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हमें मंजूर नहीं एनएच, चमकौर साहिब-दोराहा रोड को करें चौड़ा

नेशनल हाईवे लुधियाना से रूपनगर तक के प्रोजेक्ट का जहां किसान पहले ही विरोध कर रहे थे वहीं अब किसानों के साथ पंचायतों ने भी इसके विरोध में अपना मोर्चा खोल दिया है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 26 Feb 2021 10:29 PM (IST)Updated: Fri, 26 Feb 2021 10:29 PM (IST)
हमें मंजूर नहीं एनएच, चमकौर साहिब-दोराहा रोड को करें चौड़ा
हमें मंजूर नहीं एनएच, चमकौर साहिब-दोराहा रोड को करें चौड़ा

जागरण संवाददाता, रूपनगर: नेशनल हाईवे लुधियाना से रूपनगर तक के प्रोजेक्ट का जहां किसान पहले ही विरोध कर रहे थे, वहीं अब किसानों के साथ पंचायतों ने भी इसके विरोध में अपना मोर्चा खोल दिया है। प्रोजेक्ट के लिए एक्वायर होने वाली जमीन से संबंधित चार पंचायतों ने हाईवे निर्माण के खिलाफ प्रस्ताव डाले हैं। शुक्रवार को रूपनगर के महाराजा रणजीत सिंह बाग में एकत्र हुए किसानों ने जनसभा कर इस प्रोजेक्ट को सिरे से खारिज करने की मांग की। उन्होंने एक मांगपत्र जिला रेवेन्यू अधिकारी जसवंत सिंह को सौंपा। इसमें नेशनल हाईवे बनने से इलाके को होने वाले नुकसान के बारे में विस्तार से बताया गया है। इससे पहले गांव सलौरा, समाना कलां, ओइंद, गोपालपुर और मकड़ौना खुर्द की ग्राम पचायतों के प्रस्ताव में कहा है कि इस नेशनल हाईवे का गांवासियों को कोई लाभ नहीं है। इससे न सिर्फ खेतीबाड़ी वाली जमीन का नुकसान होगा, बल्कि लोग बेरोजगार भी हो जाएंगे। प्रस्ताव में पंचायतों ने जोर देकर कहा है कि हाईवे के तहत जो सड़क लुधियाना से शुरू होकर रूपनगर तक बनने वाली है, उसकी जगह पहले बनी लुधियाना से रूपनगर तक सड़क जिसे चमकौर साहिब-नीलो-दोराहा रोड कहा जाता है, उस मार्ग पर यातायात नाममात्र है। इस सड़क को नेशनल हाईवे में लेते हुए इसे मजबूत और चौड़ा किया जा सकता है। जिला रेवेन्यू अधिकारी जसवंत सिंह को सौंपे मांगपत्र में 72 किसानों के हस्ताक्षर किए हैं। मांगपत्र में किसानों में हरदीप सिंह ओइंद, बंत सिंह, लखविदर सिंह, दर्शन सिंह, कुलवीर सिंह, शेर सिंह, जसप्रीत सिंह कोटली, मनदीप सिंह डेहर, कुलदीप सिंह डेहर, निदेश मोहन सिंह, हरप्रीत सिंह, गुरदीप सिंह, सतनाम सिंह, करम सिंह, रणवीर सिंह गिल, रणजीत सिंह व शेर सिंह ने कहा कि नेशनल हाईवे के लिए जमीन एक्वायर करने के बाद बरसाती पानी और गांवों के साझे पानी की निकासी की समस्या पैदा हो जाएगी। इससे कई दशकों पुराने पेड़ों का नुकसान होगा और पर्यावरण असंतुलन पैदा हो जाएगा।

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जन सुनवाई में भी किसानों ने किया था विरोध पांच फरवरी 2021 को रूपनगर के शिवालिक पब्लिक स्कूल में आयोजित 3300 करोड़ रुपये के नेशनल हाईवे लुधियाना से रूपनगर तक के प्रोजेक्ट को पर्यावरण की मंजूरी के लिए हुई जन सुनवाई में मात्र तीन किसानों ने इस प्रोजेक्ट के लिए हामी भरी थी। बाकी मौजूद करीब 200 किसानों और पर्यावरण प्रेमियों ने इकसा विरोध किया था। नेशनल हाईवे अथारिटी के डायरेक्टर प्रदीप अत्री, एडीसी (ज) दीपशिखा शर्मा, पंजाब प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के इंवायरमेंट इंजीनियर अनुराधा, जिला परिषद की चेयरपर्सन कृष्णा देवी पर्यावरण संबंधी सार्वजनिक सुनवाई की अध्यक्षता की थी। गौर हो कि नेशनल हाईवे 110 किलोमीटर लंबा है, जिसमें 40 किलोमीटर रोपड़ जिले में है। गांव बहलोलपुर से गांव भ्यौरा तक 25 किलोमीटर और गांव पिपलमाजरा से बदरपुर तक का 15 किलोमीटर इसमें शामिल है। नुकसान की जिम्मेदारी किसकी एडवोकेट सतनाम सिंह गिल सत्ती ने कहा कि नेशनल हाईवे के लिए जमीन एक्वायर करने से बरसाती पानी और जंगली जीव कहां जाएंगे। हाईवे छह फीट ऊंचा बनेगा और बरसाती पानी किसानों की उपजाऊ जमीनों को हर साल बर्बाद करेगा। इसकी जिम्मेदारी किसकी होगी। पांच फरवरी को हुई सार्वजनिक सुनवाई के दौरान किसानों के विरोध के बाद उनकी जमीन को नेशनल हाईवे को न देने संबंधी रिपोर्ट बनाकर संबंधित उच्चाधिकारियों को भेज दी गई थी। किसानों ने शुक्रवार को जो मांगपत्र सौंपा है, वह भी सरकार के ध्यान में लाया जाएगा।

सोनाली गिरी, डीसी।


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