Move to Jagran APP

पोलिंग बूथों पर कम रही रौनक, जिले में 59.93 फीसद मतदान

रूपनगर जिले में बुधवार को जिला परिषद एवं ब्लाक समिति चुनाव के हुए मतदान में जिले में कुल 59.93 मतदान हुआ।

By JagranEdited By: Published: Wed, 19 Sep 2018 09:59 PM (IST)Updated: Wed, 19 Sep 2018 09:59 PM (IST)
पोलिंग बूथों पर कम रही रौनक, जिले में 59.93 फीसद मतदान
पोलिंग बूथों पर कम रही रौनक, जिले में 59.93 फीसद मतदान

जागरण संवाददाता, रूपनगर

prime article banner

जिले में बुधवार को जिला परिषद एवं ब्लाक समिति चुनाव के हुए मतदान में जिले में कुल 59.93 मतदान हुआ। मतदान को लेकर मतदाताओं में नाममात्र रुझान कई सवाल खड़े कर गया। कछुआ चाल से शुरू हुआ मतदान सायं चार बजे तक किसी तरह आधे शतक का आंकड़ा पार कर पाया। बेशक छुटपुट झगड़ों और आरोप प्रत्यारोप के बीच मतदान संपन्न हो गया और अंतिम समय वोटरों में उत्साह देखने को मिला। लेकिन जिस तरीके से वोटरों ने अपना नकारात्मक रवैया चुनावों को लेकर दिखाया है वो ¨चता का विषय है। इन चुनावों को लेकर इस बार प्रचार का बोलबाला दिखाई नहीं दिया और बड़े नेता भी बीच बीच में ही जनसभाओं में किसी किसी उम्मीदवार के हक में प्रचार करने पहुंचे, उसी तरह मतदाताओं का इन चुनावों को लेकर रुझान पहले से कहीं कम हो गया। जिले में पहले दो घंटे में सुबह आठ बजे से दस बजे तक 12 फीसद ही मतदान हुआ। जागरण संवाददाता ने सुबह के समय जिन जिन पो¨लग बूथों पर दौरा किया, तो पाया कि पो¨लग स्टाफ एवं पुलिस तो मुस्तैद दिखी लेकिन बूथों पर रौनक नहीं थी। अपने अपन इलाके में असर रसूख वाले उम्मीदवारों को छोड़ दें तो पो¨लग बूथों पर इक्का दुक्का वोटर ही दिखाई दिए। दोपहर 12 बजे तक बेशक मतदाताओं की तादाद कुछ बढ़ी, लेकिन 2 बजे तक भी 50 फीसद मतदान नहीं हो पाया। 2 बजे तक 42 फीसद मतदान दर्ज किया गया। सबसे कम मतदान आनंदपुर साहिब पंचायत समिति के इलाके में 37 फीसद दर्ज किया गया। चुनावी अमला बोला, खाना अच्छा नहीं था उधर, कोटला निहंग पो¨लग बूथ पर दौरा करने आए डीसी डॉ.सुमीत जारंगल ने ना केवल वोटरों से प्रबंधों के बारे में पूछा बल्कि चुनावी अमले से भी रात के प्रबंधों के बारे में सवाल किए। कोटला निहंग में चुनावी स्टाफ सदस्य गुरदीश कौर ने पूछने पर डीसी डॉ.जारंगल को कहा कि रात को सोने का प्रबंध सही नहीं था। उन्हें सरपंच ने कहीं ठहराया था, लेकिन खाने का भी प्रबंध सही नहीं था। इसी पो¨लग स्टेशन के अन्य पो¨लग बूथ पर डीसी ने फिर स्टाफ से वही सवाल किया। जब स्टाफ बोलने से हिचकिचाया तो खुद डीसी ने कहा कि रात को प्रबंध सही था। उन्हें पता चला है कि प्रबंध अच्छा नहीं था। नहीं दिखा चुनावी रंग इन चुनावों में सियासी पार्टियों के कुछेक नेताओं को छोड़ दें तो अधिकतर नेता तथा समर्थक चुनाव में कम ही सरगर्म रहे। कुछेक वर्चस्व वाली जिला परिषद व ब्लॉक समिति की जोनों को छोड़ दें, तो बाकी पर प्रचार का जोर भी नहीं दिखा। और तो और विपक्ष की पार्टी अकाली दल के कई नेता इस बार चुनाव लड़ने से कतराते रहे। कई गांवों में पार्टियों के पो¨लग बूथ खाली रहे। कुल मिलाकर कहा जाए तो चुनावी रंग और ढोल धमाके न प्रचार में दिखे न ही उत्साह।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.
OK