पराली जलाने के दर्ज किए 69 मामले, अभी तक सिर्फ 20 ने ही भरा 60 हजार जुर्माना
प्रदेश में पराली जलाने के मामलों से दिल्ली तक हाहाकार मच गई थी। इसके बाद पंजाब सरकार ने आनन फानन में कार्रवाई के आदेश दिए।
जागरण संवाददाता, रूपनगर: प्रदेश में पराली जलाने के मामलों से दिल्ली तक हाहाकार मच गई थी। इसके बाद पंजाब सरकार ने आनन फानन में कार्रवाई के आदेश दिए। इसके बाद किसानों पर मामला दर्ज कर उनके पराली जलाने के रकबे से हिसाब से जुर्माना भी हुआ। इसका असर कुछ हद तक देखने को मिला और कई किसानों ने कई दिनों तक पराली नहीं जलाई, लेकिन जिन किसानों पर कानून का डंडा बरसा, वह अब जुर्माना अदा करवाने में गंभीरता नहीं दिखा रहे। जिले में नवंबर माह से लेकर अब तक कुल 69 मामले दर्ज करने के बाद 2 लाख 15 हजार रुपये का जुर्माना किसानों को किया गया था , पर तीन माह बाद भी रूपनगर में अभी तक सिफ 20 के आसपास किसानों ने ही जुर्माना राशि जमा करवाई है। यह राशि 60 हजार के आसपास है। जुर्माना वसूलने में सरकारी तंत्र कायमाब नहीं हो पा रहा है। ढाई एकड़ जमीन में पराली जलाने पर 2500 रुपये प्रति किसान और पांच एकड़ तक पराली जलाने पर किसान को पांच हजार रुपये जुर्माना किया गया था। जिला रूपनगर में साल 2019 में धान की कटाई के बाद पराली जलाने के 69 मामले दर्ज किए गए हैं। इन मामलों में जिला मजिस्ट्रेट के पराली जलाने के पाबंदी के आदेश के उल्लंघन के आरोप में एफआइआर दर्ज की गईं। जिला प्रशासन को सेटेलाइट के जरिये आग लगाने वाली लोकेशन भेजी जाती हैं। खेतीबाड़ी विभाग भी अपने स्तर पर इलाके में दौरा करके पराली जलाने के मामलों को पकड़ता है। इस बीच जिले में सवा सौ से ज्यादा साइट पर आग लगने की सूचनाएं मिली थी, लेकिन मामले 69 में ही दर्ज किए गए। तब विभाग का तर्क था कि छोटी- मोटी आग (जो खेत में नहीं थी) को भी सेटेलाइट ने दिखा दिया। इस बारे में बाद में सरकार ने पक्ष स्पष्ट किया था कि सेटेलाइट जो आग लगाने के प्वाइंट दिखा रही है, अगर वहां खेत नहीं भी है और आग लगाई गई है और प्रदूषण हुआ है, तो कार्रवाई होनी चाहिए। चमकौर साहिब में सबसे ज्यादा मामले दर्ज जिला रूपनगर में सबसे ज्यादा पराली जलाने के मामले चमकौर साहिब पुलिस स्टेशन क्षेत्र में दर्ज किए गए थे। वहां 17 से भी ज्यादा मामले दर्ज किए गए हैं। पराली जलाने के मामलों में कमी तो हुई है, लेकिन किसान पराली संभालने को लेकर आज भी सकारात्मक रवैया नहीं अपना पा रहे।
जुर्माना वसूलने का काम पीपीसीबी का: हरविदर लाल जिला खेतीबाड़ी विभाग के नोडल अधिकारी (पराली) हरविदर लाल ने बताया कि पराली जलाने के मामलों को लेकर विभाग ने जुर्माने के नोटिस भेजे गए थे। ये जुर्माने पंजाब प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के पास जमा होने थे। जुर्माना वसूलने का काम कंट्रोल बोर्ड के पास ही है।
जमीन के रेवेन्यू रिकॉर्ड में दर्ज करवाया जाएगा जुर्माना : एसडीओ पंजाब प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड मोहाली के एसडीओ रवदीप सिंह ने बताया कि जिला रूपनगर में अभी तक सिफ 20 के आसपास किसानों ने ही जुर्माना राशि जमा करवाई है। यह राशि 60 हजार के आसपास है। जो किसान जुर्माना अदा नहीं कर रहे हैं, उन्हें नोटिस भेजे जा रहे हैं। जुर्माना न जमा करवाने पर किसानों की जमीन के रेवेन्यू रिकॉर्ड में यह जुर्माना दर्ज करवाया जाएगा।