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56 करोड़ किए खर्च, पानी का नहीं बंदोबस्त

ये रूपनगर का दुर्भाग्य ही है कि करोड़ों रुपये से चार लाख गैलेन की क्षमता वाली टंकी बनने और 42 किलोमीटर लंबी पाइपलाइन डालने के बाद भी शहर का बड़ा हिस्सा गर्मियों की शुरुआत में प्यासा है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 02 Jun 2020 10:32 PM (IST)Updated: Wed, 03 Jun 2020 06:12 AM (IST)
56 करोड़ किए खर्च, पानी का नहीं बंदोबस्त
56 करोड़ किए खर्च, पानी का नहीं बंदोबस्त

अजय अग्निहोत्री, रूपनगर : ये रूपनगर का दुर्भाग्य ही है कि करोड़ों रुपये से चार लाख गैलेन की क्षमता वाली टंकी बनने और 42 किलोमीटर लंबी पाइपलाइन डालने के बाद भी शहर का बड़ा हिस्सा गर्मियों की शुरुआत में प्यासा है। पंजाबी की एक कहावत अग्गा दौड़ पिच्छा चौड़ 56 करोड़ के प्रोजेक्ट पर पूरी तरह स्टिक बैठती है। हैरानी की बात है कि रूपनगर में चार लाख गैलेन की क्षमता वाली ओवर हैड टंकी बठिडा के बाद पंजाब में दूसरी सबसे बड़ी टंकी है, लेकिन इसे भरने के लिए सीवरेज एवं वाटर सप्लाई विभाग के पास पर्याप्त पानी नहीं है। ऐसे में 56 करोड़ रुपये की लागत वाले सीवरेज एवं वाटर सप्लाई व्यवस्था 100 फीसद मुहैया करवाने का प्रोजेक्ट का शहर को क्या लाभ हुआ, यह चितनीय सवाल हैं, जिसका जवाब तत्कालीन अकाली भाजपा सरकार के नुमाइंदों, सीवरेज एवं वाटर सप्लाई विभाग के तत्कालीन अधिकारी और नगर कौसिल के तत्कालीन प्रधान और अधिकारियों को देना चाहिए। क्या तब पर्याप्त पानी की सप्लाई का बंदोबस्त जरूरी नहीं था। अब वर्तमान अधिकारी इस समस्या के समाधान के लिए मगजमारी कर तो रहे हैं लेकिन किसी नतीजे पर नहीं पहुंच पा रहे। तीन साल पहले से सीवरेज वाटर सप्लाई विभाग कौंसिल को 56 करोड़ वाला प्रोजेक्ट हैंडओवर ही नहीं कर पाया।

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वाटर सप्लाई विभाग को जो पानी टंकी भरने के लिए मिल रहा है वो पुराने वाटर ट्रीटमेंट प्लांट का है, जिसे पिछले साल 2019 में मुकम्मल तौर पर बंद करके नए वाटर ट्रीटमेंट प्लांट को दे दिया गया। उससे नगर कौंसिल सर्कुलर रोड के भीतर के पुराने शहर को पानी की सप्लाई दे रही है। चार लाख गैलेन की टंकी को भरने के लिए पानी का बंदोबस्त जरूरी था जो नहीं किया गया।

ये भी जानिए

रूपनगर शहर में 1992 में भाखड़ा नहर से साइफन लगाकर पानी की सप्लाई की मंजूरी मिली थी तब शहर की आबादी 10 हजार थी। अब 28 साल बाद शहर की आबादी 56 हजार के आसपास है, तब एक लाख लीटर क्षमता वाली टंकी से शहर को सप्लाई दी जाती थी।

वर्टिकल शाफ्ट का निर्माण तो करवाया पर प्रयोग नहीं कर पा रहे

मेन वाटर वकर्स में भाखड़ा नहर से पानी की सप्लाई देने वाले साइफन से पानी की क्षमता बढ़ाने वाली वर्टिकल शाफ्ट 11 साल पहले कीरतपुर साहिब-कुराली हाईवे के निर्माण के वक्त सड़क में आने की वजह से टूट गई थी। उसका निर्माण 2020 की शुरुआत में हुआ लेकिन अब इसे इसलिए मेन लाइन से नहीं जोड़ा रहा क्योंकि इसे जोड़ने से कई दशक पुरानी मेन लाइन में प्रेशर से लीकेज होने का खतरा है। ऐसे में नई मेन पाइपलाइन पड़ने के बाद ही वर्टिकल शाफ्ट का फायदा मिल सकेगा। बाहरी इलाकों में एक दिन बाद दी जा रही सप्लाई

दो-दो घंटे दिन व रात में सप्लाई देने के बाद भी नई टंकी से शहर के सर्कुलर रोड के बाहर वाले इलाके में एक दिन बाद पानी की सप्लाई जाती है और वो भी पर्याप्त नहीं है। डीसी ने दी पाइपलाइन बदलने की हिदायत

शहर में पेयजल की किल्लत के समाधान के लिए सोमवार सायं साढ़े छह बजे से लेकर पौने आठ बजे तक डीसी ने अधिकारियों के साथ बैठक की। डीसी ने सीवरेज व वाटर सप्लाई विभाग और नगर कौंसिल के अधिकारियों का पक्ष सुना और सीवरेज व वाटर सप्लाई विभाग को जल्द से जल्द सरहिद नहर के ऊपर से गुजरती मेन पाइप लाइन को बदलने की हिदायत दी।

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पानी की किल्लत दूर का कर रहे प्रयास: अरविद मेहता

सीवरेज एवं वाटर सप्लाई विभाग रूपनगर के एसडीओ अरविद मेहता ने कहा कि फिलहाल नगर कौंसिल ने दो दो घंटे की सप्लाई सीवरेज व वाटर सप्लाई विभाग को दिन में देने का फैसला किया है। कोशिश की जा रही है कि पानी की किल्लत को दूर किया जाए।


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