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नशे की रोकथाम के लिए कठोर हों कानून

नशा विरोध दिवस 26 को मनाया जाएगा। 1987 में संयुक्त राष्ट्र महासभा के कार्यक्रम अनुसार यह दिन मादक पदाथरें के सेवन से मुक्त एक अंतरराष्ट्रीय समाज बनाने के लक्ष्य को एक चेतावनी के रूप में प्रस्तुत करता है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 25 Jun 2020 10:59 PM (IST)Updated: Fri, 26 Jun 2020 06:12 AM (IST)
नशे की रोकथाम के लिए कठोर हों कानून
नशे की रोकथाम के लिए कठोर हों कानून

सुभाष शर्मा, नंगल : नशा विरोध दिवस 26 को मनाया जाएगा। 1987 में संयुक्त राष्ट्र महासभा के कार्यक्रम अनुसार यह दिन मादक पदाथरें के सेवन से मुक्त एक अंतरराष्ट्रीय समाज बनाने के लक्ष्य को एक चेतावनी के रूप में प्रस्तुत करता है। समाज के प्रति चिंतित बुद्धिजीवीयों का यह मानना है कि दिनोंदिन नशों की तरफ आकर्षित होती जा रही युवा पीढ़ी के उचित मार्गदर्शन के लिए किए जा रहे प्रयास न काफी हैं। यही वजह है कि आज युवा पीढ़ी नशे की दलदल में धेंसती जा रही है। बात करें सीमावर्ती इलाकों की तो यहां पंजाब हिमाचल सीमा पर चौकसी के अभाव का फायदा उठा कर ड्रग माफिया सक्रिय है। कोविड 19 के लिए लगाए लॉकडाउन के बावजूद नशे का कारोबार कर रहे तस्करों को हिमाचल व पंजाब पुलिस ने सीमावर्ती इलाकों में धर-दबोचा है। इस दिशा में चौकसी बढ़ाने की जरूरत है। ड्रग इंस्पेक्टर हो, चाहे डीटीओ हो उक्त अधिकारियों के यहां पहुंचने से पहले ही छापों की खबर मिल जाने से माफिया हर बार पकड़े जाने से बच जाता है। माफिया का यह नेटवर्क सुरक्षा कारणों पर भी प्रश्नचिन्ह है। इस बारे में विभिन्न जनप्रतिनिधि भी चिंता में हैं।

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रोजगार के देने होंगे अवसर

पूर्व पार्षद एवं जिला बार एसोसिएशन रूपनगर के पूर्व प्रधान एडवोकेट परमजीत सिंह पम्मा ने कहा है कि युवाओं के लिए अच्छे रोजगार के साधन पैदा करके ही हम नशाखोरी को रोक सकते हैं। बेरोजगारों के आंकड़े तैयार करके नहीं बल्कि उनके प्रति चिंता करके ही नशाखोरी पर अंकुश लगाया जा सकता है। --फोटो 25 एनजीएल 09 पुलिस को तैयार करनी होगी रूपरेखा

नंगल-भाखड़ा मजदूर संघ इंटक के कार्यकारी अध्यक्ष गोपाल शर्मा के अनुसार युवाओं को नशे के प्रतिकूल असर से जागरूक करने के लिए जागरूकता अभियान तेज करना चाहिए। इस लिए जिला प्रशासन को गम्भीरता से ठोस रूपरेखा तैयार करनी होगी। जिला प्रशासन को सभी समाज सेवी संगठनों के साथ हर माह में दो बार बैठकें करने के अलावा हिमाचल के प्रशासन से भी मिलकर ज्वाइंट एक्शन प्लान तैयार करना चाहिए। --फोटो 25 एनजीएल 10 नशे के खिलाफ किया जाए संगठनों का गठन

मार्डन एवेन्यू रेजीडेंटस वेलफेयर एसोसिएशन नया नंगल के प्रधान ओम प्रकाश परमार का कहना है कि सरकार की तरफ से जारी नशा विरोधी प्रयासों में युवाओं को भी बढ़-चढ़कर सहयोग देना चाहिए ताकि नशे को जड़ से खत्म किया जा सके। सरकार को चाहिए कि नशाखोरी के विरुद्ध काम करने के लिए अधिक से अधिक संगठनों का गठन किया जाए।

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बेरोजगारी खत्म करने के होने चाहिए प्रयास

बीबीएमबी के कर्मचारी नेता अजय कुमार शर्मा के अनुसार निराशा के आलम में हमारे नौजवान नशे की आगोश में जा रहे हैं। इस लिए युवाओं के लिए विशेष कार्यक्रम व उन्हें रोजगार दिलाने की तरफ सरकार को एक व्यापक अभियान शुरू करना चाहिए। युवाओं की सामाजिक सुरक्षा के लिए केंद्र सरकार को एक विशेष सैल गठित करना चाहिए ताकि युवा बेरोजगारी के हालातों में न भटकें।

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बेरोजगारी से बढ़ रही नशाखोरी

सोशल वर्कर राकेश मैहता ने कहा है कि सभी संगठनों की युवाओं के प्रति गंभीरता व चिंतित जरूरी है। आने वाला समय युवा पीढ़ी के लिए नाजुक दौर बन कर आने वाला है, क्योंकि बेरोजगारी का ग्राफ लगातार बढ़ता जा रहा है। बेरोजगार युवा ही निराशा के आलम में जीने के लिए नशे को अपना सहारा बना रहे हैं जो चिंता का विषय है।

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जागरूकता भी जरूरी

जिला परिषद रोपड़ के पूर्व सदस्य राम कुमार सहोड़ का कहना है कि नशे के दुष्प्रभावों के बारे जागरूकता पैदा करने के प्रयास तेज करने होंगे। नुक्कड़ नाटकों के आयोजन इस दिशा में कारगर साबित हो सकते हैं। ग्रामीण इलाके में भी फैल रही नशे की आदत को रोकना सभी की जिम्मेदारी है।

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नशा तस्करों पर हो कड़ी कार्रवाई

योगाचार्य आरएस राणा ने कहा है कि नशे को जड़ से खत्म करने के लिए पुलिस को ड्रग मामले में पकड़े जाने वाले आरोपितों से कड़ी पूछताछ करके उन बड़े लोगों पर कार्रवाई करनी चाहिए जो सही मायनों में नशे को बढ़ावा दे रहे हैं। कार्रवाई प्रभावी होनी चाहिए न कि छोटे-छोटे नशा करने वाले लोगों को पकड़ कर महज खानापूर्ति की जानी चाहिए।

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समाजसेवी संगठन करें प्रयास

समाज सेवक नवीन पुरी का कहना है कि समाज सेवी संगठनों को इस दिशा में प्राथमिकता के आधार पर काम करना होगा, क्योंकि युवाओं में नशे की प्रवृत्ति तेजी से बढ़ती जा रही है। नशे से ही हमारा समाज खोखला बन कर राष्ट्र को नुकसान पहुंचा सकता है। बेरोजगारी का खात्मा करके ही नशाखोरी रोकी जा सकती है।


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