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राजनाथ व अमित शाह ने क‍हा, सिखों की कुर्बानियां बेमिसाल

पूरी श्रद्धा व उमंग के साथ भक्तिमय माहौल में यहां गुरु की पावन धरती पर श्री आनंदपुर साहिब का 350 साला स्थापना दिवस समारोह 'आनंद उत्‍सव' आयोजित हुआ। समारोह में केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह व भाजपा के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष अमित शाह सहित कई नेता मौजूद रहे। राजनाथ व शाह ने अपने संबोधन में कहा कि देश व मानवता के लिए सिख गुरुओं व सिखों की कुर्बानियां बेमिसाल हैं।

By Sudhir JhaEdited By: Published: Fri, 19 Jun 2015 11:12 AM (IST)Updated: Fri, 19 Jun 2015 06:50 PM (IST)
राजनाथ व अमित शाह ने क‍हा, सिखों की कुर्बानियां बेमिसाल

श्री आनंदपुर साहिब में बही श्रद्धा, प्रेम व आनंद की धारा

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श्री आनंदपुर साहिब (रोपड़) : पूरी श्रद्धा व उमंग के साथ भक्तिमय माहौल में यहां गुरु की पावन धरती पर श्री आनंदपुर साहिब का 350 साला स्थापना दिवस समारोह 'आनंद उत्सव' आयोजित हुआ। समारोह में केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह व भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह सहित कई नेता मौजूद रहे। राजनाथ व शाह ने अपने संबोधन में कहा कि देश व मानवता के लिए सिख गुरुओं व सिखों की कुर्बानियां बेमिसाल हैं।

देश पर श्री आनंदपुर साहिब का कर्ज : शाह

अमित शाह ने कहा देश पर श्री आनंदपुर साहिब का कर्ज है। यह शहादत व अध्यात्म का केंद्र है। यहां से मानवता, प्रेम व सर्वधर्म सद्भाव का संदेश मिलता है। उन्हाेंने देश की तरक्की सिखों के योगदान की चर्चा की और सिख गुरुओं की शहादत को नमन किया। वह केवल दो मिनट ही बोले।

सिखों का संस्कृति की रक्षा में सबसे बड़ा योगदान : राजनाथ

केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि हिंदुस्तान की संस्कृति की रक्षा में सबसे बड़ा योगदान सिखोें ने दिया है। उन्होंने पंजाब के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल की ओर मुखातिब होते हुए कहा कि कोई पंथक होने का आरोप लगाता है तो उससे घबराएं नहीं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस समारोह में आना चाहते थे, लेकिन व्यस्तताओं के कारण ऐसा नहीं कर पाए। तंजानिया के राष्ट्रपति आज भारत आ रहे हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री का श्ुाभकामना संदेश दिया।

केंद्रीय गृहमंत्री ने पंजाब की ज्वलंत समस्या नशे के बारे में भी लाेगों को जागरूक किया। राजनाथ सिंह ने कहा जनता के सहयोग के बिना नशे की समस्या पर काबू पाना संभव नहीं है। राज्य सरकार इस पर काबू पाने की भरपूर कोशिश कर रही है। उन्होंने युवाओं से कहा कि वे यहां से संकल्प लेकर जाएं कि नशा नहीं करेंगे।

कुछ लोगों ने की नारेबाजी

इससे पहले राजनाथ सिंह ने बोलना श्ुारू किया तो समारोह में 8-10 लोगों ने नोरबाजी करनी श्ाुरू कर दी। पुलिस ने उन्हें दबोच लिया और बाहर ले गई। ये लोग जेलों में बंद सिखों की रिहाई की मांग कर रहे थे। इस घटना से समारोह में कोई व्यवधान नहीं हुआ।

गुरु शबद ज्ञान से हुई श्ाुरूआत

इससे पहले सुबह समारोह की श्ाुरुआत गुरु शबद का ज्ञान से हुर्इ। समागम के मुख्य मंच पर श्री गुरुग्रंथ साहिब सुशोभित हैं। इस मौके पर श्रीनगर वाले हरविंदर सिंह ने गुरु संवाद का ज्ञान किया। समारोह में संगत का समुंदर सा उमड़ पड़ा है। मुख्यमंत्री बादल, श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी गुरबचन सिंह, शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष अवतार सिंह सहित कई प्रमुख लोग मौजूद रहे। समारोह मेें हरियाणा व पंजाब के राज्यपाल कप्तान सिंह सोलंकी, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर, योगगुरु स्वामी रामदेव भी मौजूद रहे।

