कैंप के लिए सात गांव बुलाए, मौके पर नौ विभागों की टीमें ही नहीं पहुंची
गांवों में कलस्टर बनाकर कैंप लगाने के लिए जारी शेडयूल की सरकारी विभाग खिल्ली उड़ा रहे हैं।
अजय अग्निहोत्री, रूपनगर: बीडीपीओ रूपनगर की ओर से महात्मा गांधी सरबत विकास योजना के तहत गांवों में कलस्टर बनाकर कैंप लगाने के लिए जारी शेडयूल की सरकारी विभाग खिल्ली उड़ा रहे हैं। वीरवार को रूपनगर के ख्वासपुरा के सरकारी स्कूल में महात्मा गांधी सरबत विकास योजना के तहत कैंप तय था। सात गांवों के लोगों को कैंप में बुलाया गया था, ताकि वो योजना के तहत विभिन्न विभागों की कल्याणकारी योजनाओं के तहत आवेदन कर सकें, लेकिन इस कैंप में 14 विभागों में से नाममात्र विभागों की कर्मचारियों की टीम ही पहुंची और उनके पास भी योजनाओं के दस्तावेज नहीं थे। केवल प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत फॉर्म कैंप में थे। यही नहीं, गांव के लोग सुबह से लेकर दोपहर तक विभागों की टीमों के आने का इंतजार करते रहे। ऊपर से जिला सामाजिक सुरक्षा अधिकारी की ओर से आई महिला कर्मचारियों को यही पता नहीं था कि वो कैंप में करने क्या आए हैं। दोपहर तीन बजे के बाद जब जागरण टीम मौके पर पहुंची, तो कहीं से बुढ़ापा पेंशन के परफॉर्मे लाए गए। बीडीपीओ दफ्तर रूपनगर की तरफ से 14 सरकारी विभागों को अग्रिम सूचना देकर कैंप में अपनी टीम भेजने के लिए कहा गया था। कैंप में कुल पांच विभाग के कर्मचारियों की टीम ही पहुंची। इनमें पटवारी, वाटर सप्लाई एंड सेनीटेशन विभाग, जिला सामाजिक सुरक्षा एवं स्वास्थ्य विभाग की टीम पहुंची थी। बीडीपीओ ने सिविल सर्जन रूपनगर समेत वन मंडल अफसर रूपनगर, जिला कंट्रोलर खुराक व सप्लाई विभाग, कार्यकारी इंजीनियर पावर काम रूपनगर, कार्यकारी इंजीनियर वाटर सप्लाई एवं सेनीटेशन रूपनगर, मुख्य खेती बाड़ी अधिकारी रूपनगर, जिला सामाजिक सुरक्षा अधिकारी रूपनगर, सहायक प्रोजेक्ट अधिकारी (मगनरेगा) ब्लाक रूपनगर, मैनेजर सुविधा केंद्र रूपनगर, जिला सैनिक भलाई अधिकारी रूपनगर. मैनेजर एससी बीसी कारपोरेशन रूपनगर समेत जिला शिक्षा अधिकारी (ए) रूपनगर को अपनी टीमें भेजने के लिए कहा गया था। प्रशासन का गैरजिम्मेदाराना रवैया सही नहीं: सरपंच गांव ख्वासपुरा के सरपंच मनप्रीत सिंह सन्नी व गांव बैरमपुर के सरपंच गुरदीप कौर ने कहा कि सरबत विकास योजना की कैंप की सूचना हमें बीडीपीओ द्वारा बनाए वाट्सएप ग्रुप में ही दी गई। कई सरपंच तो वाट्सएप इस्तेमाल ही नहीं करते। उन्होंने वाट्सएप मैसेज के मुताबिक कैंप की तैयारी की थी। कैंप का समय दस बजे था लेकिन प्रशासन के कुछ विभागों की टीमें 11 बजे पहुंचनी आरंभ हुई। लोग तो सुबह नौ बजे से आकर बैठ गए थे। उन्होंने कहा कि कैंप में 14 विभागों की टीमों ने आना था, लेकिन आई केवल पांच विभागों की टीमें। उन्होंने प्रशासन की गैरजिम्मेदाराना रवैये पर रोष जताया। विभाग नहीं आना चाहते, तो कैंप भी न लगाए जाएं कैंप में हिस्सा लेने आए गुरिदर सिंह ख्वासपुरा, अहैवत अली, नाजीर अली, महीपाल व पूजा वर्मा ने कहा कि उन्हें सरपंच ने सूचना दी थी कि कैंप लगना है और लोगों को विभिन्न सुविधाएं पक्के मकान के लिए ग्रांट, नीले कार्ड बनाने, बुढ़ापा पेंशन, विधवा पेंशन व आधार कार्ड आदि बनवाने के लिए मौके पर अधिकारी आएंगे, लेकिन यहां पर दोपहर तीन बजे तक इंतजार करने के बाद भी कोई नहीं आया। लोगों की दिहाड़ियां टूट गई। कोई छुट्टी लेकर आया था। लोगों की परेशानी के लिए कौन जिम्मेदार है। समय और पैसा दोनों बर्बाद हुए हैं। अगर विभाग नहीं आना चाहते हैं, तो कैंप भी न लगाए जाएं।