सुखबीर पर हमला करने के लिए समाना में भाखड़ा नहर किनारे छिपाए हथियार बरामद
पूर्व डिप्टी सीएम पर हमला करने के लिए जर्मन ¨सह ने समाना स्थित भाखड़ा नहर किनारे अवैध हथियारों कीखेप पहुंचा दी थी। इन हथियारों को नहर के किनारे छिपा दिया था, पुलिस रिमांड के दौरान आरोपित जर्मन ¨सह से यह हथियार बरामद कर लिए हैं। बरामद हथियारों में एक देसी राफइफल 31 बोर, एक देसी पिस्तौल 32 बोर, दो पिस्तौल 315 बोर व पांच रौंद, 32 बोर के पांच रौंद बरामद किए हैं। इसके अलावा जर्मन ¨सह का एक साथी ईशवर ¨सह को भी गिरफ्तार कर लिया है।
जागरण संवाददाता, पटियाला
पूर्व डिप्टी सीएम सुखबीर सिंह बादल पर हमला करने के लिए जर्मन ¨सह ने समाना स्थित भाखड़ा नहर किनारे अवैध हथियारों की खेप पहुंचाकर इन्हें वहां छिपा दिया था। इन हथियारों को पुलिस रिमांड के दौरान आरोपित जर्मन ¨सह की निशानदेही पर बरामद कर लिया गया है। इनमें एक देसी राइफल .31 बोर, एक देसी पिस्तौल .32 बोर व इसके पांच रौंद और दो पिस्तौल .315 बोर व पांच रौंद बरामद किए हैं। इसके अलावा जर्मन ¨सह के एक साथी ईश्वर ¨सह को भी गिरफ्तार किया गया है। आरोपित ईश्वर ¨सह उर्फ ईशर निवासी आदर्श कॉलोनी गांव बलौंगी जिला मोहाली को सर¨हद रोड इलाके से गिरफ्तार किया गया है। यह जानकारी एसएसपी मंदीप ¨सह सिद्धू ने मंगलवार को प्रेस कांफ्रेंस में दी है।
उधर, मंगलवार को जर्मन ¨सह को अदालत में दोबारा पेश किया गया। जहां से उसका 28 अक्टूबर तक पुलिस रिमांड मिला है। वहीं ईश्वर ¨सह 26 अक्टूबर तक पुलिस रिमांड पर है। इस पूरे मामले को एसपी (डी) मंजीत ¨सह बराड़, डीएसपी सुख¨मदर ¨सह चौहान, सीआइए स्टाफ के इंचार्ज श¨मदर ¨सह ने अन्य मुलाजिमों की टीम के साथ मिलकर हल किया है।
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यूपी से भागने के बाद पंजाब पहुंचा था जर्मन ¨सह
एसएसपी मंदीप ¨सह सिद्धू ने बताया कि 7 अक्टूबर को शिअद की रैली में हमला करने की नीयत से जर्मन ¨सह ने 2 अक्टूबर को यूपी के शामली इलाके में पुलिस पर हमला कर हथियार लूटे थे। इन हथियारों को लूटने के बाद सभी आरोपित फरार हो गए थे। मगर, बाद में यूपी पुलिस ने मुठभेड़ के दौरान गुरजंट ¨सह, कर्म ¨सह, अमृत ¨सह व कर्मवीर ¨सह को गिरफ्तार कर लिया था, परंतु जर्मन ¨सह फरार हो गया था। यूपी से फरार होने के बाद जर्मन सिंह पंजाब में दाखिल हुआ। यहां पर वह पटियाला के समाना इलाके में अपने नानके परिवार के पास गया। जिसके बाद वह आनंदपुर साहिब निकल गया। यहां आनंदपुर साहिब में जर्मन ¨सह व ईश्वर ¨सह की मुलाकात हुई और बाद में जर्मन ¨सह राजस्थान इलाके में निकल गया। राजस्थान में जर्मन ¨सह को 18 अक्टूबर को गिरफ्तार कर पुलिस रिमांड पर लिया गया। रिमांड के दौरान हथियारों की पूछताछ करने पर वह पुलिस को गुमराह करने लगा। आरोपित ने पहले यूपी फिर राजस्थान में हथियार छिपाने की बात कही, तो पुलिस टीम वहां पर तलाश में जुटी रही लेकिन कुछ सुराग नहीं लगा। बाद में सख्ती से पूछताछ करने पर आरोपित ने हथियार समाना में छिपाने की बात कबूल की, तो यहां से हथियार बरामद कर लिए। फिलहाल पता लगाया जा रहा है कि यह हथियार कहां से कब खरीदे गए हैं।
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यू-ट्यूब पर सीखा हथियार चलाना
आरोपित जर्मन ¨सह ने हथियारों को चलाने की ट्रे¨नग लेने के लिए इंटरनेट का सहारा लिया। यू-ट्यूब पर इंसास हथियार बेहतर तरीके से चलती देखी, तो यूपी पुलिस से यही हथियार लूटे थे। 12वीं पास जर्मन ¨सह ने इंटरनेट से हथियार चलाने की ट्रे¨नग ली और इंटरनेट पर ही अलग-अलग हथियारों की जानकारी हासिल की थी। बरामद हथियारों में एक बड़ी राइफल है, जिसकी खासियत यह है कि अगली नोजल हटाने से यह पिस्टल में बदल जाती है। इसके अलावा एक वह पिस्तौल भी बरामद की है, जिससे यूपी पुलिस से हथियार लूटते समय गोली चलाई है।
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चार साल से दोस्ती थी जर्मन ¨सह व ईश्वर की
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि आरोपित ईश्वर ¨सह बीएससी (आइटी) है, जिसकी पहचान जर्मन ¨सह के साथ चार साल से थी। इतने सालों से दोनों के बीच बातचीत होती रहती थी और यूपी वाली घटना के बाद पंजाब पहुंचने के बाद वह सीधे ईश्वर के संपर्क में आया था। जब पुलिस ने ईश्वर ¨सह को गिरफ्तार किया, तो उसके पास से एक पिस्तौल .32 बोर व पांच रौंद बरामद किए हैं। यह पिस्तौल इस साल जनवरी में उसने 40 हजार रुपये में खरीदी थी। इस केस को हल करने वाले अधिकारियों को पुरस्कृत करने के लिए सीनियर अधिकारियों के पास सिफारिश की जाएगी।
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रैली को लेकर सुरक्षा के मद्देनजर कई अनियमितताएं बरती थी प्रबंधकों ने
एसएसपी मंदीप ¨सह सिद्धू ने बताया कि 7 अक्टूबर को शिअद की रैली को लेकर सुरक्षा के मद्देनजर प्रबंधकों ने पुलिस को सहयोग नहीं दिया। सुरक्षा के लिए तीन जेड प्लस सिक्योरिटी थी, जिसमें पूरे इंतजाम किए हुए थे। यही नहीं डी सिक्योरिटी को भी रैली में शामिल लोगों ने भंग कर दिया था, जबकि उन्हें पुलिस अधिकारियों ने बार-बार आग्रह भी किया था। रैली को नेशनल हाईवे से दूर रखने की सलाह भी थी, जिसे नहीं माना गया। यहां तक कि सिक्योरिटी ग्राउंड पर ही लंगर लगा दिया, जिस वजह से हर जगह पर मुलाजिमों को तैनात करना पड़ा।