कौंसिल चुनाव में भाषणबाजी तो बहुत हुई, पर मुद्दे की बात किसी ने नहीं की
हाल ही में संपन्न हुए नगर कौंसिल चुनाव के दौरान विभिन्न पार्टियों के नेताओं ने वोटरों को भरमाने के लिए भाषण तो बहुत दिए लेकिन शहरवासियों से जुड़े मुद्दों पर कोई कुछ नहीं बोला।
संवाद सहयोगी, रूपनगर: हाल ही में संपन्न हुए नगर कौंसिल चुनाव के दौरान विभिन्न पार्टियों के नेताओं ने वोटरों को भरमाने के लिए भाषण तो बहुत दिए, लेकिन शहरवासियों से जुड़े मुद्दों पर कोई कुछ नहीं बोला। नेताओं ने एक दूसरे पर आरोप- प्रत्यारोप तो लगाए, लेकिन किसी ने अपनी चारपाई के नीचे झांकने की कोशिश नहीं कि उसमें कितनी खामियां हैं। यह बातें हलका सुधार कमेटी के महासचिव रणजीत सिंह पतियाला ने कहीं। उन्होंने कहा कि रूपनगर को कुदरत ने तो बहुत सुख सुविधाएं उपलब्ध करवाई हैं, लेकिन हमारे नेताओं व प्रशासन ने सुविधाओं की हवा निकालने में कोई कसर शेष नहीं छोड़ी।
65 हजार आबादी वाले रूपनगर शहर को तय मापदंड के अनुसार रोजाना प्रति व्यक्ति 135 लीटर के हिसाब से 88 लाख लीटर पानी की जरूरत है। वर्ष 1990 से भाखड़ा नहर से रोजाना पांच क्यूसिक (एक करोड़ 22 लाख चार हजार लीटर) पानी उठाने की मंजूरी मिली हुई है , जिससे आने वाले 15 वर्षों तक जलापूर्ति संभव है। दुख वाली बात यह है कि घटिया नीतियों के चलते 31 वर्षं का लंबा समय बीत जाने के बाद भी मुफ्त में मिलने वाला पानी पूरे शहर को उपलब्ध नहीं हो सका है। ज्ञानी जैल सिंह नगर में बनी 18 हजार लीटर क्षमता वाली पानी की टंकी खुद प्यासी है । शहर में 23 फरवरी 1995 को सीवरेज सिस्टम चालू हुआ था। इसमें 75-75 हार्स पावर वाली तीन मोटरें लगाने के साथ साथ जरूरत पड़ने पर एक अतिरिक्त मोटर लगाने की व्यवस्था अलग से की गई थीं। 26 साल का समय बीतने व 26 फीसद आबादी बढ़ जाने के बाद चौथी मोटर लगाने के बजाय पहले से लगाई तीन मोटरें भी चालू हालत में नहीं की जा सकी हैं। यही कारण है कि हल्की सी बारिश होने पर शहर का सारा सीवरेज सिस्टम फेल हो जाता है जिसका खामियाजा आम लोगों को भुगतना पड़ रहा है।