बीबीएमबी अस्पताल में स्टाफ की कमी पूरी करे प्रबंधन
बीबीएमबी फील्ड इंप्लाईज यूनियन सीटू ने बीबीएमबी अस्पताल में अनिवार्य सुधारों की माग के लिए प्रदर्शन किया।
जागरण संवाददाता, नंगल: बीबीएमबी फील्ड इंप्लाईज यूनियन सीटू ने बीबीएमबी अस्पताल में अनिवार्य सुधारों की माग के लिए प्रदर्शन किया। अस्पताल के मेन गेट के समक्ष रोष प्रदर्शन करते हुए सीटू के प्रधान विनोद भट्टी तथा अन्य पदाधिकारियों राजा सिंह व प्राण नाथ ने कहा कि भाखड़ा नंगल पनबिजली परियोजना के कर्मचारियों के लिए बने अस्पताल में इस समय 18 डाक्टरों की जगह पांच पक्के डाक्टर व कुछ कांट्रैक्ट पर ही काम कर रहे हैं। डाक्टरों की कमी को पूरा नहीं किया जा रहा है। इसके अलावा क्लास फोर व नर्सो की कमी को पूरा करने के अलावा करीब 12 साल से बंद पड़ी अल्ट्रासाउंड की मशीन को भी चालू नहीं किया जा सका है। एमआरआइ व सीटी स्कैन की सुविधा भी नहीं है। ऐसे में बीबीएमबी कर्मचारी स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए निजी अस्पतालों पर निर्भर है, जहा उन्हें महंगे उपचार से आर्थिक नुकसान भी उठाना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि अस्पताल में कई कमियों के चलते कर्मचारियों के साथ-साथ भाखड़ा बाध के विस्थापित जिला ऊना व बिलासपुर गांवों के सैकड़ों लोग भी परेशानी झेल रहे हैं। बीबीएमबी को भागीदार प्रातों की ओर से डाक्टर न भेजने पर यहां पर अपने स्तर पर जनहित में जल्द डाक्टर्स की नियुक्तिया करनी चाहिए। अस्पताल में सस्ती दवाइयों का स्टोर भी नहीं खोला जा रहा है। अब तक पिछले आठ सालों में अस्पताल के अंदर कमरों को नया बनाने, एसी, गीजर, कूलर लगाने, फर्नीचर खरीदने जैसे कार्यो पर करीब 60 लाख से अधिक की राशि खर्च की जा चुकी है, पर हालात वैसे के वैसे ही हैं। उन्होंने कहा कि इस मसले को लेकर लगातार संघर्ष जारी रखा जाएगा। इस मौके पर यूनियन के राम सिंह, संजीव कुमार, जसविंदर सिंह, मदन लाल, राज बहादुर, अजय कुमार, जगदेव सिंह, सुरजीत सिंह, एमएस मल्होत्रा, गगनदीप व राजेश कुमार आदि भी मौजूद थे। सिविल सर्जन के आश्वासन पर नर्सो ने स्थगित किया संघर्ष जागरण संवाददाता, रूपनगर: सिविल अस्पताल में स्टाफ नर्सों की कमी के खिलाफ नर्सों का प्रदर्शन वीरवार को दूसरे दिन भी जारी रहा। नर्सो ने सिविल सर्जन व एसएमओ के खिलाफ नारेबाजी कर खाली पदों को भरने की मांग की। इसके बाद सिविल सर्जन डा. दविदर कुमार ने नर्सों को दफ्तर बुलाया । उन्होंने विश्वास दिलाया कि वह स्वास्थ्य विभाग के डायरेक्टर को पत्र लिखकर मांग करेंगे कि रूपनगर सिविल अस्पताल में नर्स के स्टाफ पूरा किया जाए, जिसके बाद नर्सो ने अपना प्रदर्शन बंद कर दिया।