जल शक्ति अभियान को आपसी तालमेल व गंभीरता से बनाएं लोक लहर: मीनाक्षी रावत
भारत सरकार द्वारा जल शक्ति अभियान के लिए नियुक्त इकोनॉमिक एडवाइजर मीनाक्षी रावत ने सोमवार को लघु सचिवालय में विभिन्न विभागों के अधिकारियों से बैठक की। उन्होंने सभी को हिदायत दी कि जल शक्ति अभियान को गंभीरता से लेते हुए आपसी तालमेल के साथ लोक लहर बनाया जाए।
संवाद सहयोगी, रूपनगर : भारत सरकार द्वारा जल शक्ति अभियान के लिए नियुक्त इकोनॉमिक एडवाइजर मीनाक्षी रावत ने सोमवार को लघु सचिवालय में विभिन्न विभागों के अधिकारियों से बैठक की। उन्होंने सभी को हिदायत दी कि जल शक्ति अभियान को गंभीरता से लेते हुए आपसी तालमेल के साथ लोक लहर बनाया जाए। देश में हर किसी को सहभागी बनाते हुए पानी की संभाल को सुनिश्चित बनाया जा सके। इस मौके उनके साथ सेंट्रल ग्राउंड वाटर के तकनीकी अफसर डॉ. अनादी गय्यन के अलावा एडीसी जनरल जगविदरजीत सिंह ग्रेवाल, एडीसी विकास अमरदीप गुजराल विशेष रूप से हाजिर थे।
मीनाक्षी रावत ने कहा कि भारत सरकार ने जिला रूपनगर सहित देश के 255 जिलों में जल शक्ति अभियान को शुरू किया है जिसके तहत पानी की होने वाली बर्बादी को रोकने के साथ साथ जरूरत के अनुसार पीने योग्य पानी उपलब्ध करवाने का रास्ता आसान बनाने, पानी की गुणवत्ता में सुधार लाने के अलावा धरती के भीतर पानी के गिरते स्तर में सुधार लाया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस पूरे अभियान की सफलता के लिए आम लोगों की भागीदारी बहुत जरूरी है। उन्होंने इस अभियान के साथ शिक्षण संस्थानों के विद्यार्थियों सहित एनजीओ, पंचों व सरपंचों व अधिक से अधिक संख्या में लोगों को जोड़ने की हिदायत भी दी। उन्होंने बताया कि 15 सितंबर तक चलाए जाने वाले इस पहले पड़ाव के तहत हर स्तर पर पानी की बचत व संभाल को लेकर हर संभव गतिविधि के चलाया जाए जिसके बाद जिला स्तरीय पानी संभाल योजना की रूपरेखा तैयार करते हुए भारत सरकार को भेजा जाना सुनिश्चित बनाया जाए। शुरुआती दौर में जिले के ब्लाकों में उपलब्ध पानी के साथ साथ बारिश के पानी की संभाल, रिवायती छप्पड़ों व तालाबों का नवीनीकरण, वाटरशैड का निर्माण, धरती के गिरते भीतरी जल स्तर को ऊपर उठाने के लिए रिचार्ज कुआं प्रणाली विकसित करने के अलावा जंगली क्षेत्र को बढ़ाने पर विशेष ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
सेंट्रल ग्राउंड वाटर के तकनीकी अफसर डॉ. अनादी गय्यन ने कहा कि अगर हमने आज पानी की संभाल नहीं की तो यह उदासीनता भविष्य में मनुष्य के अस्तित्व पर बड़ा खतरा साबित होगी। उन्होंने भूमि संभाल विभाग सहित वन विभाग, सिचाई विभाग, कृषि विभाग, ड्रेनेज विभाग, जल सप्लाई विभाग, ग्रामीण विकास एवं पंचायत विभाग, सीवरेज विभाग, नगर निगम व नगर कौंसिलों के अधिकारियों को कहा कि इस अभियान को अति गंभीरता से लेते हुए इस संबंधी उठाए जाने नावे कदमों के बारे जल्द जानकारी उपलब्ध करवाई जाए। उन्होंने धरती के भीतरी पानी के कम प्रयोग सहित फसली विभिन्नता, ड्रिप इरीगेशन, अंडर ग्राउंड पाइप लाइन, सीवरेज के ग्रे व ब्लेक पानी को अलग करने, अधिक से अधिक पौधे लगाने, बारिश के पानी की संभाल के लिए इमारतों की छतों के प्रयोग बारे विचार रखे।