आजादी के बाद देश में हरित क्रांति लाने का सपना साकार हो सका है। भारत व पाकिस्तान के मध्य हस्ताक्षरित इंडस जल संधि 1960 के अनुसार तीन पूर्वोत्तर नदियों सतलुज, ब्यास व रावी का जल भारत के प्रयोग के लिए आबंटित किया गया था। इस कार्य में भाखड़ा और ब्यास परियोजनाएं अहम भूमिका निभा रही हैं। इन नदियों पर तत्कालीन पंजाब व राजस्थान राज्यों के संयुक्त उद्यम से स्थापित विभिन्न पनबिजली परियोजनाओं के संचालन के लिए भाखड़ा ब्यास प्रबंध बोर्ड का गठन 15 मई, 1976 को हुआ था। इन परियोजनाओं की वर्तमान विद्युत उत्पादन क्षमता 2918.73 मैगावाट है, जबकि इन परियोजनाओं के माध्यम से पंजाब, हरियाणा व राजस्थान की मरू भूमि का हरा-भरा करने में अहम भूमिका निभाई है। मात्र 27 पैसे प्रति यूनिट की दर से बिजली पैदा करके राष्ट्र निर्माण में अहम योगदान देने वाले भाखड़ा बांध व अन्य परियोजनाओं का संचालन करने वाले भाखड़ा ब्यास प्रबंध बोर्ड आज 43 वर्ष का हो गया है। वर्ष 1966 में भाखड़ा बांध के लोकार्पण के बाद ब्यास निर्माण बोर्ड द्वारा ब्यास परियोजना के पूरा होने पर ब्यास परियोजना के हस्तांतरण के उपरांत भाखड़ा प्रबंध बोर्ड का नाम बदल कर भाखड़ा ब्यास प्रबंध बोर्ड कर दिया गया था।
बीबीएमबी की परियोजनाओं का देश के कृषि, दुग्ध उत्पादन आदि में 1.17 लाख करोड़ रुपये अथवा देश की जीडीपी में एक लाख करोड़ से अधिक का योगदान है। भाखड़ा नंगल परियोजना के जलाश्य की सकल भंडारन क्षमता 9340 मिलियन घन मीटर है। बीबीएमबी के गोबिंद सागर व महाराणा प्रताप सागर से लगभग 135 लाख एकड़ भूमि की सिंचाई के लिए भागीदार राज्यों को प्रतिवर्ष लगभग 28 मिलियन एकड़ सिंचाई जल की आपूर्ति होती है। बीबीएमबी जलाश्यों से पंजाब, हरियाणा, पश्चिमी राजस्थान, चंडीगढ़ और दिल्ली के मुख्य शहरों के लिए पीने के पानी की आपूर्ति भी की जाती है। कुतुबमीनार से तीन गुना ऊंचा है भाखड़ा बांध भाखड़ा बांध के निर्माण में कुल एक लाख टन सरिये का इस्तेमाल किया गया था। बांध के निर्माण में उपयोग की गई सीमेंट, कंक्रीट की मात्रा धरती के भू-मध्य रेखा पर 2.44 मीटर चौड़ी सड़क का निर्माण हेतु पर्याप्त है। बांध की ऊंचाई देश की राजधारी दिल्ली में स्थित कुतुबमीनार की ऊंचाई के तीन गुना से भी अधिक है। 283.90 करोड़ की लागत से वर्ष 1962 में बन कर पूरा हुआ भाखड़ा बांध उस समय एशिया में सबसे ऊंचा व विश्व में ऊंचाई में दूसरे स्थान पर था। बीबीएमबी अपने भागीदार राज्यों को विश्व में ऊर्जा की न्यूनतम दर लगभग 27 पैसे प्रति यूनिट की दर बिजली उपलब्ध करवा रहा है। इन पर है बीबीएमबी का कार्यभार--
फोटो 14 एनजीएल 03 में है।
बीबीएमबी के अध्यक्ष की जिम्मेदारी इन दिनों इंजी. डीके शर्मा निभा रहे हैं जबकि बोर्ड में सदस्य सिंचाई के लिए डा. गुलाब सिंह नरवाल से तथा सदस्य उत्पादन के तौर पर इंजी. हरमिंदर सिंह कार्यरत हैं। भाखड़ा बांध परियोजना के चीफ इंजीनियर एके अग्रवाल तथा पावर विंग के चीफ इंजीनियर का कार्यभार इंजी. बलबीर सिंह संभाले हुए हैं। बीबीएमबी को वर्ष 2017 से 2019 तक मिले पुरस्कार---
हाइड्रो विद्युत क्षेत्र में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाली यूटीलिटी तथा जल संसाधन के क्षेत्र में सर्वोत्तम अनुरक्षित परियोजना के लिए मिले दो पुरस्कार। ऊर्जा संरक्षण के लिए आयोजित राष्ट्र स्तर की चित्रकला प्रतियोगिता में सर्वोत्तम राज्य नोडल अधिकारी श्रेणी तथा सर्वोत्तम यूटी स्तर नोडल अधिकारी श्रेणी के लिए दो राष्ट्रीय पुरस्कार बीबीएमबी को प्रदान किए गए हैं।
सर्वोत्तम हाइड्रो विद्युत उत्पादक पुरस्कार, राजभाषा के कार्यान्वयन में तीन पुरस्कार, राजभाषा कीर्ति पुरस्कार, बोर्ड अध्यक्ष इंजी. डीके शर्मा को भारतीय जल एवं विद्युत क्षेत्रों में विशेष मान्यता तथा योगदान के लिए राष्ट्र स्तर के पुरस्कार का सम्मान, ऊर्जा उत्पादक की श्रेणी में राष्ट्रीय गौरव पुरस्कार, आधुनिक भारत के मंदिर भाखड़ा बाध को सर्वोत्तम अनुरक्षित परियोजना के रूप में राष्ट्र का अत्यंत प्रतिष्ठित पुरस्कार, भारत सरकार गृह मंत्रालय के राजभाषा विभाग द्धारा 'ख' क्षेत्र में अधिकतम सरकारी काममाज हिंदी में करने के लिए भाखड़ा बाध प्रशासन को प्रथम पुरस्कार जैसे एक नहीं कई अवार्ड अधिकारियों को भी प्रदान किए गए हैं। खेलों के क्षेत्र में भी बीबीएमबी की वालीबाल, क्रिकेट व कबड्डी की टीमें पिछले 21 सालों से ऊर्जा इकाइयों के राष्ट्र स्तरीय खेल मुकाबलों में अव्वल आ रही हैं। कार्यक्रम आज नंगल में
बीबीएमबी के स्थापना दिवस को समर्पित भव्य कार्यक्रम आज बुधवार को नंगल के बीबीएमबी डीएवी पब्लिक स्कूल में आयोजित किया जा रहा है। बोर्ड चेयरमैन इंजी. डीके शर्मा समारोह का उदघाटन करने के बाद अपना संदेश देने के बाद सांस्कृतिक कार्यक्रम पेश करने वाले छात्रों को सम्मानित करेंगे।
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