मांगें पूरी नहीं करने पर पेंशनरों ने जताया रोष
ंजाब पेंशनर यूनियन की जिलास्तरीय बैठक प्रदेश कोषाध्यक्ष कामरेड मुकंद लाल की अध्यक्षता में हुई।
संवाद सहयोगी, रूपनगर : रूपनगर के महाराजा रणजीत सिंह बाग में पंजाब पेंशनर यूनियन की जिलास्तरीय बैठक प्रदेश कोषाध्यक्ष कामरेड मुकंद लाल की अध्यक्षता में हुई जिसमें पेंशनरों से जुड़ी मांगों पर गंभीरता से विचार किया गया। बैठक में पेंशनरों की मांगों प्रति सरकार के उदासीन रूख को लेकर रोष बी जताया गया।
दीदार सिंह सहित बलविदर सिंह, निक्का सिंह और हरबंस ने कहा कि विधानसभा चुनावों के दौरान सरकारी कर्मियों और पेंशनरों से बड़े बड़े वादे करते हुए कांग्रेस ने पंजाब अंदर सत्ता तो हासिल कर ली, लेकिन सत्ता के ढाई साल बीत जाने के बाद कर्मियों और पेंशनरों से किया एक भी वादा पूरा नहीं किया गया जिसको लेकर पेंशनरों सहित सरकारी कर्मचारियों में रोष पाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पूर्व बादल सरकार के कार्यकाल के दौरान विधायकों के वेतन और पेंशन तो बड़े स्तर पर बढ़ोतरी की गई जोकि आज बी जारी है लेकिन पेंशनरों का हक देने में सरकार द्वारा लगातार आनाकानी की जा रही है। उन्होंने कहा कि संविधान की अगर माने तो जनप्रतिनिधि बनना सेवा का पद है जिसके लिए कोई मानदेय नहीं बनता लेकिन यहां विधायकों के मानदेय में लगातार बढ़ोतरी की जा रही है।
उन्होंने रोष जताते हुए कहा कि 2014 के बाद वाले सारे कर्मियों के लिए पेंशन की सुविधा बंद की जा चुकी है, जबकि लगभग सारे विभागों में कामि ठेकेदारी सिस्टम से करवाए जाने लगे हैं व हालात यह हैं कि कर्मचारियों और पेंशनरों के भविष्य की कोई गारंटी नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि पिछले 45 वर्षो के दौरान बेरोजगारी चरम पर पहुंच चुकी है। उन्होंने कहा कि पिछले समय के दौैरान मांगों को लेकर बुजुर्ग नेता सज्जन सिंह ने मरण व्रत भी रखा था जिसे इस भरोसे के साथ खुलवाया गया कि सारी मांगों को जल्द पूरा किया जाएगा, लेकिन मांगों को पूरा करना तो दूर सरकार बात तक करने को तैयार नहीं। उन्होंने मांगों का पूरा ब्योरा पेश करते हुए सरकार से मांग की कि विभिन्न विभागों में ठेकेदारी सिस्टम को स्थाई रूप से बंद करते हुए रेगुलर भर्ती की जाए जबकि अन्य मांगों को भी जल्द मंजूर किया जाए। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर उनकी मांगों को जल्द मंजूर करते हुए लागू नहीं किया गया तो जारी संघर्ष को उग्र रूप दिया जाएगा। इस मौके करनैल सिंह सहित बलबीर सिंह, रचन सिंह, सतनाम सिंह, दिलबाग सिंह, मोहन लाल, जसवीर सिंह, अमन सिंह, जोध सिंह, केहर सिंह, रमेश कुमार, मोहन सिंह, महिदर सिंह व गुरनाम सिंह आदि विशेष रूप से हाजिर थे।