विजिलेंस टीम ने रुकवाया सड़क बरमों का काम
विजिलेंस में दी गई विकास कार्यों में धांधली की शिकायत के मामले में विजिलेंस टीम ने शहर में दबिश दी।
जागरण संवाददाता, रूपनगर
साल 2017 में शहर के समाजसेवी गुरविदर सिंह जग्गी की ओर ये विजिलेंस में दी गई विकास कार्यों में धांधली की शिकायत के मामले में विजिलेंस टीम ने मंगलवार को शहर में दबिश दी। सुबह नौ बजे पहुंची टीम शाम तक शहर में हुए विकास कार्यों की पैमाइश करती रही। टीम ने सबसे पहले करवाए गए विकास कार्यों की फाइलें ली और फिर कौंसिल के एमइ कुलदीप अग्रवाल समेत अन्य कर्मचारियों को लेकर फील्ड में कार्यों की पैमाइश के लिए निकल गई। टीम ने अकाली पार्षद हरजीत कौर के वार्ड में सुखरामपुर टप्परियां में सड़क के बरमों के चल रहे निर्माण के एक काम को रुकवा दिया, क्योंकि न तो काम करने वाले ठेकेदार का वहां कोई अता-पता था व न ही कौंसिल के एमइ कुलदीप अग्रवाल को काम की कोई जानकारी थी। मौके पर काम करवा रहे एक व्यक्ति ने कहा कि प्रधान के कहने पर ये काम करवा रहे हैं। उन्हें कोई अलॉमेंट नहीं हुई। बता दें कि विजिलेंस ब्यूरो की टीम लोकसभा चुनाव से ऐन पहले भी आई थी, लेकिन तब एक बार टीम ने दौरा करने के बाद कोई कार्रवाई नहीं की थी। अब विजिलेंस ब्यूरो की टीम एक्सईएन गुरआलम सिंह बराड़ और एसडीओ बीके सोनी की अगुवाई में दोबारा पहुंची है। वहीं टीम ने हवेली मोड़ निकट जीएस स्पोर्ट्स से लेकर एसएसपी रिहायश तक सड़क के दोनों ओर लगी इंटरलॉक टाइलों की पैमाइश की और फिर मल्होत्रा कॉलोनी में भी विकास कार्यों की पैमाइश की। किसने बनाई सड़कें, लिखकर दें माधोदास कॉलोनी में कंक्रीट की सड़कों के निर्माण को लेकर मौके पर खूब बहस भी हुई। पार्षद अमरजीत सिंह जौली व गुरविदर सिंह जग्गी ने कहा कि कंक्रीट की सड़कें कौंसिल ने बनवाई हैं। इस पर एसइ कुलदीप अग्रवाल बोले कि मुझे इस बारे में पता नहीं है। ये तो इंप्रवूमेंट ट्रस्ट ने बनाई है। मौके पर विजिलेंस टीम में शामिल एसडीओ बीके सोनी ने कहा कि एमइ अग्रवाल लिखकर दें कि कौंसिल ने सड़कें नहीं बनाई। इस पर एसइ अग्रवाल ने कहा कि मैं नहीं, ये तो ईओ लिखकर देंगे। फिर बीके सोनी ने कहा कि वो लिखेंगे कि एमई अग्रवाल ने जांच में सहयोग नहीं दिया। बाद में एमई अग्रवाल ने बताया कि एक अक्टूबर 2014 के प्रस्ताव के मुताबिक शहर में साढ़े तीन करोड़ की सड़कें कंक्रीट की बनी थी, ये काम इंप्रवूमेंट ट्रस्ट ने करवाया था। विजिलेंस ब्यूरो को दें शिकायत
वहीं आप के जिला मीडिया इंचार्ज रणजीत सिंह पतियालां ने विजिलेंस ब्यूरो की टीम के आगे डिस्पोजल की अव्यवस्था पर सवाल उठाए। उन्होंने आसपास के इलाके में सीवरेज के ओवरफ्लो से होने वाले नुकसान के बारे में बताया। टीम ने उन्हें नई शिकायत विजिलेंस ब्यूरो को देने के लिए कहा। पतियालां ने कहा कि उन्होंने तो कौंसिल प्रधान को चुनौती दी थी कि डिस्पोजल की एक साथ तीन मोटरें चलाकर दिखाई जाएं। अगर डिस्पोजल चलता रहा, तो वो कौंसिल को एक लाख रुपये देंगे, लेकिन कौंसिल प्रधान ने उनकी चुनौती स्वीकार नहीं की। जांच मुकम्मल होने के बाद होगी स्थिति स्पष्ट विजिलेंस ब्यूरो के सब इंसपेक्टर हरबंत सिंह ने कहा कि विजिलेंस ब्यूरो की टीम गुरविदर सिंह की ओर से साल 2017 में दी गई शिकायत नंबर 188 की इंक्वायरी कर रही है। पहले एक बार दौरा किया जा चुका है और चुनाव आचार संहिता के कारण इंक्वायरी तब मुकम्मल नहीं हो पाई थी। अब दोबारा जांच आरंभ की गई है। जांच मुकम्मल होने तक कुछ स्पष्ट नहीं कहा जा सकता। जहां ले जाना चाहता हूं वहां नहीं जा रही टीम शिकायतकर्ता गुरविदर सिंह जग्गी ने कहा कि उन्होंनेसाल 2017 में शिकायत की थी, लेकिन जांच अभी तक पूरी नहीं हो पाई। वे विजिलेंस अधिकारियों को बसंत नगर, मल्होत्रा कॉलोनी, लोदियां मोहल्ला व मेन बाजार में हुए विकास कार्यो की छानबीन के लिए वहां ले जाना चाहते हैं, पर टीम वहां नहीं जा रही। एमइ अग्रवाल जहां ले जा रहे हैं, टीम वहीं जा रही है। अकाली समर्थक उसे कह रहे हैं कि प्रधान का कार्यकाल तो दो तीन महीने में पूरा हो जाएगा, कोई कार्रवाई नहीं होगी।