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कांस्टेबल परमजीत की हत्या के 10 आरोपित पटियाला और नाभा जेल शिफ्ट, एएसआइ सस्पेंड

जला जेल में बंद 10 आरोपित पूर्व व मौजूदा पुलिस मुलाजिमों को पटियाला और नाभा जेल शिफ्ट कर दिया गया है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 21 Jun 2019 10:41 PM (IST)Updated: Fri, 21 Jun 2019 10:41 PM (IST)
कांस्टेबल परमजीत की हत्या के 10 आरोपित पटियाला और नाभा जेल शिफ्ट, एएसआइ सस्पेंड
कांस्टेबल परमजीत की हत्या के 10 आरोपित पटियाला और नाभा जेल शिफ्ट, एएसआइ सस्पेंड

जागरण संवाददाता, रूपनगर : वर्ष 1993 में कांस्टेबल परमजीत सिंह की हत्या के मामले में जिला जेल में बंद 10 आरोपित पूर्व व मौजूदा पुलिस मुलाजिमों को पटियाला और नाभा जेल शिफ्ट कर दिया गया है। जिला जेल में अब सिर्फ एक महिला आरोपित बची है। आरोपित पूर्व सब इंस्पेक्टर संतोख सिंह के इलाज के बहाने जेल से बाहर जाकर घर पर आराम करने की घटना उजागर होने के बाद जेल प्रशासन ने यह कदम उठाया है। सात आरोपितों को पटियाला और अन्य को नाभा जेल भेजा गया है। वहीं, जिला पुलिस ने गार्द में तैनात एएसआइ जो आरोपित पूर्व सब इंस्पेक्टर संतोख सिंह के साथ था, उसे सस्पेंड कर दिया है। एसएसपी स्वपन शर्मा का कहना है कि जिला जेल में बंद कुल 11 आरोपितों में से छह को 18 जून को पीजीआइ चंडीगढ़ और 32 सेक्टर अस्पताल के लिए भेजा गया था। इनमें पूर्व सब इंस्पेक्टर संतोख सिंह भी शामिल था। संतोख सिंह जेल से निकलने के बाद अपनी निजी गाड़ी में चंडीगढ़ घूमता रहा और फिर मोहाली में अपने घर जाकर आराम किया। शाम को अपनी ही गाड़ी से वापस जेल पहुंचा। जिला जेल प्रबंधन ने उसे पीजाआइ चंडीगढ़ चमड़ी रोग विशेषज्ञ के पास भेजा था। उसके साथ वीडियो क्लिप में गार्द का एक मुलाजिम ही दिखाई देता है। पूर्व सब इंस्पेक्टर की ये वीडियो परमजीत के भाई ने रणधीर सिंह ने बनाई और मुख्यमंत्री, जेल मंत्री, डीजीपी, एडीजीपी जेल से शिकायत कर दी थी।

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आरोपितों ने परमजीत की मौत को बना दिया था आतंकियों से मुठभेड़:

नौ जुलाई 1993 की शाम को कांस्टेबल परमजीत सिंह महिला मोहिदर कौर के गांव गया था। मंहिदर कौर ने ख्वासपुरा के भाग सिंह से नौकरी दिलाने के बदले पांच हजार रुपये की ठगी की थी। परमजीत महिला से पैसे वापस दिलाने गया था। साइकिल पर जा रहे परमजीत को पुलिस पार्टी ने गोलियां चला दी थीं। पुलिस ने मामले को आतंकियों के साथ मुठभेड़ का बना दिया था। रूपनगर की अदालत ने 30 मार्च 2019 को आरोपित तत्कालीन एसएसचओ हरपाल सिंह (सेवानिवृत एसपी) समेत तत्कालीन एएसआइ संतोख सिंह, गुरनाम सिंह तत्कालीन एएसआइ बेला चौकी, इकबाल मोहम्मद तत्कालीन हेड कांस्टेबल, मोहिदर सिंह तत्कालीन कांस्टेबल, सुखविदर लाल तत्कालीन कांस्टेबल, परमेल सिंह तत्कालीन कांस्टेबल, रजिदर सिंह तत्कालीन कांस्टेबल, जसविदर सिंह तत्कालीन कांस्टेबल और महिला मोहिदर कौर पर हत्या के चार्ज फ्रेम किए थे। आरोपित इकबाल मोहम्मद महिदर सिंह और जसविदर सिंह अब भी पुलिस सर्विस में हैं।

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