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कोरोना के संक्रमण को रोकेगा ऐरोसोल कंटेनमेंट बॉक्स, इंजीनियर व डॉक्‍टरों की टीम ने बनाया

कोरोना को संक्रमण को रोकने के लिए डॉक्‍टरों और इंज‍ीनियरों की टीम ने अनाेखा उपकरण बनाया है। ऐरोसोल कंटेनमेंट बॉक्स नाम का यह उपकरण कोरोना के संक्रमण को रोकेगा।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Tue, 28 Apr 2020 04:32 PM (IST)Updated: Tue, 28 Apr 2020 04:32 PM (IST)
कोरोना के संक्रमण को रोकेगा ऐरोसोल कंटेनमेंट बॉक्स, इंजीनियर व डॉक्‍टरों की टीम ने बनाया
कोरोना के संक्रमण को रोकेगा ऐरोसोल कंटेनमेंट बॉक्स, इंजीनियर व डॉक्‍टरों की टीम ने बनाया

रूपनगर, जेएनएन। इंजीनियरों और डॉक्‍टरों ने कोरोना के संक्रमण से बचाने के लिए कमाल का उपकरण बनाया है। यह ऐरोसोल कंटेनमेंट बॉक्स कोरोना वायरस को फैलने से रोकेगा। यह कोरोना महायोद्धा डॉक्‍टरों और मेडिकल कर्मियों के लिए बेहद उपयोगी है। इससे अस्‍पतालों में भर्ती कोरेना मरीजों से यह वायरस आसपास नहीं फैलेगा और स्‍वास्‍थ्‍य कर्मी इससे बचे रहेंगे।

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आइआइटी रोपड़ के इंजीनियरों व डीएमसी लुधियाना के डॉक्टर ने बनाया बॉक्स

इसे आइआइटी रोपड़ के इंजीनियर डॉ. आशीष साहनी, डॉ. विवेक गुप्ता और दयानंद मेडिकल कॉलेज व अस्पताल (डीएमसीएच) लुधियाना के डॉ. जीएस वांडर ने कंटेनमेंट बॉक्स को बनाया है। उनका दावा है कि यह ऐरोसोल बॉक्स कोरोना से लड़ाई में सबसे आगे खड़े स्वास्थ्य कर्मियों को संक्रमण से बचाने के लिए कारगर साबित होगा। यही नहीं जिस वार्ड में मरीज भर्ती होगा, उसके आसपास भी वायरस नहीं फैल सकता है।

आशीष के अनुसार, कोरोना वायरस से संक्रमित व्यक्ति खांसी व छींक के साथ हवा में कुछ तरल कण छोड़ता है। यह कण हवा में करीब दो मीटर तक फैल जाते हैं। इन कणों के संपर्क में जब भी कोई स्वास्थ्य कर्मी या अन्य व्यक्ति आता है तो वह संक्रमित हो जाता है। अगर उपचाराधीन संक्रमित व्यक्ति के लिए ऐरोसोल बॉक्स का इस्तेमाल किया जाए तो संक्रमण फैलने की संभावना बहुत कम हो जाएगी।

कांच से बने बॉक्स से मरीज के सिर को किया जाता है कवर, चिकित्सकों व स्वास्थ्य कर्मी संक्रमण से बचेंगे

ऐरोसोल कंटेनमेंट कैपाबिलिटी बॉक्स में दो पाइप लगे होंगे। यह नेगेटिव प्रेशर रूम की तरह काम करेगा। संक्रमित व्यक्ति की सांस के जरिये निकलने वाले कणों को एक पाइप के जरिये बॉक्स के बाहर खींच लिया जाएगा। पाइप के साथ लगे माइक्रोन लेवल के फिल्टर इन कणों को रोक लेंगे और हवा को बाहर फेंक देंगे।

आशीष कहना है कि कोरोना से संक्रमित व्यक्ति को अलग कमरे में रखने की जरूरत होती है। किसी बड़े कमरे को निगेटिव प्रेशर रूम में बदलने का खर्च बहुत होता है। ऐरोसोल कंटेनमेंट बॉक्स का खर्च बहुत कम है और इसे आसानी से बनाया जा सकता है। आशीष साहनी, विवेक गुप्ता और डॉ. वांडर ने उम्मीद जताई कि इस डिजाइन को अस्पतालों में अपनाया जाएगा।

डीएमसीएच में किया परीक्षण

ऐरोसोल कंटेनमेंट बॉक्स का डीएमसीएच में परीक्षण भी किया गया है। बॉक्स में एक वालंटियर के सिर को एक घंटे के लिए रखा गया। यह प्रमाणित हुआ कि इस दौरान उसे सांस लेने या छोडऩे में कोई परेशानी नहीं हुई। ऑक्सीजन का स्तर भी सामान्य रहा। उसे घबराहट या डर भी महसूस नहीं हुआ।

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