दो दिन में 15 लाख ने नवाया शीश
आनंदपुर साहिब में मनाए जा रहे राष्ट्रीय त्योहार होला-महल्ला के दूसरे दिन देश-विदेश से लाखों की संख्या में पहुंची संगत ने अलग अलग गुरुघरों में माथा टेका। इस मौके गुरुद्वारा तख्त श्री केसगढ़ साहिब गुरुद्वारा गुरु के महल (भोरा साहिब) गुरुद्वारा शीशगंज साहिब गुरुद्वारा किला आनंदगढ़ साहिब गुरुद्वारा किला फतेहगढ़ साहिब आदि में घंटों तक कतारों में लगकर बारी की प्रतीक्षा करते हुए शीश निवाया।
संवाद सहयोगी, आनंदपुर साहिब
आनंदपुर साहिब में मनाए जा रहे राष्ट्रीय त्योहार होला महल्ला के दूसरे दिन देश-विदेश से लाखों की संख्या में पहुंची संगत ने अलग अलग गुरुघरों में माथा टेका। मेले में दो दिन में करीब 15 लाख लोगों ने माथा टेका। गुरुद्वारा तख्त श्री केसगढ़ साहिब, गुरुद्वारा गुरु के महल (भोरा साहिब), गुरुद्वारा शीशगंज साहिब, गुरुद्वारा किला आनंदगढ़ साहिब, गुरुद्वारा किला फतेहगढ़ साहिब आदि में घंटों तक कतारों में लगकर बारी की प्रतीक्षा करते हुए शीश नवाया। इस दौरान तख्त श्री केसगढ़ साहिब में जारी धार्मिक समागमों में माथा टेकने के लिए पहुंचे एसजीपीसी प्रधान भाई गोबिद सिंह लोंगोवाल ने संगत को होला महल्ला की बधाई दी। इस मौके उन्होंने कहा कि गुरु साहिब द्वारा भारत वासियों में समय की जालिम सरकारों का मुकाबला करने के लिए प्राचीन होली के त्योहार को नया रूप देते हुए होला महल्ला की परंपरा आरंभ की थी, जिसमें लोगों को युद्ध कला के अभ्यास में शामिल तलवारबाजी, नेजेबाजी आदि का प्रशिक्षण देकर जुलम का सामना करने के लिए तैयार किया गया था। उन्होंने संगत से अपील की कि होला महल्ला के मौके गुरु साहिब के दर्शाए मार्ग पर चलते हुए बाणई व बाणे के धारनी बनें। इससे पहले करवाए जा रहे धार्मिक समागमों के दौरान सुबह के समय श्री दरबार साहिब अमृतसर के हजूरी रागी भाई जसपिदर सिंह द्वारा आसा दी वार, दरबार साहिब के ग्रंथी ज्ञानी गुरमिदर सिंह द्वारा कथा विचार, तख्त श्री केसगढ़ साहिब के हेडग्रंथी फूला सिंह द्वारा पावन शस्त्रों के दर्शन व संक्षिप्त इतिहास, गुरप्रीत सिंह होशियारपुर, ज्ञानी जसवंत सिंह परवाना, सतनाम सिंह कोहा़ड़का, ज्ञानी बलदेव सिंह पावटा साहिब, ज्ञानी गुरबख्श सिंह, गुलशन सिंह आदि ने संगत को निहाल किया। आनंदपुर साहिब के समूह क्षेत्र को होला-महल्ला मौके संगत द्वारा लगाए जा रहे जो बोले सो निहाल, सति श्री अकाल के जयकारों ने खालसाई रंग में रंग दिया। जबकि गुरु की ला़डली फौज निहंग सिंह द्वारा भी अपनी छावनियों में से सजधज कर होला-महल्ला में शामिल हुए संगत के लिए आकर्षण का केंद्र बने हुए थे। आनंदपुर साहिब के गुरुद्वारा गुरु का बाग छावनी निहंग सिंह शिरोमणि अकाली बुड्ढा दल में गुरु की फौज द्वारा रिवायती शहीदी देग की छबीलें लगाई गई हैं। कल होगा युद्ध कौशल का प्रदर्शन इस दौरान शिरोमणि पंथ अकाली बुड्ढा दल के प्रमुख जत्थेदार बाबा बलबीर सिंह ने कहा कि समूह निहंग सिंह फौजों द्वारा होला महल्ला के समापन मौके 22 मार्च को सजाए जा रहे महल्ले मौके युद्ध के करतब, घुड़सवारी, नेजेबाजी व गतका के जौहर दिखाने की तैयारियां मुकम्मल कर ली गई हैं।------