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आप विधायक पर हमला करनेवाले अजविंदर-बचितर को हुई है उम्रकैद, जमानत पर हैं बाहर

आप विधायक अमरजीत सिंह सदोआ पर हमला करने वाले अजविंदर सिंह और बचितर भाओवाल को हत्‍या के मामले में उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी। वे अभी जमानत पर हैं।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Fri, 22 Jun 2018 04:15 PM (IST)Updated: Sat, 23 Jun 2018 08:58 PM (IST)
आप विधायक पर हमला करनेवाले अजविंदर-बचितर को हुई है उम्रकैद, जमानत पर हैं बाहर
आप विधायक पर हमला करनेवाले अजविंदर-बचितर को हुई है उम्रकैद, जमानत पर हैं बाहर

रूपनगर, [अजय अग्निहोत्री]। यहां सतलुज नदी के किनारे रेत खनन का जायजा लेने पहुंचे आप विधायक अमरजीत सिंह सदोआ पर हमला करने वाले अजविंदर सिंह और बचितर सिंह भाओवाल को केसर सिंह मल्ली की हत्या मामले में उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी। जेल में एक तिहाई सजा भुगतने के बाद ये दोनों हाईकोर्ट से जमानत लेकर बाहर आए हैं।

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बताया जाता है कि अजविंदर कुख्यात गैंगस्टर दिलप्रीत सिंह बाबा की हिट लिस्ट में सबसे ऊपर है। दिलप्रीत की धमकी के बाद से ही पुलिस ने अजविंदर को दो गनमैन भी दिए हैं। उस पर हत्या के अलावा मारपीट के करीब 10 और मामले भी दर्ज हैं। उसने हाल ही में गांव बेईहारा में कम्यूनिटी सेंटर बनवाया था। इस पर खुद 50 लाख राशि इकट्ठी करके खर्च की। इस वजह से वह गांववासियों में अच्छी पैठ रखता है। अजविंदर की पत्नी जसविंदर कौर गांव की सरपंच है।

मल्ली की हत्या का बदला लेना चाहता है गैंगस्टर दिलप्रीत

नूरपुर बेदी में युवाओं के बचितर सिंह और केसर सिंह मल्ली के दो ग्रुप थे। केसर सिंह मल्ली कबड्डी खिलाड़ी था और युवाओं में अच्छी पैठ रखता था। आरोप है कि बचितर सिंह भाओवाल और अजविंदर सिंह ने 26 अप्रैल 2008 को केसर मल्ली की हत्या कर दी थी। हत्या के बाद युवाओं के ये गुट गैंगस्टर्स में बदल गए। हत्या मामले में 14 जून 2011 को अजविंदर और बचितर सिंह को उम्रकैद की सजा हुई।

दिलप्रीत सिंह केसर मल्ली का समर्थक था। बताया जाता है कि मल्ली की हत्या के बाद से दिलप्रीत ने प्रण लिया था कि वह हत्या करने वालों को बख्शेगा नहीं। दिलप्रीत सिंह इस कारण अजविंदर की जान का दुश्मन है।

हरसा बेला खड्ड की नीलामी रद का मामला पेंडिंग

दरिया में जिस जगह पर अवैध खनन का विधायक अमरजीत सिंह संदोआ आरोप लगा रहे हैं, वहां दो खड्ड एक साथ हैं। ये खड्डें हैं बेईहारा और हरसा बेला। बेईहारा खड्ड में बड़े स्तर पर अनियमितता पाए जाने पर डीसी गुरनीत तेज ने इसकी नीलामी रद करने की सिफारिश सरकार से की थी। बाद में पंजाब प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड ने इस खड्ड की मंजूरी रद कर दी थी। हरसा बेला खड्ड में भी अनियमितता पाई गई थीं लेकिन इस नीलामी रद करने का मामला सरकार के पास पेंडिंग है।


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