नफरत के बीज बोने वाली बात न करें : बादल

पंजाब के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने कहा कि काेई ऐसी बात न करे जिससे देश में नफरत के बीज बोए जाएं।अमित शाह, राजनाथ व खट्टर यहां दूर से अाए हैं, इसलिए यहां से एेसी शक्ति निकले व दूर-दूर तक जाए जिससे देा की एकता व अखंडता मजबूत हाे और प्रेम बढ़े।

उन्होंने कहा कि यह सिर्फ सिखों का नहीं सभी धर्मों का कार्यक्रम है। पंजाब में सभी धर्मों का सम्मान किया जाता है। यहां क्रिसमस मनाई जाती है तो रसंत रविदास जयंती व वाल्मीकि जयंती भी मनाई जाती है। सिख कौम बहुत वफादार कौम है, लेकिन इस बदनाम किया जाता है। यह कहा जाता है कि यह पंथक एजेंडा है। क्या गुरु गोबिंद सिंह के शस्त्रों को संगत को दिखाना गलत है।

केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष्ा अमित शाह व उत्तीसगढ़ के राज्यपाल बलराम दास टंडन समारोह भी शामिल हुए। उनके साथ केंद्रीय मंत्री विजय सांपला, केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल व पंजाब के उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल भी हैं। उन्हाेंने पहले तख्त श्री केसगढ़ साहिब में माथा टेका और उसके बाद मुख्य समारोह में पहुंचे। समारोह में पहुंचने पर मुख्यमंत्री बादल व अन्य लोगों ने अमित शाह, राजनाथ सिंह व अन्य अतिथियों का स्वागत किया।

बाबा रामदेव समेत बौद्ध, इस्लाम समेत विभन्न धर्मों के नेताओं ने सम्मेलन को संबोधित किया। सभी धार्मिक नेताओं ने कहा कि धर्मों का मूल एक है। मानवता। सभी ने सिख साहिबानों की कुर्बानियों को याद किया। बाबा रामदेव ने कहा कि जिस तरह दुनिया भर में 21 को योग दिवस मनाया जा रहा है। इसी तरह दुनिया आनंदपुर साहिब का 350 साला समागम मनाया जाना चाहिए था, मगर अभी जागरूकता की कमी है।

इस अवसर पर ज्ञानी गुरबचन सिंह ने कहा कि सिख परंपराओं की रक्षा करना व उनकाे आगे बढ़ाना जरूरी है। इन परंपराओं पर पहरा जरूरी है। अवतार सिंह ने कहा कि देश व दुनिया को श्री आनंदपुर साहिब की धरती ने ही धर्मनिरपेक्षता का संदेश दिया।

दमदमी टकसाल के मुखिया व संत समाज के प्रमुख हरनाम सिंह खालसा ने कहा कि केंद्र सरकार जेलों में बंद सिखों को रिहा करे। देश हित के लिए सरकार कानून से हटकर सोचे। उन्होंने कहा कि सिखों की छवि को बिगाड़ा जा रहा है। यह ठीक नहीं है और यह बंद होना चाहिए। प्रधानमंत्री मोदी विदेश जाते रहते हैं। वे वहां रह रहे सिखों की समस्याआें को हल कराएं।

दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष मनजीत सिंह जीके ने कहा कि आनंदपुर की धरती र्कुबानियों की है। उन्होंने पंजाब के मुख्यमंत्री प्रकाया सिंह बादल से अनुरोध किया कि वह प्रधनमंत्री नरेंद्र मोदी से बात कर पाकिस्तान स्थित गुरुद्वारे की जमीन के मामले का हल कराएं।

सिखों को नहीं मिला इंसाफः सुखबीर
पंजाब के उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल ने कहा सिखों को 1984 कत्लेआम का अभी तक इंसाफ नहीं मिला। सिखों को इंसाफ का इंतजार है। मौजूदा केंद्र सरकार से उन्हें इंसाफ की उम्मीद है।देश की कुल आबादी मेंमहज दो फीसदी होने के बावजूद सिखों ने आजादी की लड़ाई से लेकर देश की तरक्की में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।

दशम पिता श्री गुरु गोबिंद सिंह जी के युद्धों व सिखों की शहादत की गवाह पावन धरती श्री आनंदपुर साहिब के 350वें स्थापना दिवस पर माता नानकी हाल में मुख्य आयोजन हो रहा है। 1699 की बैसाखी के पावन पर्व पर दशम पिता ने सतलुज नदी के जल को खंडे-बाटे की पाहुल के लिए प्रयोग कर इस दरिया को इतिहास में अमर कर दिया है।

गुरु चरणों से आनंदित इस पावन धरती पर दिल्ली दरबार की सत्ता पर काबिज भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह, गृह मंत्री राजनाथ सिंह सहित कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों की उपस्थिति ने इतिहास में एक नया पन्ना जोड़ा।


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